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अर्नब गोस्वामी प्रकरण :महाराष्ट्र सरकार तानाशाह ,केंद्र सरकार लाचार



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। रिपब्लिक भारत टीवी न्यूज चैनल के प्रबंध संपादक अर्नब गोस्वामी को जेल भेजने वाली महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार जहां लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को अपनी हनक से डराने का काम कर रही है तो वही केंद्रीय गृह मंत्री ने तो इस प्रकरण को लोकतंत्र की हत्या वाला बता दिया । अपनी कमियों को उजागर होते देख सीएम उद्धव ठाकरे ने अर्नब गोस्वामी और इनके चैनल ,पत्रकारों को जिस तरह से प्रताड़ित किया,जेल भेजा, वह लोकतंत्र के लिये शुभ संकेत नही कहा जा सकता है । आज महाराष्ट्र में अघोषित आपातकाल जैसा वातावरण है । मीडिया को स्वतंत्र रूप से कार्य करने में उद्धव सरकार द्वारा डाली जा रही अड़चने निश्चित ही आपातकाल की याद दिला रही है ।

सबसे हैरान करने वाली बात केंद्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने कही कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या हुई है । भाजपा के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह हो या यूपी के सीएम योगी हो या अन्य केंद्रीय मंत्री , सभी ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को लोकतंत्र की हत्या करार दिया ।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब कोई राज्य सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही हो, उस समय केंद्र सरकार और केंद्रीय गृहमंत्री की क्या भूमिका होनी चाहिये ? केवल बयान देकर, निंदा करके चुप हो जाना चाहिये या राज्य सरकार पर या कानून को हाथ मे लेने वाले पुलिस कमिश्नर पर कार्यवाही करनी चाहिये ? बंगाल के चिट फंड घोटाले के प्रकरण में जिस तरह केंद्र सरकार ने पुलिस कमिश्नर के खिलाफ कार्यवाही की थी  वैसी कार्यवाही मुम्बई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ क्यो नही कर रही है ?

इस घटना ने पत्रकारो को भी बड़ा सबक सिखाया है कि किसी दल विशेष के एजेंडे पर कार्य करने पर केवल ट्वीट करके नेता सहानुभुति ही दर्शाएंगे ,सड़को पर नही आएंगे । लोकतंत्र की राज्य सरकारें हत्या करती रहे लेकिन हमारे केंद्रीय गृह मंत्री कार्यवाही करने की बजाय ,राष्ट्रपति शासन लगाने की बजाय भाषणबाजी करते रहेंगे ,पत्रकारो को जेल से निकालने का प्रयास भी नही करेंगे ।