संचारी रोग नियंत्रण अभियान को अधिक प्रभावी बनाने में जुटा स्वास्थ्य विभाग :लोगों को किया जा रहा जागरूक, मच्छर पनपने वाले स्रोतों का हो रहा निस्तारण
बलिया : संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जलजमाव वाले स्थलों और नालियों में कीटनाशक दवा का छिड़काव और मच्छरों के लार्वा खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। आमजन को मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस आदि संचारी रोगों के लिए लार्वीसाइड का नियमित रूप से शहरी क्षेत्रों में छिड़काव कराया जा रहा है। अभियान के दौरान जापानी इंसेफेलाइटिस के वाहक सूअर बाड़ो को चिन्हित कर आबादी से दूर किया जा रहा है। यह जानकारी कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी डॉ0 नीलोत्पल कुमार ने दी।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि रोस्टर बना कर नगर पालिका के सहयोग से अभी तक शहरी क्षेत्र में वार्ड नंबर 1 से लेकर 20 तक फोगिंग एवं छिड़काव का कार्य संपन्न हो चुका है। बाकी बचे पांच वार्डों में छिड़काव का कार्य हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां जेई/एईएस के रोगी पाए गए हैं। वहां पर रोस्टर बनाकर जिला मलेरिया कार्यालय की टीम द्वारा लार्वीसाइड छिड़काव एवं फागिंग कराया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता के लिए टीम द्वारा प्रचार सामग्री जैसे पोस्टर, हैंडबिल आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है।
कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि यह अभियान 1 जुलाई 31 जुलाई तक चलाया जा रहा है। अभियान के तहत लगभग 7000 लोगों को जागरूक किया जा चुका है। वहीं अभी तक 539 जल जमाव वाले पात्रों (कूलर, फ्रीज़, सीमेंट की टंकी) में एकत्रित जल का निस्तारण किया जा चुका है। अभियान के तहत अभी तक बुखार पीड़ितों की मलेरिया जांच के लिए 376 रक्त पट्टीकाएं बनाई जा चुकी है। अभी तक ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण समिति (वीएचएसएनसी) के माध्यम से गांव में प्रधानों और आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से 232 ग्राम पंचायतों में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा चुका है। अभियान की सप्ताहिक समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को नियमित रूप से भेजी जा रही है। इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए जुड़े विभाग पूरे समर्पण भाव से सहयोग कर रहे हैं।
कार्यवाहक जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू के मरीजो का समुचित उपचार कराए जाने के उद्देश्य से जिला अस्पताल पर 10 बेड समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पाँच बेड एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दो बेड आरक्षित कराए गए हैं। कुपोषित बच्चों में से अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस रोग का सूअर प्रथम वाहक है तथा बीमारी फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है इसके लिए आबादी से बाहर सूअर बाड़े स्थानांतरित कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों से सहयोग लिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र/ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से जलजमाव वाले स्थानों पर एवं नालियों मे लार्वीसाइड का छिड़काव कराया जा रहा है। वर्षा तथा दूषित जल से होने वाले बीमारियों से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को पीने का पानी उबालकर प्रयोग में लाने की सलाह दी जा रही है। नगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आम लोगों को क्लोरीन युक्त पानी उपलब्ध कराने के लिए नगर पंचायत एवं नगर पालिका परिषद के अधिकारियों से आग्रह किया गया। इस अभियान में कार्यवाहक ज़िला मलेरिया अधिकारी के साथ मलेरिया, फाइलेरिया एवं संचारी यूनिट लगातार कार्य कर रही है।