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मंडल कारागार बांदा से हिस्ट्रीशीटर फरार :46 कैदियों के बीच से फरार हुआ हिस्ट्रीशीटर




ए कुमार
बांदा:

मंडल कारागार बांदा से हिस्ट्रीशीटर फरार

हिस्ट्रीशीटर बच्छराज यादव फरार-

46 कैदियों के बीच से फरार हुआ हिस्ट्रीशीटर-

जेल से हिस्ट्रीशीटर फरार होने से हड़कंप-

सूचना पर डीआईजी जेल पहुंचे बांदा-

हेड वार्डन को सस्पेंड किया-

ड्यूटी पर तैनात 3 होम गार्डों पर भी कार्रवाई के निर्देश-

शातिर अपराधी की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई-

जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही के चलते शातिर अपराधी फरार हुआ-

बाँदा...मण्डल कारागार से भागे कैदी प्रकरण मे कारागार मे व्याप्त भ्रष्टाचार का अहम रोल,मंडल कारागार से भागा दफा 25 का कैदी

सब्जी बारी में काम करते समय शाम 5:30 बजे अचानक रफूचक्कर हुआ कैदी बच्छराज।

विगत 14 जुलाई को कमासिन पुलिस ने तमंचे के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा था जेल।

कमान न कटाने को लेकर जेल प्रशासन द्वारा कैदी से लिया जा रहा था भेजा काम।

जेल प्रशासन समय से पुलिस को दे देता सूचना तो गिरफ्त में होता बंदी।

जेल प्रशासन की सामने आई बड़ी लापरवाही, वसूली को लेकर कैदी से लिया जा रहा था काम ,नहीं किया गया क्वारंटाइन।

जेल मैनुअल के मुताबिक किसी कैदी से 10 दिनों तक नहीं लिया जा सकता काम,फिर भी जेल में वसूली का हो रहा काम तमाम।

जेल प्रशासन द्वारा दो तरह बंदियों की बनाई गई है सूची एक काम की, दूसरे नाम की जेल में प्रकिया है आम,कि कैदियों की कमान कटाने का फरमान है सामान्य।

खेत की सब्जी की बारी में काम कर रहे कैदी बच्छराज के भागने पर खुली पदक विजेता जेलर के कमान कटाने की पोल

दो हजार की कमान न कटाने पर कैदी बच्छराज से लिया जा रहा था जेल में भरपूर काम, लंबरदार दे रहे थे यातनाएं।

शिकायत मिलने के बावजूद  आला अफसर पद्मश्री से विभूषित एवं भारत रत्न पाए पदक विजेता जेलर के नौटंकी कि अब तक नहीं समझ पाए करतूत

कैदी के जेल से भाग जाने के बावजूद पदक विजेता ने प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को जरा भी नहीं किया इन फॉर्म।

जेल में स्थापित रामराज्य के ढिंढोरा का पोल खोलने के भय से पदक विजेता जांबाज अफसर ने किसी भी अफसर को समय से नहीं दी सूचना।

भारत रत्न पाए जेल अफसर अपनी गाड़ी से भागे कैदी को खोजने में रात भर खुद रहे मस्त, नतीजन हो गए पस्त।

सुरक्षा की सेंध लगाकर बंदी बच्छराज ने फरार होकर जेल की सुरक्षा के खोल दिए सारे भेद।

 सो कर जागे जेलर ने भागे कैदी के विरुद्ध कोतवाली में दर्ज कराया मुकदमा।

कमासिन थाने का हिस्ट्रीशीटर अपराधी है भागा हुआ कैदी बच्छराज यादव।

तहरीर में जेलर आरके सिंह ने काम करते समय कैदी के भागने का दिया हवाला।

जेलर के कार्यकाल में पूर्व में भी हिस्ट्रीशीटर बच्छराज यादव रस्सी के सहारे भागने का कर चुका था प्रयास।

जानकारी होने पर जेलर ने कैदी बच्छराज पर लगाया था हजारों का अर्थदंड।

कैदी के भागने के तत्काल बाद अगर जेलर पुलिस अफसरों को कर देते सूचित तो अब तक शायद हिरासत में होता भागा हुआ कैदी।

अपनी अकड़ व पकड़ का हमेशा गुणगान करके जेलर आरके सिंह गरीबों पर ढहाते थे जुल्म, जबरिया करते थे धन की उगाही।

कमान का पैसा न देने पर जबरिया बंदियों को किया जाता था टॉर्चर,जेल के बरसते थे कोड़े।

लैट्रिन की सफाई व झाड़ू फोछा न करने के चलते बंदी होते हैं कमान कटाने के लिए मजबूर।

ईमानदार डीजी जेल आनंद कुमार  ने सिलसिलेवार प्रकरण को लिया संज्ञान।