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बलिया में अध्यापिका की तरफ दिखी राज्यपाल,सामाजिक सरोकारों में सहभागिता के लिये लोगों को किया प्रेरित, बताया ऐसे रोकें भोजन व पानी की बर्बादी


 बलिया में अध्यापिका की तरफ दिखी राज्यपाल,सामाजिक सरोकारों में सहभागिता के लिये लोगों को किया प्रेरित, बताया ऐसे रोकें भोजन व पानी की बर्बादी 

बलिया 12 दिसम्बर 2019 ।। 
प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलिया में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में एक मझे हुए अध्यापक के रूप में दिखी । श्रीमती पटेल ने एक तरफ आज उपाधियां प्राप्त करने वाले बच्चों को यहां से जाने के बाद समाज व राष्ट्र के उत्थान में सहयोगी बनने के लिये प्रेरित की , वही प्राथमिक शिक्षा से लेकर जल संचय और टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल करने के लिये ज्यादे से ज्यादे लोगो को सहभाग करने के लिये प्रेरित की ।
राज्यपाल ने शादी-विवाह में अन्न-जल की बर्बादी की तरफ भी लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा जितना आवश्यक हो उतना ही थाली में भोजन लेने का संकल्प लें तो 30 प्रतिशत अन्न बचेगा। इसी तरह पानी भी उतना ही लें, जितना पीना है। इस तरह हम सब छोटे से प्रयास से काफी हद तक अन्न व जल की बर्बादी रोक सकते हैं।

परिषदीय स्कूल के बच्चे मेरे गेस्टः राज्यपाल

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि परिषदीय विद्यालय के बच्चे यहां मेरे गेस्ट के रूप में आए है। उनको मैने स्वयं बुलाया है। उन्होंने कहा कि सामान्यतया परिषदीय विद्यालयों के बच्चे गरीब परिवार के होते हैं। इनके पास कोई ऐसा साधन नहीं होता, जिससे ये बच्चे अपने पाठयक्रम के अलावा कुछ पढ़ सकें। ये बच्चे कभी टूर पर नहीं जा पाते होंगे। इन्हीं सोच के साथ मैंने ऐसे बच्चों से मिलने व उन्हें कुछ भेंट करने के लिए आमंत्रित किया। कहानियों की दो-दो किताब दी गयी। इस तरह एक स्कूल में छोटी सी लाइब्रेरी हो गयी।

राज्यपाल के हाथों गिफ्ट पाकर चहके बच्चे

- राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसंतपुर के 50 बच्चों को पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया। पुरस्कार के रूप में एक बैग और उसमें दो-दो कहानी की किताब, टिफिन, पेंसिल बाॅक्स, बोतल आदि थी। राज्यपाल के हाथों पुरस्कार पाकर बच्चे चहक उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। पुरस्कार वितरित करने के दौरान राज्यपाल ने कुछ बच्चों से सवाल भी पूछे।

एमडीएम की गुणवत्ता परखने की जिम्मेदारी अभिभावक की भी

- राज्यपाल ने कहा कि परिषदीय स्कूलों में गुणवत्तायुक्त भोजन मिले इसके लिए गांवों के प्रधानों व बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से स्कूलों पर जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान, बच्चों के अभिभावक या गांव के वरिष्ठ नागरिक भी यह देखें कि स्कूल में बनने वाला भोजन की गुणवत्ता ठीक है या नहीं। यह जिम्मेदारी गांव के लोगों की भी है। हम सबके प्रयास से ही सुधार होगा। उन्होंने प्राईमरी शिक्षा की मजबूती पर विशेष जोर दिया।

2025 तक भारत को बनाना है टीबी मुक्त

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि 2025 तक भारत को टीबीमुक्त बनाना है तो हम सबको टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेना होगा और छह महीने तक उनके पीछे रहकर टीबी से मुक्ति दिलाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने यूपी के सभी विश्ववियालय से कुलपति को धन्यवाद दिया, जिन्होंने अब तक कुल सात हजार बच्चों को गोद ले लिया है। उन्होंने कहा कि प्रयास हो कि सबसे पहले यूपी को टीबीमुक्त बन जाए। पानी व जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की। कहा कि जल प्रबंधन के लिए यूनिवर्सिटी खास पहल करे।