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कोरोना के साथ डेंगू से भी बचाव जरूरी -दस्तक अभियान में कोरोना के साथ डेंगू, मलेरिया के भी खोजे जा रहे है मरीज

  


बलिया ।। कोविड-19 संक्रमण काल में डेंगू, मलेरिया के रोगी भी दस्तक अभियान के अंतर्गत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर - घर जाकर खोजे जा रहे हैं । डेंगू से इस समय बचाव और जरूरी है, क्योंकि इसकी चपेट में आने से  रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे कोविड-19 संक्रमण होने की आशंका  बढ़ जाती है। इसलिए  डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए  विशेष कदम जरूर उठाएं। कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी डॉ नीलोत्पल कुमार ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत मच्छर जनित रोगों से बचाव एवं संचारी रोग जैसे- मस्तिष्क ज्वर ,कालाजार, मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू, फाइलेरिया, जेई /ए ई एस आदि को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न विभागों के द्वारा गतिविधियां संचालित की जा रही है । साथ ही दस्तक अभियान के तहत आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों की सेहत का हाल जान रही है। इस दौरान व टीबी मरीजों ,कालाजार के मरीजों की भी खोज कर रही है। डेंगू, मलेरिया आदि से बचाव के लिये सभी का यह कर्तव्य है कि अपने घर के अंदर व आस-पास साफ़-सफाई रखें, पानी का जमाव न होने दें।

कोविड-19 में घातक हो सकता है डेंगू, मलेरिया 

कोविड-19 से बचने के लिए इम्यून  सिस्टम यानि रोगों से लड़ने की क्षमता का मजबूत होना जरूरी है, जिन लोगों की इम्युनिटी कम होती है, उनमें कोविड-19 का खतरा अधिक रहता है और इसका प्रभाव भी अधिक पड़ता है। इसके साथ ही कोविड-19  ऐसे लोगों के लिए घातक भी हो सकता है। डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों में बॉडी का इम्युनिटी काफी कम हो जाती है। इसलिए डेंगू और मलेरिया होने पर कोविड-19 का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए खुद को कोविड-19 के साथ डेंगू और मलेरिया से भी बचाकर रखिये।

मच्छर से करें बचाव 

दरवाजों व खिड़कियों पर जाली लगवाएं;

मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करें;

अनुपयोगी वस्तुओं में पानी जमा न होने दें;

पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें; 

पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहनें;

घर और कार्य स्थल के आसपास पानी जमा न होने दें;

कूलर, गमले आदि को सप्ताह में एक बार खाली कर सुखाएं;

गड्डों में जहां पानी इकट्ठा हो, उसे मिट्टी से भर दें। 

बुखार होने पर क्या करें 

बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और चिकित्सकों की सलाह के अनुसार ही अपना उपचार करें; 

सामान्य पानी की पट्टी सिर, हाथ-पांव एवं पेट पर रखें; 

बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थों जैसे नारियल पानी, शिकंजी, ताजे फलों का रस इत्यादि का अधिक सेवन करें।