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कम्पोजिट विद्यालय चिलकहर नम्बर 1 की नीलामी में घोटाले की शिकायत,शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने बैठाई जांच



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। कम्पोजिट विद्यालय चिलकहर नम्बर 1 की नीलामी में घोटाले की शिकायत शिक्षा निदेशक (बेसिक) से होने के बाद शिक्षा निदेशक ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र भेजकर जांच आख्या को तत्काल भेजने का निर्देश दिया है । लखनऊ से आदेश आते ही हड़कम्प मच गया । पत्र का संज्ञान मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया ने तुरंत आदेश जारी कर प्रधानाध्यापक और खण्ड शिक्षा अधिकारी से 3 दिनों में स्पष्टीकरण तलब किया है ।

बता दे कि प्रभारी प्रधानाध्यापक पवन कुमार सिंह और खण्ड शिक्षा अधिकारी मोतीचंद चौरसिया के खिलाफ नीलामी में मिलीभगत करके सरकारी सामग्री की नीलामी में कम धनराशि पर जमा कराकर सरकारी राजस्व की क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया गया है ।









शिकायत निम्न है ---


महोदया/महोदय,


सविनय निवेदन के साथ सूचित कराना है की ब्लॉक संसाधन केंन्द्र (BRC) चिलकहर, शिक्षाक्षेत्र- चिलकहर, जनपद-बलिया, उ0प्र0 के परिसर में ही स्थित *कम्पोजिट विद्यालय चिलकहर न0 1* पर कार्यरत *प्रभारी प्रधान अध्यापक- पवन कुमार सिंह* तथा *वर्तमान खंड शिक्षाधिकारी -मोतीचंद चौरसिया* की मिलीभगत द्वारा विद्यालय मद में भारी वित्तीय अनियमितता की जा रही है, जिसका विवरण निम्नवत है-


(1)- प्र०प्र०अ० एवं खंड शिक्षाधिकारी द्वारा कम्पोजिट विद्यालय के अन्तर्गत पू0 मा0 विद्यालय चिलकहर के जर्जर भवन के ध्वस्तीकरण की नीलामी प्रक्रिया में भौतिक रूप से नीलामी कोरम पूर्ण नहीं किया गया जैसे SMC की Meeting आहूत करना, ग्रामवासियों को सूचित करने हेतु दुग्दुगी बजवाना, प्रस्ताव पारित करना इत्यादि। नीलामी प्रक्रिया का सिर्फ कूटरचित अभिलेखीकरण किया गया है।ना दुग्दुगी बजायी गयी है और ना ही गावँ के लोगो को सूचित किया गया था। सिर्फ नीलामी कोरम की कागजी कार्यवाही दर्ज की गयी है।


इन्होंने आपसी मिलीभगत द्वारा नीलामी नियमों को ताक पर रखते हुए  SMC के अध्यक्ष को ही न्यूनतम नीलामी मूल्य से थोड़े अधिक(₹12001 मात्र) पर ही भवन नीलाम करके ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पूर्ण कर ली, जबकि भवन के ध्वस्तीकरण से 12-15 ट्रॉली साबूत ईंट, 2-3 ट्रॉली टुकड़ा ईट, 6-7 क्विंटल लोहा (अच्छी हालत मे), 5 लकड़ी के दरवाजे एवं खिड़किया प्राप्त हुई है जिनका वर्तमान बाजार मूल्य लाखों मे होगा| नियमतः SMC अध्यक्ष या SMC के किसी भी सदस्य को नीलामी लेने का स्वयम अधिकार नही होता है क्योंकि इससे नीलामी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्रचिन्ह लग जाता है, परंतु इसके विपरीत  वर्तमान खंड शिक्षाधिकारी एवं प्रधानाध्यापक ने व्यक्तिगत लाभ के लिए आपसी मिलीभगत द्वारा विभाग को लाखों का चूना लगाया एवं वित्तीय गबन किया।


जब सर्वसाधारण को यह ज्ञात हुआ कि  SMC अध्यक्ष को ही भवन ध्वस्तीकरण नीलामी आवंटित करते हुए ध्वस्तीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तो इस आवंटन के विरोध के डर से प्रधान अध्यापक ने खंड शिक्षाधिकारी की सहमति से विद्यालय प्रबंध समिति(SMC) के रजिस्टर में पूर्व लिखित कोरम कार्यवाही में उल्लिखित नीलामी लाभार्थी - *SMC अध्यक्ष छेदी प्रसाद* के नाम पर सफेदा(Whitner) का प्रयोग करके कूटरचित तरीके से *राजेश गुप्ता* का नाम लिख दिया है। SMC रजिस्टर का भौतिक अवलोकन करने पर यह कूटरचना स्पष्ट विदित होगा। *SMC अध्यक्ष- छेदी प्रसाद* द्वारा दि0 03/07/2021 को नीलामी राशि ₹12001, SMC बैंक खाते का जमा वाउचर यह प्रमाणित करता है कि भवन ध्वस्तीकरण नीलामी आवंटन SMC अध्यक्ष छेदी प्रसाद को ही किया गया है।


