Breaking News

गोरखपुर में आयोजित काव्य गोष्ठी में अपनी रचनाओं से कवियों ने बांधी समा : ऐसे आयोजनों से छिपी प्रतिभा को समाज के सामने दिखाने का मिलता है अवसर--डॉ0 सत्या पाण्डेय

गोरखपुर में आयोजित काव्य गोष्ठी में अपनी रचनाओं से कवियों ने बांधी समा :  ऐसे आयोजनों से छिपी प्रतिभा को समाज के सामने दिखाने का मिलता है अवसर--डॉ0 सत्या पाण्डेय
कुलदीपक पाठक

गोरखपुर 10 फरवरी 2020 ।। सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों से युवा पीढ़ी को अपने अंदर छिपी प्रतिभा को समाज के सामने दिखाने का अवसर मिलता है और इस तरह के आयोजन से युवा अपने अंदर छुपे फन को खूब अच्छी तरीके से जान और पहचान सकते हैं। यह बातें कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गोरखपुर शहर की पूर्व मेयर डॉ0 सत्या पांडे ने तुर्कमानपुर स्थित सनराइज कोचिंग सेंटर में विदाई समारोह के अवसर पर आयोजित काव्यगोष्ठी और सम्मान समारोह में कहीं। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में गोरखपुर जिले के युवा शायरों कवियों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ0 सौरभ पांडे संस्थापक धराधाम, समाजसेवी आशीष रुंगटा, डॉ0 के0 शर्मा के अलावा समाजसेवी जमाल सामानी ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर सामाज में निरंतर काम रहे समाजसेवियों को सम्मानित भी किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में मनव्वर रिजवी, अमरनाथ जायसवाल, डॉ0 मुस्तफा हुसैन, दुर्गेश त्रिपाठी, प्रवीण श्रीवास्तव, जसपाल सिंह, अरशद अहमद आदि को सम्मानित किया गया।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत युवा शायर एवं संचालक मिन्नत गोरखपुरी ने किया। उनकी रचना
 "मौत को हंसकर जिंदगी कहना
और फिर उस पर शायरी कहना
है बहुत गलत बात भूखों के सामने जोर से रोटी कहना" पर
लोगों ने खूब तालियां बजाई।
इसी क्रम में कवि केतन यादव ने कहा
शब्द शब्द में अक्षर में हर पंक्ति पंक्ति में बसती हो ,
एक प्रिये अब तुम्हीं हमारे मन मंदिर में रहती हो । 
कासिम रजा ने कहा
कोई अंजुमन नही है कोई आसरा नही है,,
किस रास्ते से जाऊ कोई रास्ता नही है।

कवियत्री सौम्या यादव ने कहा
जब देश बँट रहा हो
तुम एक करो तो जाने।
हिन्दुस्तान बँट रहा हो
तुम एक करो तो जाने।
कवि उमेश त्रिपाठी ने कहा
मानता हूँ वो मुझसे मुहब्बत नही करता
मुझे यकीन है नफरत भी नही करता
शायर आतिफ हसन ने कहा
सच देखता हूँ और वही लिखता हूँ, 
फ़कत तभी औरों से अलग दिखता हूँ!
कवि कुँवर विनम्र ने कहा
मेरे ग़म को अपना बनाओ तो कोई बात बने,
दो कदम तुम भी साथ निभाओ तो कोई बात बने,
हसना तो दुनिया की रीत है वो तो हसेगी तुम पर,
मगर तुम रो कर भी मुस्कुराओ तो कोई बात बने
इसके अलावा सलीम मजहर गोरखपुरी, डॉ0 मुस्तफा हुसैन आदि ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।
कार्यक्रम का संचालन मिन्नत गोरखपुरी ने किया।
इस अवसर पर मोहम्मद शफीक, नसीम अहमद, शमशाद आलम (एडवोकेट) मोहम्मद रफी, डॉक्टर राशिद हुसैन, अशफाक हुसैन मकरानी, राज शेख,राशिद कलीम अंसारी आदि उपस्थित रहे।
अंत में कार्यक्रम के संयोजक और सनराइज कोचिंग के डायरेक्टर मोहम्मद आकिब ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।