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ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बना सोनभद्र : प्रभारी मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी



ए कुमार

सोनभद्र ।। बलिया एक्सप्रेस की बहुत पहले से यह सोच थी कि आमजन को अधिकारियों के भरोसे छोड़ना कही से भी उचित नही है,आमजन की पीड़ा को अगर कोई समझ सकता है,दूर कर सकता है तो वो है जनप्रतिनिधि । लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश की सरकार अपने सहयोगियों पर कम ,अधिकारियों पर ज्यादे भरोसा कर रही है । लेकिन इस माहौल में भी कुछ ऐसे नेता है जो अपने प्रभार वाले जनपद के लोगो की तकलीफों को अपनी तकलीफ बनाकर दूर करने के लिये न सिर्फ प्रयास कर रहे है बल्कि सफल भी हो रहे है । हम बात कर रहे है सोनभद्र जनपद के प्रभारी मंत्री/बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ सतीश द्विवेदी की । डॉ द्विवेदी ने अपने अथक प्रयास से सोनभद्र जनपद को ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर ही नही बनाया है बल्कि दूसरे जनपदों को जरूरत पड़ने पर सहयोग करने में भी समर्थ बना दिया है । वही बलिया जनपद के प्रभारी मंत्री हो या यहां के स्थानीय मंत्री हो, कोरोना के बढ़ते ही अंतर्ध्यान हो जाते है और यहां की जनता ऑक्सीजन की छोड़िये बीमार पड़ने पर इलाज के लिये दरदर भटकने को मजबूर है ।



ऑक्सीजन उत्पादन में सोनभद्र आत्मनिर्भर  बन गया है । यह घोषणा प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने  अपने प्रभार जनपद सोनभद्र की नियमित समीक्षा बैठक के उपरांत की। डॉ द्विवेदी ने इस उपलब्धि के लिए जनपद के सभी जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों तथा तकनीकी कर्मियों को बधाई दी। 

  डॉ द्विवेदी ने  बताया कि अब सोनभद्र के अनपरा में ऑक्सीजन प्लांट का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है जहां से प्रतिदिन 300 से 350 सिलेंडर भरे जा रहे हैं जिससे ना केवल जनपद के कोविड अस्पताल एवं अन्य सरकारी अस्पतालों बल्कि सभी निजी अस्पतालों को भी ऑक्सीजन की पूरी आपूर्ति हो रही है।

इतना ही नहीं सोनभद्र आवश्यकता पड़ने पर अपने पड़ोसी जनपद को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने में सक्षम हो गया है।इसके अतिरिक्त जिला चिकित्सालय में 38 बेड को ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था अलग से कर ली गई है। इस तरह से मोदी- योगी सरकार के कुशल प्रबंधन में सोनभद्र ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया है।

डॉ. द्विवेदी ने बताया कि सोनभद्र के निजी अस्पतालों के लिए एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है ताकि मरीजों को भर्ती होने और इलाज होने में असुविधा ना हो। जिले में आशा बहुओं और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की 1500 से अधिक टीमें डोर टू डोर कैंपेन चला कर कोविड के लक्षणों वाले लोगों की जांच कर रही है और जागरूक कर रही है।

लगभग 2300 कोविड पॉजिटिव आइसोलेशन में है जिनको मेडिकल किट भेज कर नियमित निगरानी की जा रही है ।जनपद का भौगोलिक क्षेत्रफल अधिक है जिसके कारण दूरस्थ क्षेत्र के मरीजों को जिला मुख्यालय तक आने में समय लगता है इसलिए लोगों की सुविधा के लिए रेनुकूट स्थित ESI के 100 बेड के अस्पताल को कोविड का L2 हॉस्पिटल बनाने की कार्यवाही चल रही है। 


जिले में कोविड टेस्ट के स्थाई केंद्रों के अलावा 16 मोबाइल टीमें कार्य कर रही हैं जो एक फोन कॉल पर कहीं भी पहुंच कर जांच की सुविधा उपलब्ध करा रही है। प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नगरपालिका तथा नगर पंचायतों के साथ ही साथ कोविड से अधिक प्रभावित फैक्ट्रियों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी सैनिटाइजेशन और साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।

जिला मुख्यालय स्थित L2 अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों की डॉक्टरों द्वारा नियमित देखभाल हो उनके भोजन, जलपान, काढ़ा आदि का उचित प्रबंध हो और साफ- सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।