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बिना बांटे ही हो रहा है पुष्टाहार का उठान, घोटाले को रोकिये बाबा योगी सरकार

 


सुखपुरा(बलिया)।। विकासखंड बेरूआरबारी के अन्तर्गत 38ग्राम पंचायत है । इन ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 137 आंगनबाड़ी, मिनी आंगनबाड़ी, केंद्रों का संचालन होता है। जिसमें 3 माह से लेकर 6 बर्ष तक के बच्चों का पोषाहार, कुपोषित बच्चों की देखभाल, गर्भवती महिलाओं के लिए पोषाहार, किशोरियों एवं धात्री महिलाओं के लिए भी शासन द्वारा पोषाहार का वितरण प्रत्येक माह किया जाना है। बाल विकास पुष्टाहार विभाग के द्वारा प्रत्येक केंद्रों पर पर लाखो रुपयो का पुष्टाहार (खाद्य सामग्री) उपलब्ध करायी जाती है।जो स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं  के माध्यम से लाभार्थियों तक पहुंचाया जाता है।

सरकार ने कार्यकत्रियों के खिलाफ शिकायतों को ध्यान में रख कर  इनके साथ स्वयं सहायता समूह को भी इसमे शामिल किया है।लेकिन उसके बाद भी जो सरकार की मंशा के अनुरूप पुष्टाहार लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पा रहा है । हम बात कर रहे हैं बाल विकास एवं पुष्टाहार परियोजना अधिकारी बेरुआरबारी कार्यालय की, जहां इसके अन्तर्गत कुल 137 आंगनबाड़ी केन्द्र है।जहां कुल लाभर्थियों की संख्या 6 माह से तीन साल तक के 5234 बच्चे, तीन साल से 6 साल तक 4078 बच्चे, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिला की संख्या 2851 व 402 कुपोषित बच्चे है।

इन सबके लिए सरकार द्वारा चना दाल ,दूध,देसी घी ,चावल, गेहूं व रिफाइंड तेल दिया जाता है।प्रत्येक माह मे इस कार्यालय के लिए 10928 किलो ग्राम चना दाल,3861 किलो इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह गेहूं चावल वह तीन माह पर दूध और देसी घी का वितरण किया जाता है। यह स्वयं सहायता समूह के द्वारा वितरित करवाया जाता है।आंगनबाड़ी कार्यकत्री इसकी निगरानी करती है।कार्यकत्रियों के द्वारा सूची उपलब्ध करवाई जाती है।इसके साथ ही कोटेदार द्वारा इनकी सूची के आधार पर चावल गेहूँ भी इन लाभर्थियों को दिया जाता है।लेकिन सरकार की इस अति महत्वाकांक्षी योजना पर सीडीपीओ ,सुपरवाइजर व बाबू मिलकर पानी फेर रहे है।यह अपना काम कितनी जिम्मेदारी से कर रहे है ,जांच होने पर खुदबखुद पता चल जाएगा। 

आंगनबाड़ी कार्यकत्री आरती सिंह ने बताया कि  माह जून का वितरण अभी नहीं किया गया तब तक माह अगस्त का भी पोषाहार  स्वयं सहायता समूह ने उठा लिया है।लेकिन उसके द्वारा आज तक माह जून का वितरण नहीं किया गया । बावजूद इसके कार्यालय के बाबू अधिकारियों की मिलीभगत से माह अगस्त का भी उठान करा दिया गया जो सरासर गलत है।यही नही आंगनबाड़ी कार्यकर्ती रेखा सिंह, निर्मला, आरजू देवी, रीता यादव, व दुर्गा सिंह ने बताया की अपायल, धनौती, सुखपुरा, शिवपुर, हरिपुर ,दर्जनों गांव में तीन ,तीन माह का राशन गेहूं, चावल तो कोटेदार द्वारा उठा लिया गया है। लेकिन अभी तक वितरित नहीं किया गया है। इसकी लिखित शिकायत सीडीपीओ पूनम सिंह से करने के बाद भी आज तक गेहूं चावल का वितरण नहीं किया गया। निश्चित रूप से कार्यालय के अधिकारी बाबू की मिलीभगत से बंदरबांट करने की नियत से वितरण नहीं कराया  जा रहा है । जांच के बाद ही पूरा मामला पर से पर्दा हट पाएगा।अब देखना है कि तेज तर्रार मुख्यमंत्री के समय मे इसमे पारदर्शिता आ सकती है या बंदरबांट ही होता रहेगा ।

 अशिक्षित/कम पढ़ी लिखी अध्यक्षो के साथ हो रहा है धोखाधड़ी

स्वयं सहायता समूह के अध्यक्ष व मंत्री बाल विकास परियोजना कार्यालय से सामानों पुष्टाहार की उठान करेगी। और सूची के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, सहायकों से मिलकर उसका वितरण कराया जाता है। सूत्रों के से मिली जानकारी के अनुसार स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष मंत्री बहुतेरे अनपढ़ भी हैं जिन्हें बड़े बाबू द्वारा अपने रजिस्टर पर निकासी की पूरी संख्या पर हस्ताक्षर या अंगूठा की निशानी तो लगा लेते हैं लेकिन पोषाहार की मात्रा  उनको कम दिया जाता है ।जब यह आंगनवाड़ी केंद्रों पर ले कर  जाती है तो वहां आंगनबाड़ी संचालिका पोषाहार की संख्या का मिलान करती है,तब कमी पकड़ी जाती है। कार्यकत्री अपने स्टॉक रजिस्टर में उतना ही समान रिसीव करती है जितना उनको दिया जाता है। इस खेल को अगर पकड़ना है तो कार्यालय का स्टॉक रजिस्टर और आंगनबाड़ी का स्टॉक रजिस्टर का मिलान कर लिया जाय,इस खेल में दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा ।

    402 कुपोषित बच्चे, हाल जानने की किसी को नही फुर्सत

बाल विकास एवं परियोजना कार्यालय बेरुआर बारी के अभिलेखों के अनुसार विकासखंड के 38 ग्राम सभाओं में कुल 402 कुपोषित बच्चे हैं। यह बच्चे कागजो  में तो पुष्टाहार दूध, शुद्ध घी ,चना दाल, रिफाइन, गेहूं ,चावल सब पाते हैं लेकिन असलियत तब पता चलेगा जबकि इन बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाएगा । बता दे कि  एनआईसी (जिला अस्पताल) मे भर्ती कराने की भी जिम्मेदारी इन आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर ही है। अगर  इस बात की जांच करा लिया जाए कि विकासखंड बेरुआरबारी में कितने कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जायेगा ।

(बीर बहादुर सिंह)