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मांझी से हल्दी तक गंगा का किनारा बना लाल बालू के तस्करो का सहारा,प्रशासन मौन

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। लाल बालू की तस्करी का खेल चालू है । गंगा की बाढ़ के कारण जहां एक तरफ आमजन परेशान है तो वही इस बाढ़ के कारण लाल बालू के तस्करो की चांदी हो गयी है । मांझी पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद जब से इस मार्ग से भारी वाहनों का जाना प्रतिबंधित/सीमित कर दिया गया है,बालू माफियाओ ने गंगा नदी को अपने कारोबार के लिये सुरक्षित सैरगाह बना लिया है ।

बाढ़ के चलते इनको अपने कारोबार मे और आसानी हो गयी है । अब ये नावो के सहारे बिहार की सीमा से लाल बालू लाकर बैरिया दोकटी हल्दी थाना क्षेत्र के गंगा घाटों पर गिरा रहे है । जहां से इस बालू को ट्रैक्टरों के माध्यम से जनपद के कोने कोने तक पहुंचाया जा रहा है ।



यह कारोबार पहले सिर्फ जनपद के अंदर ही होता था लेकिन अब इसके कारोबारी इसको मऊ व आज़मगढ़ तक फैला चुके है । जिला प्रशासन की चुप्पी और पुलिस का मौन रहना इन कारोबारियों के मनोबल को आसमान तक पहुंचा चुका है । रात 10 बजे के बाद एनएच 31 पर लाल बालू लदे ट्रैक्टरों की बेतहाशा संख्या को देख कर इसके कारोबार का अंदाजा लगाया जा सकता है । एनएच 31 को क्षतिग्रस्त करने में इन्ही बालू माफियाओ के वाहनों का हाथ सर्वाधिक है ।

न जाने क्यों जिले के न तो जीएसटी विभाग के अधिकारी,न ही खनन अधिकारी,न परिवहन अधिकारी, न ही पुलिस के अधिकारी इस अवैध कारोबार को रोकने में दिलचस्पी ले रहे है । इस कारोबार से प्रतिमाह लाखो रुपये के राजस्व की चोरी के चलते चपत लग रही है लेकिन जिला प्रशासन कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है । जब सबूत यह है कि मांझी से लेकर दुबहड़ थाना क्षेत्र के गंगा घाटों के किनारे अवैध रूप से लाल बालू का जखीरा डम्प किया गया है । लोगो का तो अब कहना है कि इस लाल बालू के खेल में प्रशासन के कुछ जिम्मेदारों का वरदहस्त है,नही तो यह इतना वृहद रूप से नही चलता ।