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अम्बिका चौधरी व सिबगतुल्लाह अंसारी ने बेटो संग थामा फिर से समाजवादी झंडा :भावुक हो अम्बिका बोले- यह मेरे पुनर्जन्म जैसा




मधुसूदन सिंह

लखनऊ ।। बलिया और गाजीपुर के दो दिग्गज नेताओं अम्बिका चौधरी व सिबगतुल्लाह अंसारी की जोरदार तरीके से सपा में घर वापसी शनिवार को हुई है । इन दोनों नेताओं को इनके पुत्रो के साथ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी । बता दे कि 2017 मेअखिलेश यादव व शिवपाल यादव के विवाद के बाद सपा में हुए बंटवारे के बाद इन दोनों नेताओं ने बसपा का दामन थाम लिया था ।

पार्टी में शामिल होने के क्षण जब अखिलेश यादव अम्बिका चौधरी के पास पहुंचे तो अम्बिका चौधरी इतने भावुक हुए कि रोने लगे । अखिलेश यादव ने स्वयं चुप कराया । श्री चौधरी ने समाजवादी पार्टी में अपनी घर वापसी को पुनर्जन्म कहा । अखिलेश यादव ने भी मंच से बलिया के लोगो की साफगोई की तारीफ की और अम्बिका चौधरी के भावुक होने को लेकर कहा कि यह दर्शाता है कि ये लोग कितनी आत्मीयता से पार्टी से जुड़े थे,बड़े कष्ट के साथ अलग हुए होंगे । नेता जी के सभी समर्थको को समाजवादी पार्टी में लाने का प्रयास किया जाएगा ।

पांच साल बाद घर वापसी,महीनों पहले लिखी गयी पटकथा

समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य रहे अंबिका चौधरी ने करीब पांच साल बाद पार्टी में वापसी की। इसकी पटकथा महीनों पहले लिखी गई थी, जब इनके बेटे को समाजवादी ने जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट दिया था। अम्बिका चौधरी प्रदेश की मुलायम और अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके है। इसके अलावा फेफना विधान सभा सीट से चार बार विधायक रहे चुके हैं। अम्बिका चौधरी 1993 से लगातार विधायक रहे। 2017 में बसपा से चुनाव लड़े लेकिन हार गए, हाल के जिला पंचायत चुनाव में उनके बेटे  आनंद चौधरी ने बसपा से टिकट मिलने के बाद समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली और जिला पंचायत अध्यक्ष बन गये।

भाव विह्वल हो रो पड़े  अंबिका चौधरी







समाजवादी पार्टी के दफ्तर में शनिवार को सदस्यता कार्यक्रम एका एक भावनात्मक माहौल में बदल गया। पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी समाजवादी पार्टी में वापसी के दौरान काफी भावना में बह गए। ïअम्बिका चौधरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी में शामिल कराया। इसी दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव की भावनात्मक बातों से अम्बिका चौधरी खुद को संभाल नही पाए और मंच पर अखिलेश यादव के सामने ही रो पड़े। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अम्बिका चौधरी बहुत भावुक हो गए हैं। जो कहना चाह रहे थे वो भी नही कह पा रहे है। इससे तो लगता है कि वह कितने कष्ट से समाजवादी पार्टी को छोड़कर गए होंगे। उन्होंने कहा कि आज मुझे इसका एहसास हुआ है। अब मेरी कोशिश रहेगी नेताजी से जुड़े हुए सभी लोगों को एक साथ लाया जाए। न जाने क्यों बहुत मजबूत रिश्ते आसानी से टूट जाते हैं लेकिन अब फिर से सब सही हो रहा है। राजनीति में तो उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन सही समय पर जो साथ थे वही साथी है। बलिया के लोगों की सबसे बड़ी पहचान उनकी बात  है। लखनऊ में भी आज जेपीआइसी बिल्डिंग बलिया के लोगों की पहचान है।

अभिलाषा को बनाना चाहता हूं संकल्प

सपा में शामिल होने के बाद अम्बिका चौधरी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए पुनर्जन्म की तरह है, बहुत कुछ कहना चाहता हूं पर शब्दों का अभाव है. अखिलेश ने मुझे मेरे बेटे और साथियों को पार्टी में शामिल करने की अनुकंपा की है. मन में एक अभिलाषा है जिसे मैं अपना संकल्प बनाना चाहता हूं और अखिलेश को सीएम बनना चाहता हूं. अपना संकल्प पूरा करने के लिए मैं कुछ भी करूंगा. सब इसी छांव की उपलब्धियां हैं. 2022 विधान सभा चुनाव तक एक लक्ष्य है कि हमारी सरकार बने ।

नारद राय सारथी बन अम्बिका को लेकर पहुंचे सपा मुख्यालय



पूर्व मंत्री नारद राय एक बार फिर अम्बिका चौधरी के करीबी की भूमिका में नजर आये । बता दे कि श्री राय जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अम्बिका चौधरी के सुपुत्र आनंद चौधरी को जिताने के लिये एक मजबूत दीवार के रूप में खड़े दिखे थे और अपने विद्यालय की बसों में एक साथ जिला पंचायत सदस्यों को लाकर भाजपा के चुनाव जीतने के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया था । उसी तरह आज भी श्री राय अम्बिका चौधरी की गाड़ी को स्वयं चला कर सारथी की भूमिका में समाजवादी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे । नारद राय का स्वयं गाड़ी चलाकर अम्बिका चौधरी को ले जाना चर्चा का विषय बना हुआ है ।


बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई ने की सपा मे घर वापसी



मऊ से बहुजन समाज पार्टी के दबंग विधायक मुख्तार अंसारी के भाई पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी आज अपने बेटे मुन्नू अंसारी के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिबगातुल्लाह अंसारी भी बेटे के साथ साइकिल पर सवार हो गए हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के बीच के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से बहुजन समाज पार्टी से सांसद हैं, जबकि छोटे भाई माफिया मुख्तार अंसारी मउ से बसपा से विधायक हैं। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ साथ भारी संख्या में उनके समर्थक भी आज समाजवादी पार्टी के कार्यालय में पहुंचे। सिबगतुल्लाह अंसारी के साथ उनके बेटे मन्नू अंसारी ने अखिलेश यादव ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी की मौजूदगी में समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई। मुहम्मदाबाद विधानसभा से दो बार विधायक रहे चुके मुख्तार के बड़े भाई सिबगतुल्लाह 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की अलका राय से हारे थे। कौमी एकता दल का गठन करने वाले सिबगतुल्लाह अब समाजवादी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। ऐसे में लगभग तय है कि उन्हेंं या उनके बेट को 2022 के विधानसभा चुनाव में टिकट देगी।

अंसारी परिवार पहले भी सपा का हिस्सा रह चुका है। इस परिवार ने कौमी एकता दल नाम से राजनैतिक पार्टी भी बनाई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले भी अंसारी परिवार ने कौमी एकता दल का विलय सपा में कर दिया था। अखिलेश यादव के विरोध पर पूरे परिवार को बाहर होना पड़ा था। जिसके बाद बसपा ने उन्हेंं गले लगाया था। इसके साथ ही मऊ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी, घोसी सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी व गाजीपुर की मोहम्मदाबाद से सिबगतुल्लाह अंसारी को बसपा ने टिकट दिया। मुख्तार के अलावा जीत किसी को भी नसीब नहीं हुई। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बसपा ने अफजाल अंसारी को गाजीपुर से टिकट दिया था और वो जीते भी।