Breaking News

अखिलेश औरंगजेब तो ममता बनर्जी लंकिनी : सुरेंद्र सिंह

 


बलिया ।। बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेन्द्र सिंह अपने अमर्यादित, विवादित और आपत्तिजनक बयानों को लेकर चर्चा में रहने के आदी  हो चुके है । बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान देते हुए कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव औरंगजेब संस्कृति के प्रतीक है । तो वही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लंकिनी की संज्ञा देते हुए कहा कि लंकिनी का बध करने के लिये मोदी जी के रूप में राम और योगी जी के रूप में हनुमान जी ने जन्म ले लिया है,लंकिनी का बध जल्द ही होगा ।





वही कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी पर पूर्व की भांति अपने अमर्यादित शब्दो के द्वारा हमला जारी रखते हुए केवल शरीर सुख के लिए भारत आने वाली महिला तक कह डाला है । कहा कि सोनिया के अंदर भारत की संस्कृति और संस्कार है ही नही । ममता बनर्जी की विधानसभा में हुई प्रचंड जीत को अन्य भाजपा नेताओं की तरह सुरेंद्र सिंह भी पचा नही पा रहे है । ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि ममता बनर्जी गुंडई के बल पर चुनाव जीत गई  । कहा कि अब लगता है कि प्रजातंत्र में दल नही राजनीतिक सेना बनानी पड़ेगी जिसकी सेना कमजोर होगी वो प्रजातंत्र पर हॉबी नही हो पायेगा ।अब कार्यकर्ता नही राजनैतिक सेना के रूप में कार्यकर्ताओं को काम करना पड़ेगा, जिसके द्वारा रोहिंग्या और मुस्लिम आक्रांताओं को जबाब भारत की धरती पर दिया जा सकेगा । लंका फतह होगी, लंकिनी मारी जाएगी ।

वही सपा मुखिया अखिलेश यादव को  औरंगजेब कहते हुए कहा कि विदेशों में पढ़े अखिलेश यादव की संस्कृति भी भारतीय नही बल्कि औरंगजेब वाली है । कहा कि जिस तरह से औरंगजेब ने अपने पिता को हटाकर कुर्सी हथिया ली थी, प्रजातंत्र में अखिलेश यादव ने भी अपने सम्मानित पिता को लात मारकर अध्यक्ष की कुर्सी हथिया ली है  ।  कहा कि भारत कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में कोई औरंगजेब है तो वो अखिलेश यादव है । अखिलेश ने अपने पिता को लातों से मारकर के हटाकर के अध्यक्ष की कुर्सी हथियायी है ।  जो अपने पिता का सम्मान नही कर सकता है ,वो प्रदेश का सम्मान नही कर सकता ।

बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने सोनिया गांधी पर अपने अमर्यादित बोल से हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस की मुखिया नेता जो है उनके अंदर भारतीय संस्कृति ही नही है, वो तो एक शरीर सुख के लिए भारत की धरती पर आने वाली महिला  है । आज परोक्ष रूप से भारत की राजनीति की एक ऐसी निर्जीव पार्टी की अध्यक्ष हो गई है जिसका देश आज भी  दंश झेल रहा है ।इनका उद्देश्य भारत को बनाना नही कमजोर करना है । चाहे सोनिया जी हो ,चाहे राहुल जी हो, इन लोगों का संस्कार ही भारतीय नही है । जिस नेता का संस्कार ही भारतीय नही है उसके चिंतन से ,उसके चरित्र से, उसके व्यवहार से ,भारत का भला होने वाला नही है ।