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जब जहरीली शराब खुलेआम, फिर काहे की शराब बंदी : तेजस्वी



 मधुसूदन सिंह

 पटना ।। जहरीली शराबकांड से हुई 50 लोगो की मौत के बाद नीतीश सरकार कटघरे में है। राजद ने सीधे सीएम नीतीश पर हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि किस बात की शराबबंदी? इन मौतों का ज़िम्मेवार कौन है? तेजस्वी ने इशारों इशारों में सीएम नीतीश कुमार को शराब की अवैध तस्करी का सरगना तक कहते हुए कहा कि बिहार में 20 हज़ार करोड़ की अवैध तस्करी और समानांतर ब्लैक इकॉनमी के सरग़ना सामने आकर इसका जवाब दें।

कहा कि  मुज़फ़्फ़रपुर में 5 दिन पूर्व ज़हरीली शराब से 10 मरे, गोपालगंज में 20 लोग मरे, बेतिया में 13 लोग मरे है । अधिकांश शवों को पुलिस बिना पोस्ट्मॉर्टम जला रही है। इन मौतों के ज़िम्मेवार क्या शराबबंदी का बेसुरा ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री सह गृहमंत्री नीतीश कुमार नहीं है? तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर और हमलावर होते  कहा कि शराबबंदी पर बड़बड़ करने वालों के राज में विगत 3 दिनों में ही जहरीली शराब से 50 से अधिक मौतें हो चुकी है। मुख्यमंत्री स्वयं, प्रशासन, माफिया और तस्कर पुलिस पर कारवाई की बजाय पीने वालों को कड़ा सबक सिखाने की धमकी देते रहते है। 






जब जहरीली शराब खुलेआम, फिर काहे की शराब बंदी

 बिहार में ये कैसी शराब बंदी ? जब जहरीली शराब लोगो को पीने को आसानी से मिल जा रही है और जिसको पीने से ही तीन दिनों में 33 लोगों की मौत हो चुकी है। नीतीश बाबू की सरकार द्वारा शराब पर पूर्ण रुप से पाबंद लगाने के बाद भी लोगों के मरने पर अब शराब बंदी का स्लोगन सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। लोग अब पूंछ रहे है कि अगर शासन स्तर से इसपर रोक लगायी गयी है तो लोगों के बीच इसके पहुँचने का माध्यम क्या है? कौन कौन है इसके पीछे जो सरकार की आंखों में धूल झोंककर न सिर्फ सरकार की  किरकिरी कर रहा है, बल्कि लोगो की जिंदगियों को भी लील रहा है ? 

हर बार थानेदार को सस्पेंड कर ड्यूटी पुरा कर लेना लोगों के जेहन में सरकार पर सवाल खड़ा करने लगा है। मालामाल हो रहे शराब माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ पर प्रहार करने से सरकार पीछे क्यों हट रही है ? यूपी के बॉर्डर से होने वाली अवैध शराब के कारोबार को रोकने मे बिहार की नीतीश सरकार के कदम क्यो नही आगे बढ़ रहे है ? यह जनता के बीच चर्चा होने लगी है ।

सिर्फ थानेदार को निलंबित करना समस्या का हल नही

 गोपालगंज के महमदपुर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हो गई । वहीं कई की हालत गंभीर है। इस आरोप में थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया। पश्चिम चंपारण के नौतन थाना क्षेत्र में 15 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई। यहां भी वही हुआ..थानेदार को सस्पेंड कर सरकार ने अपनी ड्यूटी पूरी कर ली।गोपालगंज एसपी आनंद कुमार ने कार्रवाई करते हुए महमदपुर थानाध्यक्ष शशि रंजन कुमार और एक चौकीदार को सस्पेंड किया है। वहीं, पश्चिम चंपारण के नौतन थानेदार और चौकीदार को भी चंपारण डीआईजी ने सस्पेंड किया है।

सवाल यह उठ रहा है कि क्या थानेदार और चौकीदार ही सिर्फ जिम्मेदार है ? स्थानीय जिला पुलिस का खुफिया विभाग क्या चादर ओढ़ कर सो रहा है ? इतनी मौतों के होने के बाद क्या वहां के सीओ और एसपी पर कार्यवाही नही होनी चाहिये ? सुशासन बाबू को यह सोचना पड़ेगा । भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे बहुत तेजी के साथ फैलता है, इस पर रोक लगानी बहुत जरूरी है ।


बता दें कि गोपालगंज के महमदपुर थाने के कुशहर तुरहा टोले और दलित बस्ती में मंगलवार की शाम दो दर्जन से अधिक लोगों ने जहरीली शराब पी थी। शराब पीने के बाद हालत बिगड़ने लगी। पेट में जलन और मुंह से झाग आने के बाद परिजनों ने आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल और सदर अस्पताल में भर्ती कराया, जहां एक-एक कर कुल 18 लोगों की मौत हो गई। वहीं, पश्चिम चंपारण में बुधवार शाम कुछ लोगों ने गांव में देसी चुल्हाई शराब पी थी। देर रात तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करवाया। इनमें से 15 लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।