ठाकुरबाड़ी की जमीनी विवाद मे अरुण गुप्ता पर चली गोली, पूरे शहर मे ठाकुर जी की बेशकीमती संपत्तियों पर भू माफियाओ की नजर



मधुसूदन सिंह 

बलिया।। विगत 21 मई की सुबह 8.30 बजे व्यापारी नेता अरुण गुप्ता को गोली मारने की घटना के बाद बीएचयू वाराणसी से इलाज कराकर घर पहुंचे घायल श्री गुप्ता ने आज मीडिया से बात की। श्री गुप्ता ने कहा कि मेरे ऊपर किया गया प्राण घातक हमला ठाकुरबाड़ी की जमीन को बेचने से रोकने के कारण हुई है। कहा कि बलिया शहर मे अबतक लगभग 800 करोड़ की ठाकुर जी की जमीन को सर्वकारा (देखरेख करने वाला ) द्वारा आपसी सहमति से बेच दी गयी है। कहा कि 1903 मे बने दस्तावेजों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को ठाकुरबाड़ी की संपत्ति को बेचने या गिरवी रखने का अधिकार नहीं है। जबकि भू माफियाओं के साथ साजिश करके व नगर पालिका के कर्मचारियों की मिलीभगत से सर्वकारा द्वारा बेच दिया गया है। अरुण गुप्ता ने कहा कि मेरे द्वारा कोर्ट से स्टे आर्डर लेने के कारण मुझसे लोग खुन्नस खाये हुए है और घटना से पहले मुझे धमकी दी गयी कि मुकदमा हटा लो, नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे और 21 मई बुधवार की सुबह हमलावरों को भेजकर मेरे ऊपर गोली चलवा दी गयी। गोली लगने के बाद अपने परिवार के साथ जिला अस्पताल गया, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया। वाराणसी के चिकित्सकों ने मुझे 7 दिन बाद ऑपरेशन की तिथि दी गयी है। अभी गोली मेरी पीठ मे ही है।



ठाकुरबाड़ी की कहानी 

मीना बाजार स्थित ठाकुर जी के नाम पर शहर बलिया मेकई सौ करोड़ की संपत्तियाँ है। इन संपत्तियों के रख रखाव के लिये 1903 मे एक रजिस्टर्ड डीड है। जिसमे साफ लिखा है कि ठाकुर जी की संपत्तियों को न तो गिरवी रखा जा सकता है, न तो बेचा ही जा सकता है। यह नियम  स्व ज्वाला प्रसाद के मरने के समय तक ठीक चला।स्व ज्वाला प्रसाद के बाद स्व मुक्तेश्वर प्रसाद सर्वहारा बने। इन्होने गलत नियत से अपने पांच लड़को के नाम से ठाकुर जी की संपत्तियों को वसीयत कर दिये। इनके पांचो पुत्रो का नाम कामेश्वर प्रसाद, सुशील कुमार, निर्मल कुमार, ज्योतिष कुमार और अंजनी कुमार है। वर्तमान मे ज्योतिष कुमार सर्वहारा है लेकिन सारा देखरेख अंजनी कुमार के पुत्र अमित कुमार कर रहे है।

मीना बाजार की दुकानों से ही आता है लगभग ढाई लाख महीना 

वर्तमान मे मीना बाजार, संघ कार्यालय, टाउन हाल के सामने भूमि विकास बैंक की बिल्डिंग से लगभग ढाई लाख रूपये किराया आ रहा है। जिसका हिसाब किताब अमित कुमार जानते है। दुःखद पहलु यह है कि इतने धनवान होने के वावजूद ठाकुर जी के लिये स्थायी पुजारी नहीं है।



ये थी ठाकुर जी कि प्रॉपर्टी 

मीना बाजार, संघ कार्यालय, भूमि विकास बैंक बिल्डिंग, पानी टंकी के पास की भूमि, को छोड़कर चौक गुदरी बाजार सड़क स्थित इमरती समोसा की दुकान लगायत अन्य, चमन सिंह बाग रोड, बंधे पर माता काली मंदिर के पास की करोड़ों की संपत्तियों को अवैध तरीके से बेचा ही नहीं गया है, नगर पालिका कर्मियों के सहयोग से दस्तावेजों पर से ठाकुर जी का नाम काटकर ख़रीदारों का नाम चढ़ाया गया है। इन्ही सब अवैध कार्यों को रोकने के कारण अरुण गुप्ता सबकी नजरो मे खटकने लगे है।



नगर पालिका के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध 

अरुण गुप्ता ने कहा कि नगर पालिका के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से ठाकुर जी का नाम काटकर ख़रीदारों का नाम चढ़ाया गया है। श्री गुप्ता ने कहा कि पूर्व चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी के जमाने मे यह कृत्य किया गया है। वर्तमान चेयरमैन संत कुमार मिठाईलाल के कार्यकाल मे भी एक साल पहले कृत्य किया गया है। अरुण गुप्ता ने कहा कि मैंने इसकी शिकायत वर्तमान चेयरमैन से की तो उन्होंने जांच करने का आदेश भी बना दिया लेकिन एक साल हो गये अभी तक कोई जांच शुरू ही नहीं हुई है।

सारे खानदान के सदस्य भी रहते है ठाकुर जी की ही मकान मे 

अरुण गुप्ता ने कहा कि हम सभी लोग भी ठाकुर जी की ही मकान मे रहते है। कहा कि 1903 की डीड मे परिवार के सदस्यों को ठाकुर जी के मकान मे रहने की इजाजत दी गयी है, बेचने की नहीं। कहा कि मेरे द्वारा जिलाधिकारी महोदय के कोर्ट से स्टे लिया गया है, जिसके चलते ठाकुर जी की जमीनों की बिक्री रुक गयी है। इसी लिए पहले मुझको धमकी दी गयी और मेरे द्वारा मुकदमा वापस न लेने पर मुझपर हमला कराया गया है। कहा कि पुलिस ने मेरे रिवाल्वर की भी फोरनसिक जांच करायी गयी है। पुलिस जांच कर रही है। मैंने पुलिस को साफ कह दिया है कि जिन लोगों ने मुझ पर गोली चलाई है उनको देखने पर पहचान लूंगा।




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