सभी सर्वेक्षणों की यही राय :अबकी बार बन रही है तेजस्वी सरकार !
मधुसूदन सिंह
बलिया ।। बड़े बड़े शूरमाओं के बीच मेमने की तरह होते हुए भी अपने दल व परिवार की अस्मिता को बचाने में जिस तरह राजद के युवा नेता तेजस्वी यादव ने चुनावी जंग में मोर्चा संभाला और अब सभी सर्वेक्षणों में जीतते दिख रहे है,वह किसी आश्चर्य से कम नही है । जिस के सामने पूरे विश्व को अपनी सम्मोहक वाणी से सम्मोहित करने की विलक्षण क्षमता हो ,देश के प्रधानमंत्री हो,कट्टर राष्ट्रवाद के प्रणेता हो,हिंदुओ में जबरदस्त पैठ रखने वाले जननायक पीएम नरेंद्र मोदी हो,सुशासन बाबू के तमगे के साथ 15 वर्षो से बिहार में अपनी विलक्षण जोड़तोड़ के गणित के सहारे सरकार चलाने वाले नीतीश कुमार हो,दलितों में अपनी गहरी पैठ का दम्भ भरने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के साथ ही यूपी के यशस्वी सीएम योगी की दहाड़ हो, गृह मंत्री अमित शाह की ललकार हो,को निस्तेज करते हुए अगर कोई बिहार के सीएम की कुर्सी के करीब पहुंचता है तो उस मेमने से तेजस्वी की जीत के बड़े मायने है ।
डबल इंजन की सरकार विकास के लिये आवश्यक है,तेजस्वी को जंगलराज का युवराज ,पीएम मोदी द्वारा कहने के बावजूद अगर बिहार से एनडीए को जनता सत्ता से दूर फेक रही है तो निश्चित ही यह एनडीए के नेताओ के माथे पर शिकन तो ला ही रही है । इस चुनाव में एक और मिथक टूटा है कि व्यक्तिगत व पारिवारिक आक्षेपो को अगर जबाब न दिया जाय और जनता की जरूरतों के मुद्दों को हथियार बनाया जाय तो वह ज्यादे कारगर होगा वनस्पति इसके कि अपशब्दों का अपशब्दों की भाषा मे जबाब दिया जाय । कोरोना काल के शुरुआती दिनों में जितना कष्ट बिहार की जनता व बिहारियों ने झेला है, उतना शायद ही किसी और प्रान्त की जनता ने झेला है । बिहार की जनता ने इस बार आश्वासनों पर नही अपने कष्टों पर ध्यान देकर वोट किया है । जनता ने भूखे रहकर राष्ट्रवाद की अलख जगाने की जगह रोजगार करके अपने तथा अपने परिवार को भरपेट भोजन स्वाभिमान के साथ मिले, इसको ध्यान में रखकर वोट किया है । बिहार की जनता ने लालू राबड़ी के 15 साल के शासन, सुशासन बाबू नीतीश कुमार के 15 साल के शासन का लेखाजोखा करके और मात्र लगभग डेढ़ साल उप मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी के कार्यकाल और बेरोजगारी दूर करने,रोजगार उपलब्ध कराने, नौकरी देने के युवा नेता के वादों पर विश्वास करके वोट दिया है । डबल इंजन की सरकार के नेताओ के 19 लाख रोजगार देने के वादे पर नही, तेजस्वी के 10 लाख नौकरी देने के वादे पर विश्वास करके वोट दिया है । जंगलराज के युवराज मानकर नही बिहार का भाग्यविधाता मानकर तेजस्वी को वोट दिया है ।