चूंकि इस नीलामी अनियमितता में खंड शिक्षाधिकारी की भी संलिप्तता है अतः इसकी प्रबल संभावना है कि BEO की सहमति से प्रधानाध्यपक द्वारा अभिलेखों में कूटरचित संसोधन किया जाए या अभिलेखों को नष्ट कर दिया जाए।अतः न्यायपूर्ण एवं निष्पक्ष जांच के लिए यह आवश्यक होगा कि गैर विभागीय जांच कमिटी द्वारा विद्यालय के समस्त अभिलेखों को तत्काल जब्त करते हुए भैतिक रूप से जांच एवं सत्यापन की कार्यवाही संपादित की जाए तथा दोषियों पर कठोर कार्यवाही की जाए।


(2).विद्यालय के प्र०प्र०अ० के द्वारा वर्ष 2021 मे कम्पोजिट अनुदान से ₹163,542 का उपभोग प्रमाण पत्र दिया गया है जबकि भौतिक रूप से विद्यालय विकास में अधिकतम 20-30% तक ही खर्च किया गया है। उनके द्वारा पूर्ण उपभोग दिखाने के लिए कुट रचित बिल, वाउचर का प्रयोग करके बही खाता बनाया गया है। विद्यालय हित में कम्पोजिट अनुदान उपयोग एवं बिल वाउचर का भौतिक सत्यापन करके दूध का दूध एवं पानी का पानी किया जाना न्यायोचित होगा।


(3).प्रभारी प्र०अ० द्वारा खंडशिक्षाधिकारी के संरक्षण में MDM में भी बड़े स्तर पर वित्तीय अनियमितता की जा रही है जिसका विवरण निम्नवत है: 


i).छात्र संख्या बढ़ा कर भरा जाना |


ii). उपस्थित छात्र संख्या का लगभग 60-70% बच्चे ही भोजन ग्रहण करते हैं। ( कक्षा 6-8 के लगभग 10-15 बच्चे भोजन करते हैं ) जबकि MDM एवं IVRS Call में 100% लाभार्थी बच्चों की संख्या दर्ज की जाती है। छात्रों के माध्यम से इसका भौतिक सत्यापन किया जाना न्यायोचित होगा। 


iii). MDM मानक और छात्र संख्या के अनुसार भोजन नहीं परोसा जाना|


iv). छात्र संख्या के आधार पर कम मात्रा में दूध उपलब्ध कराना ।


v). किराना दुकानदार, सब्जी विक्रेता, फल विक्रेता तथा दुधिए द्वारा प्रदत सामग्री, उसकी मात्रा एवं उसके एवज में जारी किये Cheque का भी भौतिक सत्यापन किया जाना छात्रों के गुणवत्तापूर्ण भोजन प्राप्त करने के अधिकारों को संरक्षित करने हेतु न्यायसंगत होगा।


( 4 ) प्र०प्र०अ० पूर्व में ABRC के पद पर रहते हुए वर्ष 2014-15 में पू0 मा0 वि0 चिलकहर का चार्ज भी ग्रहण किये थे इस दौरान विद्यालय परिसर में स्थित शौचालय मरम्मत के मद मे ₹25000/- का आहरण किया गया परन्तु इनके द्वारा भौतिक रूप से मरम्मत का कोई कार्य नहीं कराया गया।इस प्रकरण का भी सत्यापन कराया जाना आवश्यक होगा।


(5) वर्तमान में भी  विद्यालय का शौचालय मानक विहीन एवं दरवाजा रहित है, जिसमे छात्र-छात्राओ एवं स्कूल स्टाफ को शौचालय इस्तेमाल करने में बहुत असुविधा होती है।

(6)वे पूर्व में कई विद्यालयों के चार्ज पर रहे हैं। वहाँ पर भी ACR तथा विद्यालय भवन निर्माण मे भी अनियमितता कर गबन करने का आरोप लगता रहा है।


ऐसा प्रतीत होता  है की प्र0प्र0अ0 अपने व्यक्तिगत हित को छात्र एवं विद्यालय हितों के ऊपर रखते हुए निसंकोच अनियमितताएं एवं वित्तीय गबन करते हैं। BRC परिसर में ही विद्यालय स्थित होने के पश्चात भी ऊपर वर्णित विन्दुओं की खंड शिक्षाधिकारी द्वारा भौतिक रूप से कभी भी जांच एवं सत्यापित ना किया जाना यह  प्रदर्शित करता है कि खंड शिक्षाधिकारी  अपने व्यक्तिगत लाभ एवं स्वार्थ के लिए इन्हें संरक्षण प्रदान करके अनियमितता करने के लिए प्रोत्साहित करते है।इनके इन कुकृत्यो द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग एवं उ0प्र0 सरकार की छवि धूमिल हो रही है तथा माननीय योगी जी की छात्रों को स्वच्छ एव सुन्दर विद्यालयीय परिवेश में गुणवतायुक्त शिक्षा एवं भोजन देने की महात्वाकांक्षी योजना को भी बट्टा लग रहा है।


अत: महोदया/महोदय से विनम्र निवेदन है कि उपर वर्णित प्रत्येक विदुओं की निष्पक्ष भौतिक जाँच करायी जाए तथा दोषी खंड शिक्षाधिकारी एवं प्र0 प्र0 अ0 पर कठोर कार्यवाही की जाय ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति अपने पद का दुरुपयोग करते हुए छात्र एवं विद्यालय हितों को नुकसान करने की हिम्मत नहीं कर सके।

धन्यवाद


संलग्नक:-

1)-भवन ध्वस्तीकरण नीलामी कोरम की प्रतिलिपी

2)-SMC अध्यक्ष-छेदी प्रसाद द्वारा नीलामी राशि ₹12001 को SMC खाते मे जमा करने का प्रमाण