जेएनसीयू की अंतर महाविद्यालयी सांस्कृतिक प्रतियोगिता "सृजन 2021-22" के दूसरे दिन टीडी कालेज का रहा दबदबा
बलिया ।। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय की अंतर महाविद्यालयीय सांस्कृतिक प्रतियोगिता ' सृजन 2021-22' का प्रारम्भ रविवार (9 जनवरी) को हुआ। प्रतियोगिता के प्रथम दिवस पूर्वाहन में मेहँदी और रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। इसी क्रम में सोमवार को अपराह्न 1:00 बजे से गायन व वादन प्रतियोगिता श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के डॉ राजेन्द्र प्रसाद सभागार में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ ओम प्रकाश सिंह व विश्वविद्यालय सांस्कृतिक समिति की सह संयोजक डॉ निशा राघव द्वारा दीप प्रज्जवलित कर व मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। प्रतियोगिता में 7 महाविद्यालयों ने प्रतिभाग किया । जिसमें उपशास्त्रीय गायन में 11, शास्त्रीय गायन में 4 और समूह गायन में 4 टीमों के प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया। उपशास्त्रीय गायन में प्रथम स्थान संगीत सिंह (उदित नारायण महाविद्यालय, पिंडारी), द्वितीय स्थान साक्षी शुक्ला तथा तृतीय स्थान सुधा (श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय) को प्राप्त हुआ।
उपशास्त्रीय समूह गायन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान टी डी कालेज, द्वितीय कुंवर सिंह पी जी कालेज, तृतीय स्थान बांसडीह महाविद्यालय तथा सांत्वना जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय परिसर की टीम को मिला। शास्त्रीय गायन में प्रथम हरिप्रिया (उदित नारायण महाविद्यालय, पिंडारी), द्वितीय स्थान टी डी कालेज के उन्नति चौरसिया व तृतीय स्थान आनंद वर्मा को मिला।निर्णायक मंडल में राधाकृष्णन एकेडमी के संगीताचार्य विजय प्रकाश पाण्डेय व बांसडीह से रजनीकांत कुशवाहा शामिल थे।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा कि विद्यार्थियों का विकास बहुमुखी होना चाहिए। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ ऐसी प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करना चाहिए। इस कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डाॅ० निशा राघव ने, संचालन डॉ अरविंद उपाध्याय एवं धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य ने किया।
इस अवसर डाॅ० ममता सक्सेना, डाॅ० सुजीत वर्मा, डाॅ० संदीप पाण्डेय, डाॅ० जितेन्द्र कुमार वर्मा, डाॅ० सुबोध मणि त्रिपाठी, डाॅ० के के पाण्डेय, श्री आशीष कुमार, डाॅ० ओम प्रकाश तिवारी, डॉ अभय श्रीवास्तव, डॉ कनीज़ फातिमा, डॉ शकुंतला श्रीवास्तव, आदि प्राध्यापक तथा विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं परिसर के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।