बिहार चुनाव में मुफ्त में कोरोना की दवाई कारगर नही हुई है,तो इसके पीछे लोगो की सोच है कि यह तो पूरे देश मे मुफ्त लगेगी ही । अब जनता कोरे आश्वासन नही धरातल पर काम होता देखना चाहती है । महंगाई से निजात,बेरोजगारी से छुटकारा,किसानों को सहारा,भयमुक्त प्रशासन व भ्रष्टाचार मुक्त शासन चाहती है । बिहार की जनता अगर बदलाव चाहती है तो यह गलत नही है क्योंकि पिछले 6 सालों से केंद्र में शासन और बिहार में 15 सालों के शासन कर्त्ताओं ने अगर वास्तव में विकास किया होता तो आज जनता ऐसा निर्णय नही सुनाती । तेजस्वी के पक्ष में चल रही बयार को भांपने के बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने अंतिम चरण के मतदान से पूर्व अपने तुरुप के पत्ते से अंतिम चाल चलते हुए लोगो से सहानुभूति बटोरने के लिये कहा कि यह मेरा अंतिम चुनाव है ,लेकिन इनको जनता का रुझान समझने में बहुत देर हो गयी । लालू प्रसाद के 9 लड़के लड़कियों वाला कमेंट करना नीतीश कुमार को महिला वोटरों की नाराजगी का कारण बना है । तेजस्वी ने तो जबाब में साफ कह दिया कि यह सिर्फ लालू राबड़ी देवी का ही अपमान नही है, यह तो पीएम मोदी जी की भी माता जी का अपमान है क्योंकि मोदी जी भी 6 भाई बहन है,देश व प्रदेश की करोड़ो महिलाओ का अपमान है ।
बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम फेज के मतदान खत्म होने के साथ ही विभिन्न टीवी चैनलों और सर्वे एजेंसियों के एग्जिट पोल्स आ गए हैं। सभी प्रमुख एग्जिट पोल्स ने नीतीश कुमार की विदाई दिखायी है, और तेजस्वी यादव को राज्य के नए मुख्यमंत्री बनते हुए दिखा रहे हैं। इनके अनुसार वोट फीसदी के साथ ही सीटों की संख्या भी महागठबंधन की एनडीए से ज्यादा रह सकती है। एग्जिट पोल्स में महागठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें 180 तक मिल सकती हैं, जबकि एनडीए को अधिकतम 128 सीटें तक दी गई हैं।
आजतक/इंडिया टुडे-एक्सिस माय एक्सिस पोल
आजतक/इंडिया टुडे और एक्सिस माय एक्सिस एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव अगले मुख्यमंत्री बनते हुए दिखाई दे रहे हैं। पोल के अनुसार, महागठबंधन को 139-161 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि एनडीए 69-91 सीटें हीजीत सकती है। वहीं, एलजेपी को 03-05 सीटें मिल सकती हैं। भोजपुर क्षेत्र की 49 सीटों में से महागठबंधन को 33 , एनडीए को 9 , लोजपा को 2 और अन्य को 5 सीटें दी गई हैं। सीमांचल क्षेत्र की 24 सीटों में से महागठबंधन को 15, एनडीए 06 और जीडीएसएस को 3 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। पाटलिपुत्र क्षेत्र की 61 सीटों की बात करें तो इसमें से महागठबंधन को 33, एनडीए 26 और लोजपा व अन्य को 1-1 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, मिथलांचल क्षेत्र की 60 सीटों में से महागठबंधन को 36, एनडीए 23 और लोजपा को 1 सीट मिलने का अनुमान है।
एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल
एबीपी न्यूज-सी वोटर एग्जिट पोल में भी महागठबंधन को 131 सीटें मिल रही हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य में अगली सरकार आरजेडी नीत महागठबंधन की हो सकती है। महागठबंधन को 108-131 सीटें, एनडीए को 104-120 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं, अन्य दलों की बात करें तो 4-8 सीटें मिल सकती हैं। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) 1-3 सीटों पर विजयी हो सकती है।
बिहार
Channel/Agency जेडीयू+ आरजेडी+ लोजपा अन्य
