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बलिया : ऊर्जा विभाग में हुई 2268 करोड़ की लूट के उजागर होने पर बोले नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी : शासन की जांच में हुआ उजागर, बर्खास्त हों ऊर्जा मंत्री, पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को भी भेजा जाये जेल, हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराई जाये जांच

ऊर्जा विभाग में हुई 2268 करोड़ की लूट के उजागर होने पर बोले नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी : शासन की जांच में हुआ उजागर, बर्खास्त हों ऊर्जा मंत्री, पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव को भी भेजा जाये जेल, हाईकोर्ट के वर्तमान जज से कराई जाये जांच

बलिया 3 नबम्बर 2019 ।। नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चैधरी ने कहा है कि यूपी पावर कॉर्पोरेशन (यूपीपीसीएल) के कर्मचारियों के भविष्य निधि के 4000 करोड़ रूपये को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफसीएल)  को देना  सीधे-सीधे लूट है। इतनी बड़ी लूट ऊर्जा मंत्री, पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव की जानकारी के बगैर हो ही नही सकती। इसलिए इस मामले में इन तीनो को तत्काल बर्खास्त किया जाये, इन्हें जेल में डाला जाये और इस लूट की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान जज से करायी जाये।  ताकि इस लूट में शामिल अन्य बडे़ लोग भी गिरफ्त में आ सकें।



 इस मामले में कल और आज आयी उत्तर प्रदेश सरकार की सफाई और कार्रवाई के बाद नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चैधरी ने कहा कि भाजपा के शासन काल में मार्च 2017 से दिसंबर 2018 के बीच यह बड़ी धनराशि डीएचएफसीएल को ट्रान्सफर की गई। इसकी जांच में ही शासन ने पाया है कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का 2268 करोड़ रूपया फंस गया। इस मामले में दो अधिकारी गिरफ्तार भी किये गये हैं। लेकिन केवल दो अधिकारी इतनी बड़ी धनराशि नहीं ट्रान्सफर कर सकते। उन्होंने कहा कि इसी तरह से लूट महाराष्ट्र के पीएमसी बैंक में भी हुई है। उसी के जांच पड़ताल में शासन को पता चला कि पीएमसी बैंक को भी लूटने वाली कम्पनी को ही उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने भी भारी रकम ट्रान्सफर किया है जिसमें यह मान लिया गया है कि 2268 करोड़ रूपये फंस गये। इसकी वजह से स्पष्ट लग रहा है कि इस लूट की साजिश बड़े स्तर पर हुयी है।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चैधरी ने कहा है कि इस मामले में ऊर्जा मंत्री, पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव लगातार सफाई दे रहें है कि कर्मचारियों का रूपया सुरक्षित है । उनका यह दावा सीधे-सीधे सच पर पर्दा डालना है। कर्मचारी लूटे जा चुके है । मंत्री और अफसर इस से अपनी जान बचाने के लिए सफाई दे रहें है। उन्होनें ने कहा कि इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लए हाईकोर्ट के वर्तमान जज से जांच कराया जाना जरूरी है।
नेता प्रतिपक्ष श्री रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि जबतक ऊर्जा मंत्री, पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन और ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव अपने पद पर रहेंगे, जांच निष्पक्ष नही हो सकती। इस लिए मुख्यमंत्री श्री योगो आदित्यनाथ जो एक संत भी हैं, उन्हें हिम्मत करके इन तीनों को बर्खास्त करना चाहिए और जेल में डाल देना चाहिए। श्री श्रीकांत शर्मा द्वारा यह कहना कि योगी व संयासी मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना बहुत गलत है ? के जबाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी पर नही , ऊर्जा मंत्री पर आरोप है और हम तो मुख्यमंत्री जी से यही आग्रह कर रहे है कि ऊर्जा मंत्री को तुरंत बर्खास्त करके जांच कराये ।