अरुण गुप्ता पर हमला करने वाला एक हमलावर गिरफ्तार, साजिश करने मे अखिलेश कुमार उर्फ़ पप्पू गिरफ्तार, अभिषेक सोनी को फिलहाल क्लीनचिट
बलिया।। कोतवाली थाना क्षेत्र के चौक क़ासिम बाजार रोड पर 21 मई की सुबह लगभग 8.30 बजे व्यापारी नेता को जान से मारने की नियत से मारी गयी गोली कांड की साजिश का पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने प्रेस वार्ता के माध्यम से खुलासा किया। श्री सिंह ने कहा कि हमला को अंजाम देने वाले दो शूटरो मे से एक को मुठभेड़ के बाद घायल अवस्था मे गिरफ्तार कर लिया गया है। दूसरा अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया है, जिसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।
बताया कि इस घटना की पृष्ठभूमि मे जमीनी विवाद है। घायल अरुण गुप्ता के ही दो चचेरे भाइयों, अभिषेक सेठू पुत्र अखिलेश कुमार पप्पू और अखिलेश कुमार पप्पू ने मिलकर साजिश रची और भाड़े के दो शूटरों से अरुण गुप्ता पर 21 मई की सुबह जान से मारने की नियत से हमला कराया। सौभाग्य से अरुण गुप्ता को गोली ऐसी जगह लगी जहां से जीवन को खतरा नहीं है। गिरफ्तार शूटर मुकेश कुमार सिंह उर्फ़ अंशु सिंह उर्फ़ रुद्रा सिंह पुत्र दिलीप सिंह पियरौटा थाना हल्दी का रहने वाला है। इसके ऊपर रेवती थाने मे दो और बैरिया थाने मे एक अपारधिक मुकदमा दर्ज है। अखिलेश कुमार उर्फ़ पप्पू और मुकेश कुमार को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
अभिषेक सेठू, अमित व रोहित पर होगा इनाम घोषित, अभिषेक सोनी को राहत
हमलावर की गिरफ्तारी और इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य के आधार पर संलिप्तता न पाये जाने पर एफआईआर मे नामजद अभिषेक सोनी को पुलिस से फिलहाल क्लीनचिट मिल गयी है। पुलिस अब फरार हमलावर और अमित व रोहित के ऊपर इनाम घोषित करने की तैयारी कर रही है।
ठाकुर त्रियोगीनायण की जमीन की लूट मे हिस्सेदारी बना कारण
शहर बलिया के मीना बाजार स्थित ठाकुर त्रियोगी नारायण जी के नाम से शहर मे कई सौ करोड़ की संपत्ति थी। जिसको सर्वाकार (केयर टेकर ) लोगों ने समय समय पर अनाधिकृत रूप से बेच कर अपनी अपनी तिजोरियां भरी है। यह गोलीकांड भी ठाकुर जी की जमीन बचाने के लिये नहीं बिक्री मे ज्यादे हिस्सेदारी मुझे मिले इसके लिये हुई है। अब तो दूसरा बवाल सर्वाकार बनने को लेकर भी उठ जायेगा क्योंकि अब तक यह कार्य अमित कुमार द्वारा देखा जा रहा था। लेकिन अब जब अमित आपराधिक मुक़दमे मे फंस गये है तो नियमानुसार इनसे सर्वाकार का दायित्व हट जायेगा। अमित की बहन ने भी मीडिया से बातचीत मे यही आरोप लगाया था कि मेरे भाई को सर्वाकार से हटाकर स्वयं के बेटे को बनाने के लिए यह साजिश रची गयी है। फिलहाल तो अमित की बहन का साजिश रचने का आरोप तो गलत साबित हुआ है। लेकिन एक आरोप की करोड़ों की संपत्ति अरुण गुप्ता की पत्नी के नाम से करने के बाद कोई क्यों ऐसी हरकत करेगा, सवाल तो खड़ा कर ही रहा है।