राम जेठमलानी जिन्होंने विशेष परिस्थिति में 17 साल में पूरी की लॉ की पढ़ाई ,18 साल की उम्र में लड़ा पहला मुकदमा : जेब में 1 पैसा डालकर कराची से भारत आए थे राम जेठमलानी, वकालत की दुनिया में कमाया नाम
राम जेठमलानी जिन्होंने विशेष परिस्थिति में 17 साल में पूरी की लॉ की पढ़ाई ,18 साल की उम्र में लड़ा पहला मुकदमा : जेब में 1 पैसा डालकर कराची से भारत आए थे राम जेठमलानी, वकालत की दुनिया में कमाया नाम
ए कुमार
नईदिल्ली 8 सितम्बर 2019 ।। राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी के शिकारपुर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में हुआ था.
वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी (ram jethmalani) का रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 95 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री रहे. राम जेठमलानी ने जहां न्यूनतम उम्र से पहले ही कानून की पढ़ाई पूरी कर वकील बने , तो वही 18 साल की उम्र में अपना पहला मुकदमा सरकार द्वारा वकालत करने के लिये निर्धारित न्यूनतम उम्र 21 साल के खिलाफ लड़ा था । देश बंटवारे का दंश झेलने के बाद मात्र 1 पैसा जेब मे लेकर भारत आने वाले जेठमलानी ने अपनी योग्यता के बल पर जहां वकालत के क्षेत्र में देश के सबसे बड़े और सबसे ज्यादे फीस लेने वाले वकील बने तो वही राजनीति में भी सफलता के पायदान चढ़ते हुए देश के कानून मंत्री भी बने ।
राम जेठमलानी का सफ़रनामा
1. राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी के शिकारपुर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में हुआ था.
2. राम जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में एलएलबी की डिग्री हासिल की. वह विशेष स्थिति में 18 साल की उम्र में वकील बने थे. जबकि वकील बनने की न्यूनतम उम्र 21 थी. उन्होंने बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से वकालत में मास्टर की.
3. राम जेठमलानी ने अपनी वकालत और प्रोफेसरी की शुरुआत देश के बंटवारे से पहले सिंध प्रांत में की थी. उन्होंने कराची में अपने मित्र एके ब्रोही के साथ मिलकर एक लॉ फर्म शुरू की. फरवरी 1948 में देश के बंटवारे के बाद कराची में दंगे भड़क गए थे. ऐसे में वह ब्रोही की सलाह पर भारत आ गए. उस समय वह जेब में सिर्फ एक पैसा डालकर भारत आए थे. इस पैसे के आधार पर वह कुछ दिनों तक यहां शरणार्थी शिविर में रहे थे.
4. जेठमलानी ने अपना पहला केस 17 साल की उम्र में सिंध की कोर्ट में लड़ा था. उन्होंने वकील बनने की न्यूनतम उम्र के नियम को चुनौती दी थी. भारत में उन्होंने पहला केस बॉम्बे रेफ्यूजी एक्ट के खिलाफ लड़ा था. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में यह केस लड़ा था.
5. 1954 में वह मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में पार्ट टाइम प्रोफेसर बने. वह कुल चार बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे.
6. 1977 और 1980 में आम चुनाव में वह जनता पार्टी और बीजेपी की टिकट पर मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1985 में उन्हें यहां कांग्रेस के सुनील दत्त ने हराया.
7. 1988 में वह राज्यसभा सदस्य बने. 1996 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री बने. 1999 में वह फिर कानून मंत्री बने. 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
8. 7 मई, 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया. राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले वकील थे.
9. जेठमलानी की ओर से लड़े गए कुछ बड़े केसों में से हवाला कांड में लालकृष्ण आडवाणी का बचाव, जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा का बचाव, इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपियों का बचाव, राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों का बचाव, सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में अमित शाह का (गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री का) बचाव, 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में कनिमोझी का बचाव, जग्गी हत्या के मामले में अमित जोगी (अजीत जोगी के बेटे) का बचाव वाले केस शामिल हैं.
