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गांधी जी जो सोचते थे, कहते थे ,वही करते थे: जिला जज बलिया

गांधी जी जो सोचते थे, कहते थे ,वही करते थे: जिला जज बलिया

गांधी जयंती पर न्यायधीशों ने मनाया अहिंसा दिवस


बलिया 2 अक्टूबर 2019 ।। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वी जयन्ती को न्यायाधीशों ने दीवानी न्यायालय के सभागार में अहिंसा दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी की शुरुआत जिला जज गजेन्द्र कुमार सहित अन्य न्यायधीशों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर की। जिला जज गजेन्द्र कुमार ने कहा कि गांधी जी जो सोचते थे और जो कहते थे, वही करते थे। यह व्यक्ति को महान बनाता है। वे समय स्थान से परे थे। जिला जज ने गोष्ठी में मौजूद सभी से आह्वान किया कि कहने-सुनने से ज्यादा उनके विचारों को यथार्थ में उतारें और उसे आत्मसात करें। यदि गांधी जी के एक भी गुण को अपने जीवन में उतार लें यही सफलता होगी। जिला जज प्रथम चन्द्रभानु सिंह ने विश्व पटल पर गांधी दर्शन की चर्चा करते हुए कहा कि गांधी जी की मृदुभाषी और सरलता अनुकरणीय है। गीता के श्लोक में लिखा है कि धर्म की सम्पन्नता के लिये अहिंसा धर्म है। उन्होंने 'जुगनुओं की रोशनी में तीरगी घटती नही, चांद हो पूनम का चाहे मगर पौ फटती नही' की दो लाइन की कविता पढ़कर महात्मा गांधी के व्यक्तित्व से परिचित कराया।
न्यायाधीश सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने वसुसैव कुटुम्ब की चर्चा करते हुए गांधी जी के विचारों को यथार्थ में संचालन के लिये युवा पीढ़ी का आवाहन किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनिल कुमार ने गांधी को महान व्यक्तित्व का धनी बताया और उनके रास्ते पर चलने को कहा। गोष्ठी को कई न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं ने भी सम्बोधित किया । इस अवसर पर समस्त न्यायधीश, विधि विद्यालय के प्राचार्य, छात्र, अधिवक्ता, प्रशासनिक अधिकारी अशोक उपाध्याय, सेंट्रल नाजिर अनिल सिंह, विनय सिंह, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आद्या मिश्र सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे ।