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किसानों के सामने नई आफत बनकर खड़ा हुआ टोकन सिस्टम, जाने क्या आ रही है धान बेचने में दिक्कतें



संतोष द्विवेदी

नगरा, बलिया ।। एक कहावत कि ज्यों ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया ,किसानों पर सटीक लागू हो रही है । सरकार एक तरफ क्रय केंद्रों पर बिचौलियों से खरीद न हो इसके लिये तरह तरह के उपाय कर रही है । तो वही एकदम खरीद के समय लगाये गये नियमों से अब किसानों को ही अपने धान को क्रय केंद्रों पर बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । सरकार ज्यो ज्यो किसानों की फसल क्रय की समस्या दूर करने का प्रयास कर रही , त्यों त्यों यह समस्या और बढ़ती ही जा रही है । धान खरीद में सरकार द्वारा टोकन सिस्टम लागू करने से किसानों की परेशानियां बढ़ गई है। जब तक टोकन का सत्यापन नहीं होगा, तब तक किसान अपनी फसल क्रय केंद्र पर नहीं बेंच पाएंगे। पहले नियम था कि किसान किसी भी क्रय केंद्र पर अपना धान ले जाकर बेंच सकता है। टोकन व्यवस्था शुक्रवार की आधी रात से लागू हो गई है।





               अधिक बरसात होने के कारण किसान अपनी फसल की कटाई मड़ाई काफी देर से किया है। इसके बाद केंद्रो पर अपनी फसल को बेचने के लिए लेकर पहुंचा है। अभी पचास फीसदी किसानों के धान ही क्रय केंद्रो पर बेंच पाए है। बाकी किसान पंजीकरण कराकर क्रय केंद्र पर अपनी धान बेचने की जुगत में ही लगे है कि सरकार ने शुक्रवार की आधी रात से टोकन व्यवस्था लागू कर दिया, जिससे किसानों की समस्या बढ़ गई है। टोकन व्यवस्था के अनुसार किसानों को जिस दिन टोकन प्राप्त होगा, उसी दिन सम्बन्धित क्रय केंद्र पर अपना धान तौल कराना अनिवार्य होगा। यदि किसान किसी कारणवश उसी दिन सम्बन्धित केंद्र पर फसल लेकर नहीं पहुंच पाता है तो टोकन की वैधता समाप्त हो जाएगी। अगले दिन पुनः ऑनलाइन टोकन लेना होगा। किसानों का कहना है कि ऑनलाइन टोकन लेकर उसी दिन क्रय केंद्र पर पहुंचने में दिक्कत आती है।

 कई बार नेट फेल होने की भी समस्या आड़े आती है। टोकन सिस्टम लागू होने से जहां बिचौलियों की चांदी हो जाएगी, वहीं किसानों को अपनी फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।विपणन निरीक्षक नगरा दानिश ख़ाँ ने बताया कि किसान को किसान सेवा केंद्र से टोकन लेना होगा जिस दिन का टोकन होगा किसान उस दिन अपना धान केंद्र पर लाये।








संतोष द्विवेदी