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डाकघर करछना और उप डाकघर बन्दौं जहां से चोरी हो जाती है पत्र पत्रिकाएं ,मनीऑर्डर की भी होती है चोरी

 


 



उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाता डाक सेवा का  समुचित  लाभ  

 दर्जनों बार शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कोई तब्दीली

प्रयागराज ।। जमुनापार क्षेत्र की तहसील करछना वैसे तो कई मामलों में बहुत पिछड़ी हुई है किंतु कुछ सरकारी सेवाएं ऐसी भी हैं जहां पिछले 40 वर्षों से कोई परिवर्तन नहीं हुआ है इसमें तहसील मुख्यालय का डाकघर पहले नंबर पर आता है जहां पिछले चार दशक से पत्र-पत्रिकाओं की चोरी नियमित रूप से की जा रही है और उपभोक्ताओं को उसका लाभ नहीं मिल पाता पत्रिका चोरों का गिरोह डाक कर्मचारियों की मिलीभगत से इतना सक्रिय है कि अनेक पत्र-पत्रिकाओं के सदस्य साल भर पत्रिकाओं के दर्शन नहीं कर पाते पूरे डाकघर  में  कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं किंतु अधिकारी कान में तेल डाले बैठे रहते हैं । उल्लेखनीय है कि गत वर्ष एक पत्रकार का मनीआर्डर ही चोरी कर लिया गया था और डेढ़ महीने उसका कोई अता-पता नहीं चला बाद में वह करछना से भुगतान किया हुआ दिखा दिया गया । 

शिकायत की जांच करने   गए   डाक विभाग के कुछ अधिकारी उक्त पत्रकार को आश्वासन भी दे गए थे कि आपके मनीआर्डर का जल्द ही पता लगा लिया जाएगा  लेकिन साल डेढ़ साल बाद भी उसका कोई पता नहीं चला और बेन्दौ व करछना में कार्यरत कर्मियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर पत्र-पत्रिकाओं और डाक टिकटों की चोरी की शिकायत कई बार करने पर भी उच्चाधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर पाते जिससे डाक सेवाओं का लाभ आम जनता को बिल्कुल नहीं मिल पाता कभी-कभी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रवेश फार्म तो कभी किसी परीक्षा के परिणाम भी वांछित को समय से नहीं मिल पाते  बेन्दौ  उप डाकघर का आलम यह है कि साहित्यकार कवि लेखक पत्रकार बार-बार फोन करते हैं बार-बार उनके घर का चक्कर लगाते हैं फिर भी उनकी आई हुई डाक गायब कर दी जाती है कहने को तो वह चिकनी चुपड़ी बातों से उपभोक्ताओं को बहुत आश्वासन देते हैं और डाक सेवा का लाभ पहुंचाने का झूठा दंभ भी भरते रहते हैं लेकिन प्रायः पत्र पत्रिकाएं गायब कर दी जाती हैं ।

 गांव गंथियांव  निवासी वरिष्ठ पत्रकार के निर्देशन में कई संस्थाएं संचालित हो रही हैं जिनकी डाक निरंतर आती है और वे स्वयं प्रतिमाह सैकड़ों की संख्या में पत्रिकाएं और डाक भेजते रहते हैं लेकिन उनकी डाक कभी भी समय से नहीं मिलती है कई बार तो फोन करने पर पोस्टमैन की ओर से सीधा जवाब आता है कि कुछ आया ही नहीं पिछले 15 दिनों से कोई डाक ही नहीं आई जब आएगी तो मिलेगी करछना पता लगाने पर जानकारी होती है कि पूरे डाकघर  में सर्वाधिक पत्र पत्रिकाएं  बेन्दौ  डाकघर में आती हैं और  वहाँ  कार्यरत कर्मचारी उसे कहां ले जाते हैं किसको देते हैं यह कोई पता नहीं चल पाता ।

शाखा डाकपाल को और कार्यरत पोस्टमैन को फोन करने पर उनका एक ही जवाब मिलता है कि आपकी कोई डाक नहीं आई रजिस्ट्री और पार्सल तथा मनीआर्डर कभी-कभी महीने भर में पहुंचा देने हैं देते हैं तो बड़ी कृपा करते हैं कई बार उच्चाधिकारियों से भी इस बात की शिकायत की गई प्रधान डाकघर प्रयागराज में भी इसको लेकर कई बार लिखा पढ़ी हुई लेकिन ना तो करछना डाकघर की स्थिति में कोई सुधार आया और ना उप डाकघर बेन्दौ के कर्मचारियों के विरुद्ध कोई विभागीय कार्यवाही की गई जिससे उनका मनोबल बढ़ा रहता है और वे साधारण डाक से आई हुई पत्र-पत्रिकाओं को उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाते जिसे लेकर ग्रामीणों में बहुत आक्रोश व्याप्त है और लोगों ने पोस्टमास्टर जनरल लखनऊ को भी इस बात की शिकायत के लिए पत्र लिखा है देखिए कब डाक विभाग अपनी आदत सुधारता है ।