Breaking News

बिकरु कांड के बाद से यूपी पुलिस के हाथ से फिसल रही है रेत,जाबांज पुलिस क्यो नही रोक पा रही है बच्चियों के साथ हो रही रेप


मधुसूदन सिंह
बलिया ।। हाथरस की गुड़िया की पुलिस द्वारा जलायी गयी  चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि बलरामपुर और आजमगढ़ से बच्चियों के साथ जघन्य अपराध होने की खबरों ने जनमानस को झकझोर दिया है । लोग अब यूपी की पुलिसिंग पर ही सवाल खड़ा कर रहे है और कह रहे कि मुख्यमंत्री जी यूपी में कैसे बढ़े बेटियां, कैसे पढ़े बेटियां , जब कदम कदम पर जिस्म नोचने वाले गिद्ध मौजूद है ।
  आपकी पुलिस तो ठोकने वाली पुलिस है, फिर ऐसी पुलिस के होते हुए भी बेटियां इतनी असुरक्षित क्यो है ? क्या पुलिसिंग लागू करने वाला शीर्ष नेतृत्व का जिलों पर से नियंत्रण समाप्त हो गया है ?
 आज फिर दिल दहला देने वाली घटना बलरामपुर से आयी है । बलरामपुर में दलित छात्रा से गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है जिसकी अस्पताल ले जाते समय रास्ते मे ही मौत हो गयी है । परिजनों ने गैंगरेप का आरोप लगाया है । पुलिस ने तेजी दिखाते हुए 2 आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है ।
पुलिस ने आरोपियों शाहिद, साहिल  को गिरफ्तार कर लिया है । लेकिन हथराज की घटना से अभी तक यूपी पुलिस ने लगता है कि सबक नही लिया है । सामूहिक बलात्कार व मौत जैसी जघन्य कांड में भी बलरामपुर पुलिस परिजनों द्वारा बतायी गयी कहानी से अलग कहानी बता रही है । बलरामपुर पुलिस की इतनी त्वरित तफ्तीश पुलिस को ही कटघरे में खड़ा कर रही है ।

वही आज जनपद बलरामपुर के थाना गैंसड़ी में हुई घटना के पीडित परिवार को 6 लाख 18 हजार 750 रुपए की मुआवजा राशि का अनुमति पत्र प्रदान किया गया ।जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक बलरामपुर के साथ देवीपाटन मंदिर तुलसीपुर के महंत मिथिलेश नाथ योगी ने पीड़ित परिवार के घर जाकर सांत्वना दी ।परिवार को पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्यवाही और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के सम्बंध में अवगत करवाया गया।
पूरी विवेचना को शीघ्र निस्तारित करवाकर अभियुक्तों को प्रभावी पैरवी के द्वारा सजा दिलवाने का आश्वासन भी दिया गया ।

बलरामपुर  के अपराधी हैवान


वही हैवानियत को शर्मसार करने वाली दूसरी घटना आजमगढ़ से आयी है । यहां एक मासूम के साथ हैवानियत की गई है जिसके बाद यह मासूम अस्पताल में जीवन के लिये संघर्ष कर रही है ।
जनपद के जीयनपुर कोतवाली थाना क्षेत्र की एक मासूम के साथ युवक ने रेप किया है । बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है ।
 आजमगढ़ जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र में बुधवार की दोपहर एक 21 वर्षीय युवक ने आठ वर्षीया बालिका के साथ टेंट हाऊस की दुकान में दुष्कर्म किया। परिजनों को घटना की जानकारी शाम को हुई। परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने बालिका को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला महिला अस्पताल भेज दिया। आरोपी के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर उसे हिरासत में लिया है।
जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र की निवासी आठ वर्षीया बालिका के पिता एक दुकान चलाते है। पास के एक युवक की टेंट हाऊस की दुकान है। युवक का बालिका के घर पहले से आना जाना है। युवक लड़की को बहला फुसला का अपने टेंट हाऊस की दुकान पर लेकर चला गया। दुकान के अंदर उसने बालिका के साथ दुष्कर्म किया। काफी देर बाद बालिका घर पहुंची। उसे रक्त स्राव हो रहा था। परिजन चोट लगने की आशंका वश उसे लेकर एक निजी अस्पताल पर पहुंचे। डॉक्टर ने दुष्कर्म होने की बात कहते हुए रेफर कर दिया। घटना के बारे में पूछने पर बालिका पूरी जानकारी दी। इसके बाद बालिका के दादा ने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस बालिका को लेकर सीएचसी अजमतगढ़ गई। बालिका की हालत देख कर डॉक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जीयनपुर कोतवाली प्रभारी नंद कुमार तिवारी ने बताया आरोपी दानिश पुत्र फकरूद्दीन निवासी नौसहरा थाना जीयनपुर के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया है। बालिका को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
आलम यह है कि बिकरु कांड के बाद से UPP के हाथ से बालू तेज़ी से फिसल रही है । एंटी रोमियो, महिला सुरक्षा, बेटी बचाओ , आदि आदि रायतों की  धज्जियाँ उड़ रही है । बावजूद इसके पुलिस ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की कोशिश करने के,ऐसे अपराधियो पर नकेल कसने के , ऐसी घटनाओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रोकने की मांग करने वालो को लाठियों से पीट रही है जबकि यह लाठी अपराधियो पर चलती तो लोगो को प्रदर्शन करने की जरूरत ही नही पड़ती ।

बेटियों के साथ घट रही घटनाओं पर यही कहना है --


            "मैं हाथरस की बेटी हूँ"

कोख में मरती और , हाथरस का परिहास हूँ !
जिस्म नोचते भेडियों, का मै एक अवसाद हूँ ! !


सत्ता के नारों की बस , मैं गढ़ी एक तस्वीर हूँ !
अखबारों की सुर्ख़ियों की,  मैं एक लकीर हूँ ! !


मैं माँ, बहन और बेटी का,  बस एक इश्तहार हूँ !
चौघट से बाहर घुरती , निगाहों की मैं शिकार हूँ ! !


बहन निर्भया की शहादत का,  मैं सिर्फ़ उपहास हूँ !
भेडिये समाज का मैं , एक वर्तमान इतिहास हूँ ! !


गिद्धों की घुरती निगाहों में,  मैं चुभती शिकार हूँ !
गिरती नैतिकता और , पतन की मैं प्रमाण हूँ ! !


बोटी- बोटी नोचों गिद्धों,  मैं तो बस एक बेटी हूँ !
हवस के गर्म तवे पर पकती , मैं तो एक रोटी हूँ ! !


आँखों में आँसू चीख आह की , मैं तो एक पीड़ा हूँ !
हर स्वर में मेरे कंपन, मैं तो मौन दर्द की वीणा हूँ ! !


घर- घर में बैठा रावण , मैं तो बस एक सीता हूँ !
मौन हुआ गांडीव जब , फ़िर मैं कैसी गीता हूँ ! !

प्रभुनाथ शुक्ल भदोही द्वारा रचित