जन की बात 91-117 118-138 5-8 3-6
एबीपी-सी वोटर 104-128 108-131 1-3 4-8
न्यूज 18- टुडेज चाणक्या 55 180 - 8
इंडिया टुडे-एक्सिस69-91 139-161 03-05 6-10
रिपब्लिक टीवी-जन की बात एग्जिट पोल
रिपब्लिक टीवी- जन की बात एग्जिट पोल में महागठबंधन की सरकार बनती दिखाई दे रही है। महागठबंधन को 138 सीटें तक मिल सकती हैं, जबकि एनडीए को महज 117 सीटों से संतोष करना पड़ा सकता है। एग्जिट पोल के अनुसार, एनडीए 37-39 फीसदी मतों के साथ 91-117 सीटों के मिलने का अनुमान है। महागठबंधन को 40-43 फीसदी मत मिल सकते हैं, जबकि सीटें 118-138 तक जा सकती हैं। चिराग पासवान की एलजेपी 5-8 और अन्य दल 3-6 सीटों पर विजयी हो सकता है।
न्यूज18- टुडेज चाणक्य में महागठबंधन की सुनामी
कई चुनावों में सीटक एग्जिट पोल देने वाले टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल में इस बार महागठबंधन की सुनामी चलती हुई दिखाई दे रही है। न्यूज 18 और टुडेज चाणक्य एग्जिट पोल में महागठबंधन को 180 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एनडीए को करारा झटका लग सकता है। पोल में एनडीए को सिर्फ 55 सीटें मिल रही हैं। वहीं, अन्य के खाते में 8 सीटें जा सकती हैं।
टाइम्स नाउ पोल में भी महागठबंधन की सरकार
बाकी एग्जिट पोल की तरह ही टाइम्स नाउ- सीट वोटर एग्जिट पोल में भी महागठबंधन की सरकार बनती दिखाई दे रही है। एग्जिट पोल में महागठबंधन को 108-131 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एनडीए 104-128 सीटें जीत सकता है। हालांकि, वोट प्रतिशत की बात करें तो एनडीए को महागठबंधन के मुकाबले ज्यादा वोट प्रतिशत मिल रहा है। एनडीए को 37.7 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि महागठबंधन को 36.3 फीसदी वोट हासिल हो सकते हैं। एलजेपी को 1-3 सीटें मिल सकती हैं और वोट प्रतिशत 8 फीसदी हो सकता है। वहीं, अन्य दल 4-8 सीटें जीतने में कामयाब हो सकते हैं।
TV9 भारतवर्ष एग्जिट पोल में क्या है अनुमान?
टीवी9 भारतवर्ष के एग्जिट पोल के अनुसार, बिहार में महागठबंधन को 125 सीटें तक मिलने का अनुमान है। पोल में महागठबंधन को 115-125 सीटें मिल सकती हैं। वहीं, एनडीए 110 से 120 सीटें जीतने में कामयाब हो सकता है। एलजेपी को 3-5 तो अन्य को 10-15 सीटें मिल सकती है।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए करवाए गए विभिन्न चैनलों द्वारा एग्जिट पोल कितने सटीक रहे, इसकी जानकारी रिजल्ट के जारी होने के साथ ही हो जाएगी। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का ऐलान 10 नवंबर को होगा। ऐसे में काउंटिंग की शुरुआत होने के कुछ घंटों बाद यह साफ हो जाएगा कि बिहार में फिर से एनडीए सरकार बनने वाली है या महागठबंधन की सरकार वापस आएगी। वहीं, चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव को तीन चरणों में करवाया है। पहले चरण के लिए वोटिंग 28 अक्टूबर, दूसरे चरण के लिए मतदान 3 नवंबर और तीसरें व अंतिम चरण के लिए मतदान 7 नवंबर को हुए हैं।
(डिस्क्लेमर: एग्जिट पोल्स सर्वे के निष्कर्ष हैं। परिणाम इससे भिन्न हो सकते हैं)