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भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात दलों के नेताओं का योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है , सपा सरकार ने खोला था इस घोटाले का रास्ता,अखिलेश बताए क्या उन्होंने दी थी लूट की छूट : ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा

भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात दलों के नेताओं का योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है , सपा सरकार ने खोला था इस घोटाले का रास्ता,अखिलेश बताए क्या उन्होंने दी थी लूट की छूट : ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा
ए कुमार

लखनऊ 3 नवम्बर, 2019 ।। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि के निवेश में हुए घोटाले पर रविवार को यहां लोकभवन में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात दलों के नेताओं का योगी सरकार पर टिप्पणी करना शर्मनाक है। प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। शहजादी प्रियंका वाड्रा को एक सन्यासी की सरकार पर टिप्पणी करने से पहले अपने परिवार और पार्टी के कारनामों को देख लेना चाहिए। समाजावदी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को प्रदेश सरकार पर उंगली उठाने से पहले होमवर्क कर लेना चाहिए। इस घोटाले का रास्ता उन्हीं की सरकार ने खोला था।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस घोटाले की पटकथा 2014 में लिखी गई थी। 21 अप्रैल 2014 को हुई ट्रस्ट बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि बैंक से इतर अधिक ब्याज देने वाली संस्थाओं में निवेश किया जा सकता है। इसी फैसले को आधार बनाकर हाउसिंग कंपनियों में निवेश की प्रक्रिया दिसम्बर 2016 में प्रारम्भ की गई। दीवान हाउसिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (डीएचएफएल) में निवेश 17 मार्च 2017 से प्राम्भ किया गया। ऊर्जा मंत्री ने प्रश्न करते हुए कहा कि क्या यह सब अखिलेश यादव जी के इशारे पर हो रहा था, क्या उन्होंने लूट की छूट दी थी? इसका जवाब सपा अध्यक्ष को देना चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 10 जुलाई 2019 को एक शिकायत अध्यक्ष पॉवर कारपोरेशन को प्राप्त हुई थी। 12 जुलाई 2019 को प्रकरण में निदेशक वित्त की अध्यक्षता में जांच के आदेश दिए गए। 29 अगस्त 2019 को जांच समित ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जांच रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई की गम्भीर वित्तीय अनियमितता की गई है। जिस पर हमारी सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गुनहगारों को जेल भेज दिया है। इतनी जल्दी कार्रवाई न तो अखिलेश सरकार और न ही बसपा प्रमुख मायावती की सरकार में हुई।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि यूपीपीसीएल के कर्मचारियों और अधिकारियों का पैसा मिले। जब तक सीबीआई इस मामले की जांच शुरू करती है, तब तक पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के डीजी आरपी सिंह इसकी जांच करेंगे। सीबीआई जांच पूरे प्रकरण के लिए होगी। जो भी इस मामले में संलिप्त होग नहीं बचेगा। योगी सरकार किसी घटना का इंतजार नहीं करती। सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई करते हुए अपराधियों को जेल भेज देती है।

इस दौरान ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार, सूचना विभाग के सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी, निदेशक सूचना शिशिर मौजूद थे।

शहजादे राहुल और शहजादी प्रियंका सिर्फ ट्विटर तक सीमित हैं

प्रियंका वाड्रा पर हमला बोलते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिल्ली से आई शहजादी के भ्रष्टाचार पर चर्चा करूं तो इतने बड़े घोटाले हैं कि सात दिनों तक प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ जाएगी। बीकानेर जमीन का घोटाला, अरबों रुपये की लंदन की सम्पत्ति और हरियाणा के किसानों को धोखा देकर उनके पति राबर्ट वाड्रा द्वारा जमीन हड़पने के मामले का जवाब भी उन्हें देना चाहिए। पूर्व गृहमंत्री पी चिदम्बरम जिन कुकृत्यों को कारण जेल में हैं प्रियंका वाड्रा को यह भी बताना चाहिए कि उसमें उनके परिवार का कितना कमीशन है। शहजादे राहुल गांधी और शहजादी प्रियंका वाड्रा सिर्फ ट्विटर तक सीमित हैं, उनकी पार्टी की जमीन खिसक गई है।

बुआ से भी थी अखिलेश की मिलीभगत

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव भ्रष्टाचार में नाक तक डूबे हैं। खनन घोटाल उन्हीं की सरकार में हुआ था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच कर रही है। मायावती को ‘बुआ’ सम्बोधित करते उन्होंने कहा कि बुआ की मूर्ति घोटाले पर पर्दा डालने का काम अखिलेश ने किया था। उसमें भी कहीं न कहीं दोनों की मिलीभगत थी। गुलाबी पत्थरों के घोटाले में बुआ तो दोषी हैं ही, लेकिन अखिलेश भी दोषी है, क्योंकि सरकार में आने के बाद उन्होंने इसकी जांच नहीं कराई।