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दयानंद विद्यालय बेल्थरारोड के प्रबंधतंत्र को डीआईओएस ने किया शून्य,प्रबंधक पर गलत तरीके से सदस्य बनने का आरोप

 




मधुसूदन सिंह

बलिया ।। बेल्थरारोड स्थित दयानंद एंग्लो विद्यालय के प्रबंधक श्री अनूप कुमार हेमकर और प्रबन्ध समिति को जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया डॉ ब्रजेश कुमार मिश्र द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में योजित याचिका में दिये गये आदेश के क्रम में शून्य कर दिया है और नई कमेटी के गठन के लिये संयुक्त शिक्षा निदेशक आजमगढ़ मंडल आजमगढ़ से सक्षम स्तर से वैध सदस्यों के मध्य चुनाव सम्पन्न कराने हेतु चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया है ।

बता दे कि श्री हेमकर की सदस्यता को यह कहते हुए चुनौती दी गयी थी कि सदस्य बनने के समय श्री हेमकर वयस्क नही बल्कि नाबालिग थे । इसकी जांच सक्षम अधिकारियों द्वारा की गई और शिकायतकर्ता की शिकायत को सत्य पाया गया । चूंकि श्री हेमकर की सदस्यता ही नाबालिग होने के कारण शून्य हो गयी तो इनके प्रबंधक पद पर बने रहने का कोई औचित्य जिला विद्यालय निरीक्षक बलिया ने नही पाया और 16 नवम्बर 2021 को प्रबंधक और प्रबन्ध समिति को शून्य कर दिया ।

जिला विद्यालय निरीक्षक के इस आदेश के बाद हड़कम्प मच गया है । अब लोगो मे बेल्थरारोड के ही जीएमएएम इंटर कालेज के प्रबन्ध तंत्र के भी प्रबंधतंत्र के बर्खास्त होने की आस जग गयी है । क्योंकि इस विद्यालय में भी फर्जी तरीके से 2013 में अल्पसंख्यक समिति बनाकर अल्पसंख्यक विद्यालय घोषित करा दिया गया है ।






दयानंद विद्यालय बेल्थरारोड बलिया के सम्बंध में जारी आदेश के महत्वपूर्ण अंश निम्नवत है ---

......सम्बन्ध में प्रशासन योजना में कोई प्राविधान वर्णित नहीं है। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि श्री हेमकर द्वारा गलत एवं भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करते हुए विभाग से विभिन्न आदेश प्राप्त कर लिये है और माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा दिनांक-13.3.2019 के आदेश के पश्चात उन्हें प्रभावी रखना उचित नहीं होगा। श्री हेमकर द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक- 13.3.2019 के विरूद्ध माननीय उच्च न्यायालय में स्पेशल अपील संख्या-412 / 2019 योजित की गयी है और माननीय उच्च न्यायालय ने दिनांक 01.4. 2019 को निम्नवत् आदेश पारित किया है


Heard Sri Ashok Khare, learned Senior Counsel for the petitioner-appellant and Sri Devbrat Mukherjee, learned counsel for the respondent. 

On the date of meeting of the Society, which was on 06.03.1984, the petitioner-appellant was minor, therefore, the Court dismissed the writ petition upholding the order of the Assistant Registrar, Firms, Societies & Chits holding the petitioner-appellant not to be a Member of the Society. The submission of Sri Khare is that neither the bye-laws of the Society nor the Societies Act prohibit minor to be a Member of the Society.


In view of the above, the issue which arises for consideration is, whether in the absence of any bye-laws or the statutory provision prohibiting a minor to be a Member, a minor can become a Member of the Society concerned or not? Counsel for the parties wants to address on the aforesaid issue. List the matter in the week commencing 15 April 2019.

माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 01.4.2019 के आदेश से स्पष्ट है कि एकलपीठ द्वारा पारित आदेश दिनांक-13.3.2019 को स्थगित नहीं किया गया है और श्री हेमकर द्वारा असंगत सदस्यों के माध्यम से निर्वाचन दिनांक 28.72017 की मान्यता एवं प्रबन्धक के हस्ताक्षर प्रमाणन के कार्यवाही इस कार्यालय के पत्रांक / 2799-2804 / 2017-18 दिनांक- 17.8.2017 प्राप्त कर ली गयी है, जो प्रारम्भ से ही शून्य है। ऐसी स्थिति में इस कार्यालय के पत्रांक / 2799-2804 / 2017-18 दिनांक- 17.8.2017 को निरस्त करते हुए प्रबन्ध समिति का चुनाव वैध सदस्यों से कराये जाने हेतु चुनाव अधिकारी नियुक्त करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ मण्डल, आजमगढ को प्रकरण संदर्भित किया जाना समीचीन प्रतीत होता है और श्री हुकुमचन्द जायसवाल द्वारा प्रस्तुत प्रत्यावेदन दिनांक 03.04.2019 को उक्त सीमा तक स्वीकार किया जाना समीचीन होगा।

श्री मोहन सिंह वर्मा द्वारा उल्लिखित किया गया है कि विद्यालय के मातृ संस्था के वर्ष 1992-96 के 54 सदस्यों की सूची में से सहायक निबन्धक फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स, आजमगढ के आदेश दिनांक 30.12.2008 जो माननीय उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक- 13.3.2019 द्वारा मान्य किया गया है के अनुसार प्रबन्ध संचालक नियुक्त करते हुए प्रबन्धकीय दावेदारी पर सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है। उपरोक्त विवेचना में स्पष्ट किया गया है कि चुनाव अधिकारी नियुक्त कर वैध सदस्यों से निर्वाचन कराया जाना समीचीन होगा।

                              निर्णय

पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत लिखित एवं मौखिक अभिकथन, माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों के आलोक में श्री अनूप कुमार हेमकर की प्रारम्भिक सदस्यता शून्य होने, सदस्यता के सम्बन्ध में मिथ्या कथन करने और सहायक निबन्धक के आदेश दिनांक 30.12.2008 के विरूद्ध योजित याचिका संख्या- 25121/ 2009 में पारित आदेश दिनांक- 13.3 2019 के फलस्वरूप इस कार्यालय के पत्रांक / 2799-2804/2017-18 दिनांक-17.8. 2017 को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है और संयुक्त शिक्षा निदेशक, आजमगढ मण्डल, आजमगढ को सक्षम स्तर से वैध सदस्यों से निर्वाचन कराये जाने हेतु चुनाव अधिकारी नियुक्त करने का अनुरोध किया जाता है।

विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के वेतनादि आहरित करने हेतु उ०प्र० हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट कालेज (अध्यापकों एवं अन्य कर्मचारियों के वेतन का भुगतान) अधिनियम, 1971 की धारा-5 (1) के अन्तर्गत वित्त एवं लेखाधिकारी (मा०शि०), बलिया को अधिकृत किया जाता है।

एतद्द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में प्रकरण निस्तारित किया जाता है।






श्री अनूप कुमार हेमकर की प्रतिक्रिया

इस संबंध में डीआईओएस द्वारा जो आदेश दिया गया है, वह अनंतिम आदेश नही है । इनका आदेश संयुक्त शिक्षा निदेशक, शिक्षा निदेशक के द्वारा संस्तुति प्राप्त होने के बाद प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा के द्वारा जारी होने पर प्रबंधतंत्र खत्म होगा । अभी हम लोग इनके आदेश के खिलाफ उच्चाधिकारियों के समक्ष अपना पत्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।

कहा कि डीआईओएस बलिया ने सुनवाई के दौरान न तो मेरे किसी भी अभिकथन के तरफ ध्यान दिया, न ही मेरे साक्ष्यों को ही अपना निर्णय देते समय ध्यान दिया । कहा कि यह कहकर कि समिति का सदस्य बनते समय मेरी उम्र मात्र 11 साल ही थी,के आधार पर प्रबन्ध समिति को शून्य करना,सरासर गलत है । कहा कि दयानंद एंग्लो विद्यालय की समिति ,चिट फंड सोसाइटी के अधीन नियंत्रित नही होती है । इसका संचालन संशोधित प्रशासन योजना समिति के द्वारा होता है ।

कोई नाबालिग किसी समिति का सदस्य रह सकता है कि नही ,इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय में वाद लम्बित है । जब समिति के बाइलॉज में यह वर्णित ही नही है कि नाबालिग सदस्य नही हो सकता है और माननीय उच्च न्यायालय अभी अपना निर्णय देने वाला हो, ऐसी परिस्थिति में डीआईओएस द्वारा निर्णय देना कही से भी वैधानिक नही कहा जा सकता है ।