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बम्बई में का बा के लेखक डॉ सागर का संकल्प : भोजपुरी की अस्मिता को पुनः स्थापित करके भोजपुरिया मिट्टी की सुगंध को चहुओर फैलाना

 




बलिया ।। भोजपुरी सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि हमारी संस्कृति,संस्कार और जीवन शैली भी है। भोजपुरी की अस्मिता को पुनः स्थापित करने की दिशा में हमारा प्रयास कितना सफल होगा,यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन हमारा प्रयास है कि हम अपनी मिट्टी की महक को दूर तक फैला सकें। उक्त बातें सुप्रसिद्ध बॉलीवुड गीतकार डॉ सागर ने संकल्प संस्था द्वारा आयोजित सम्मान समारोह एवं संवाद कार्यक्रम में कही। "बम्बई में का बा" गीत लेखन से पूरे देश में प्रसिद्धि पाने वाले डॉ सागर ने कहा कि यूं तो हर सम्मान महत्वपूर्ण होता है लेकिन अपने लोगों के बीच अपनों द्वारा सम्मानित होना हमें गर्व से भर देता है साथ ही भविष्य के लिये हमारी जिम्मेदारियां भी तय करता है कि हम और बेहतर कर सकें। 

      संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के मिश्र नेउरी स्थित कार्यालय पर डॉ सागर को जनपद के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ जनार्दन राय,प्रो यशवंत सिंह,अशोक पत्रकार एवं संकल्प के सचिव आशीष त्रिवेदी ने अंगवस्त्रम एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ जनार्दन राय ने डॉ सागर को शुभकामना देते हुए कहा कि भविष्य में भोजपुरी का मान सम्मान पूरे देश में प्रतिष्ठित होगा ऐसा हमें विश्वास है। सागर जैसे युवा गीतकारों से प्रेरणा लेने कि जरूरत है। प्रो यशवंत सिंह ने बधाई देते हुए कहा कि कोई भी रचनाकार अपनी मिट्टी से जुड़कर ही बड़ी रचना कर सकता है,सागर की रचनाओं में अपनी मिट्टी की सोंधी महक के साथ साथ अपने समाज की संवेदना भी अभिव्यक्त होती है। संकल्प संस्था के सचिव आशीष त्रिवेदी ने बताया कि सागर नगरा के ककरी गांव के मूल निवासी है तथा हमारे सहपाठी भी रहे हैं।पढ़ाई के दौरान से ही साहित्य सृजन के क्षेत्र में काफी अभिरुचि रही है। डॉ सागर अभी तक 50 से अधिक हिंदी फिल्मों में गीत लिख चुके हैं। बलिया को बॉलीवुड में बहुत ही दमदार तरीके से स्थापित करने में लगे हैं। इस अवसर पर डॉ राजेन्द्र भारती, शिवजी पाण्डेय रसराज,मोहन जी श्रीवास्तव, शशि प्रेमदेव,प्रो अमरनाथ पासवान,श्वेतांक सिंह,राजीव पाण्डेय,धनन्जय पाण्डेय,पण्डित ब्रजकिशोर त्रिवेदी,देव भारद्वाज,आनन्द कुमार चौहान,अर्जुन,अनुपम,विशाल,रोहित,वैभव,सोनी, ट्विंकल गुप्ता इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अचिन्त्य त्रिपाठी ने किया।