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मनुष्य के अंदर छुपे गुण व ज्ञान को प्रकट करने वाला होता है गुरु

 


बलिया।महाबीर घाट स्थित गायत्री शक्ति पीठ के प्रागंण में 108कुन्डीय गायत्री महायज्ञ के दौरान तीसरे दिन सोमवार को सैकड़ों लोगों ने देव निष्ठ तपोमूर्ति पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी के शिष्य बने। इसके साथ ही सैकड़ों लोगों का विभिन्न संस्कार कराया गया।

 हरिद्वार से आये आचार्य डा.गायत्री किशोर त्रिवेदी ने गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि गु छिपा हुआ रु प्रकट कर दे,गुरु वहीं है जो मनुष्य के अंदर छुपे हुए गुण व ज्ञान को प्रकट कर दें।गुरु में निष्ठा रखने वालों का गुरु कभी साथ नहीं छोड़ता। गुरुदेव कहते है तुम मेरी ओर एक कदम चलों, मैं तुम्हारी तरफ10 कदम चलूंगा।नदी के इस तट पर बैठे मनुष्य को संसार रूपी नदी पार कराने लिए गायत्री नौका रुपी हैं,उसे गुरु पार कराते हैं।इस संसार रुपी वैतरणी को गुरु पार कराता है।








कहा कि पहली गुरु मां होती है, दूसरा गुरु पालन करने वाले पिता होते हैं व तीसरे गुरु आध्यात्मिक गुरु होते है जो भवसागर से पार करते है।बाद में संगीत के आचार्य श्रीहरि चौधरी ने संगीत के माध्यम से गुरु महत्व समझाया।सुनो युग ऋषि के जीवन पूर्ण कहानी ..., आदि कई गीतों के माध्यम से गुरु महत्ता को समझाया।उसके बाद बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार, विद्यारंभ संस्कार, मुंडन संस्कार, उपनयन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, आदि संपन्न हुआ।इस दौरान दिनेश पटेल, दयानंद शिववंशी, मनीषजी व भूषणजी मौजूद रहे।