प्रधान के भतीजे की पत्नी वाले समूह को कोटे की दुकान आवंटित,अन्य समूह की महिलाओ ने सड़क पर काटा जमकर बवाल




बृजेश सिंह
भीमपुरा बलिया ।। विकास खण्ड नगरा के सिकन्दरापुर गांव में रविवार को सस्ते गल्ले की दुकान के चयन की बैठक में तब हंगामा हो गया जब चयन समिति द्वारा बर्तमान प्रधान के भतीजे को कोटे की दुकान आवंटित कर दी गयी। अन्य समूहों की महिलाओं ने इसका बिरोध किया तो अधिकारी बिना कुछ सुने निकल गए। जिससे समूह की आक्रोशित महिलाओं ने भीमपुरा नगरा मुख्य मार्ग को गांव के पास जाम कर आधे घंटे तक आवागमन बाधित कर दिया। जाम की सूचना पाकर पहुची पुलिस ने समझाबुझाकर जाम को समाप्त कराया।
    विकास खण्ड नगरा के सिकंदरापुर गांव में रविवार को प्राथमिक विद्यालय पर कोटे की दुकान के चयन के लिए बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक में 5 समूह सद्गुरु स्वयं सहायता समूह, निधि स्वयं सहायता समूह, डॉ बी आर अम्बेडकर स्वयं सहायता समूह, मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह व काजल समूह की महिला सदस्या शामिल थी। बैठक में सद्गुरु स्वयं सहायता समूह के आरती पत्नी प्रभुशंकर राम के नाम से कोटे की दुकान चयन समिति के द्वारा आवंटित कर दिया गया। कोटे की दुकान प्रधान राजकुमार के भतीजे के नाम से आवंटित किए जाने से अन्य समूहों की महिलाओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। उनका आरोप है कि आवंटित किए गए समूह से दूसरे कई समूह अच्छे तरीके से चलाए गए है यही नहीं एक समूह में लेनदेन भी अधिक हुआ है। बावजूद उस समूह को कोटे की दुकान आवंटित नहीं कि गयी। महिलाओं ने आरोप लगाया कि आज के दिन केवल समूह की बैठक आयोजित की गई थी। ग्राम प्रधान और सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनों की मिलीभगत से बिना सूचना दिए कोटे की दुकान का प्रस्ताव रखा गया और एक तरफा निर्णय लेते हुए अपने चहेते को आवंटित कर दिया। आवंटित किए गए समूह में कई सदस्यों के पति सरकारी कर्मचारी है जो नियम विरुद्ध है। आवंटित समूह की शिकायत जब अन्य समूह की महिलाओं ने चयन समिति के सदस्यों से की तो उन्होंने उनकी नहीं सुनी जिसपर महिलाओं ने हंगामा खड़ा कर दिया। वहां पर मौजूद  पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को खदेड़ कर भीड़ को तीतर बितर किया। इसके बाद महिलाओं ने गांव के सामने नगरा भीमपुरा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया। पुलिसकर्मियों ने इसकी सूचना एसएचओ भीमपुरा को दी। एसएचओ भीमपुरा शिवमिलन ने मौके पर पहुँचकर महिलाओं को समझाबुझाकर जाम को हटवाया। इस मौके पर किरन, मैना, दुर्गावती, प्यारी, तोषिता, शीला, मालती, प्रमिला, राधिका, ललिया, सावित्री  आदि महिलाएं उपस्थित रही।


आवंटन नियम सम्मत,आरोप निराधार : एडीओ एजी /पर्यवेक्षक

 चयन समिति के पर्यवेक्षक एडीओ एजी रमाकांत राम ने बताया कि एक समूह में कुछ सरकारी नौकरी करने वालो के घर वाले भी शामिल थी जिनकी सदस्यता खत्म कर दी गयी। उसके बाद दो समूह सदस्य संख्या आधार पर बराबर थे जिसमें एक 2017 से और दूसरा मार्च 2020 से संचालित था। 2017 वाले समूह का बचत भी चालीस हजार रुपये था इसलिए उस समूह के सदस्य को कोटे की दुकान आवंटित कर दी गयी। उन्होंने प्रधान के भतीजे को कोटे की दुकान को आवंटित करने के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि दोनों परिवार पिछले 15 वर्षों से अलग रह रहे है। उनके साथ प्रमोद पांडेय व सहयोगी के रुप मे लल्लन यादव मौजूद रहे।




Post Comment