बलिया के जिला प्रशासन, खनन विभाग , पुलिस और न्यायिक व्यवस्था की शिथिलता के चलते आजाद घूम रहे है लाखो रुपये के सरकारी बालू को चुराने वाले लुटेरे ,कब होगी कार्यवाही पूंछ रहे है लोग ?
बलिया के जिला प्रशासन, खनन विभाग , पुलिस और न्यायिक व्यवस्था की शिथिलता के चलते आजाद घूम रहे है लाखो रुपये के सरकारी बालू को चुराने वाले लुटेरे ,कब होगी कार्यवाही पूंछ रहे है लोग ?
बलिया 8 दिसंबर 2019 ।। पिछले 26 जुलाई 2019 को नरही थाना क्षेत्र के गंगा नदी के किनारे तीन स्थानों पर अवैध रूप से खनन करके खनन माफियाओं द्वारा रखी गयी 1000 घन मीटर सफेद बालू को एसडीएम सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, सीओ सदर , खनन अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी करके सीज किया गया था और थाना नरही को सुपुर्द कर दिया गया था । इसके बाद खनन अधिकारी द्वारा इस बालू की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिये माननीय न्यायालय में आवेदन दिया गया गया । इस आवेदन पर जब तक आदेश होता खनन माफियाओं ने बालू को चुरा लिया और नरही पुलिस इसकी रखवाली करती रही ।
अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे मामलों में क्या कार्यवाही होने में इतनी देर लगनी चाहिये जिसमे सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा हो ? क्या नरही पुलिस के उन जिम्मेदारों पर कार्यवाही नही होनी चाहिये जिनकी सुपुर्दगी से लगभग 3 लाख से ऊपर का बालू चोरी हो जाता है और आजतक पुलिस कोई कार्यवाही नही करती है ? क्या इस बालू को किसी ने जादू से गायब कर दिया या आसमान निगल गया ? किसी प्रशासनिक अधिकारी ने जानने की कोशिश की है क्या ? अब देखना है कि इस समाचार के निकले के कितने दिन बाद जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद टूटती है और सरकारी राजस्व को दिन दहाड़े लूटने वाले बालू माफियाओ पर कार्यवाही होती है ।
नरही बलिया का चर्चित गीत : जब्तशुदा बालू चोरी करने वाले माफियाओ पर कार्यवाही न होने पर लोग कह रहे है : ये रिश्ता क्या कहलाता है (खनन विभाग, पुलिस, माफिया)
मधुसूदन सिंह
बलिया 11 नबम्बर 2019 ।।
बलिया 8 दिसंबर 2019 ।। पिछले 26 जुलाई 2019 को नरही थाना क्षेत्र के गंगा नदी के किनारे तीन स्थानों पर अवैध रूप से खनन करके खनन माफियाओं द्वारा रखी गयी 1000 घन मीटर सफेद बालू को एसडीएम सदर अश्वनी कुमार श्रीवास्तव, सीओ सदर , खनन अधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी करके सीज किया गया था और थाना नरही को सुपुर्द कर दिया गया था । इसके बाद खनन अधिकारी द्वारा इस बालू की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिये माननीय न्यायालय में आवेदन दिया गया गया । इस आवेदन पर जब तक आदेश होता खनन माफियाओं ने बालू को चुरा लिया और नरही पुलिस इसकी रखवाली करती रही ।
अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे मामलों में क्या कार्यवाही होने में इतनी देर लगनी चाहिये जिसमे सरकारी राजस्व का नुकसान हो रहा हो ? क्या नरही पुलिस के उन जिम्मेदारों पर कार्यवाही नही होनी चाहिये जिनकी सुपुर्दगी से लगभग 3 लाख से ऊपर का बालू चोरी हो जाता है और आजतक पुलिस कोई कार्यवाही नही करती है ? क्या इस बालू को किसी ने जादू से गायब कर दिया या आसमान निगल गया ? किसी प्रशासनिक अधिकारी ने जानने की कोशिश की है क्या ? अब देखना है कि इस समाचार के निकले के कितने दिन बाद जिला प्रशासन की कुम्भकर्णी नींद टूटती है और सरकारी राजस्व को दिन दहाड़े लूटने वाले बालू माफियाओ पर कार्यवाही होती है ।
नरही बलिया का चर्चित गीत : जब्तशुदा बालू चोरी करने वाले माफियाओ पर कार्यवाही न होने पर लोग कह रहे है : ये रिश्ता क्या कहलाता है (खनन विभाग, पुलिस, माफिया)
मधुसूदन सिंह
बलिया 11 नबम्बर 2019 ।।
बलिया में प्रशासनिक तंत्र और खनन माफियाओं के बीच ये रिश्ता क्या कहलाता है वाला गीत आज लोगो के बीच मे काफी चर्चित हो रहा है । लोगो का कहना है कि जब पुलिस अभिरक्षा से ही सामान गायब हो जाता है , वो भी सरकारी राजस्व , तो निश्चित ही बिना मिलीभगत के सम्भव हो ही नही सकता है । इस मिलीभगत में जब्तशुदा बालू के हल्के के जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों/जवानों की भूमिका निश्चित ही संदेहास्पद है । कारण की लगभग तीन माह से जब्तशुदा बालू को माफिया धीरे धीरे उठा रहे थे और ये लोग जान भी नही पाये ? या जानबूझकर जानने की कोशिश ही नही किये , यह जांच का विषय है । वैसे ऐसे मामलों में नीलामी प्रक्रिया के लिये जटिल कानूनी प्रक्रिया की भी जहां प्रमुख भूमिका है , वही सम्बंधित खनन विभाग द्वारा माननीय न्यायालय सामने समय पर सरकारी राजस्व की क्षति की बात को सही ढंग से प्रस्तुत न करना और आदेश न लेना ,कही न कही इसकी शिथिलता भी मुख्यरूप से जिम्मेदार है । अक्सर ऐसे मामलों में खनन विभाग और खनन माफियाओं में भी सांठगांठ हों जाती है ।