10. जेठमलानी ने जोधपुर यौन शोषण मामले में आसाराम बापू के बचाव का केस भी लड़ा. भाकपा विधायक कृष्णा देसाई हत्याकांड में शिवसेना के बचाव का केस और अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले में AAP सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बचाव का केस लड़ा.
ए कुमार
नईदिल्ली 8 सितम्बर 2019 ।। राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी के शिकारपुर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में हुआ था.
वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री राम जेठमलानी (ram jethmalani) का रविवार को दिल्ली स्थित उनके आवास पर निधन हो गया. वह 95 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वह 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री रहे. राम जेठमलानी ने जहां न्यूनतम उम्र से पहले ही कानून की पढ़ाई पूरी कर वकील बने , तो वही 18 साल की उम्र में अपना पहला मुकदमा सरकार द्वारा वकालत करने के लिये निर्धारित न्यूनतम उम्र 21 साल के खिलाफ लड़ा था । देश बंटवारे का दंश झेलने के बाद मात्र 1 पैसा जेब मे लेकर भारत आने वाले जेठमलानी ने अपनी योग्यता के बल पर जहां वकालत के क्षेत्र में देश के सबसे बड़े और सबसे ज्यादे फीस लेने वाले वकील बने तो वही राजनीति में भी सफलता के पायदान चढ़ते हुए देश के कानून मंत्री भी बने ।
राम जेठमलानी का सफ़रनामा
1. राम जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर, 1923 को तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी के शिकारपुर (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में हुआ था.
2. राम जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में एलएलबी की डिग्री हासिल की. वह विशेष स्थिति में 18 साल की उम्र में वकील बने थे. जबकि वकील बनने की न्यूनतम उम्र 21 थी. उन्होंने बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से वकालत में मास्टर की.
3. राम जेठमलानी ने अपनी वकालत और प्रोफेसरी की शुरुआत देश के बंटवारे से पहले सिंध प्रांत में की थी. उन्होंने कराची में अपने मित्र एके ब्रोही के साथ मिलकर एक लॉ फर्म शुरू की. फरवरी 1948 में देश के बंटवारे के बाद कराची में दंगे भड़क गए थे. ऐसे में वह ब्रोही की सलाह पर भारत आ गए. उस समय वह जेब में सिर्फ एक पैसा डालकर भारत आए थे. इस पैसे के आधार पर वह कुछ दिनों तक यहां शरणार्थी शिविर में रहे थे.
4. जेठमलानी ने अपना पहला केस 17 साल की उम्र में सिंध की कोर्ट में लड़ा था. उन्होंने वकील बनने की न्यूनतम उम्र के नियम को चुनौती दी थी. भारत में उन्होंने पहला केस बॉम्बे रेफ्यूजी एक्ट के खिलाफ लड़ा था. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में यह केस लड़ा था.
5. 1954 में वह मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में पार्ट टाइम प्रोफेसर बने. वह कुल चार बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन रहे.
6. 1977 और 1980 में आम चुनाव में वह जनता पार्टी और बीजेपी की टिकट पर मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. 1985 में उन्हें यहां कांग्रेस के सुनील दत्त ने हराया.
7. 1988 में वह राज्यसभा सदस्य बने. 1996 में वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री बने. 1999 में वह फिर कानून मंत्री बने. 2004 में उन्होंने लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लोकसभा चुनाव लड़ा. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
8. 7 मई, 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का चेयरमैन नियुक्त किया गया. राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले वकील थे.
9. जेठमलानी की ओर से लड़े गए कुछ बड़े केसों में से हवाला कांड में लालकृष्ण आडवाणी का बचाव, जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा का बचाव, इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपियों का बचाव, राजीव गांधी की हत्या के आरोपियों का बचाव, सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ मामले में अमित शाह का (गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री का) बचाव, 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में कनिमोझी का बचाव, जग्गी हत्या के मामले में अमित जोगी (अजीत जोगी के बेटे) का बचाव वाले केस शामिल हैं.
10. जेठमलानी ने जोधपुर यौन शोषण मामले में आसाराम बापू के बचाव का केस भी लड़ा. भाकपा विधायक कृष्णा देसाई हत्याकांड में शिवसेना के बचाव का केस और अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि मामले में AAP सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बचाव का केस लड़ा.