लखनऊ : पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के अन्तर्गत कानपुर देहात में सड़क चैड़ीकरण हेतु रू0 07 करोड़ 80 लाख 94 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त
पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना के अन्तर्गत कानपुर देहात में सड़क चैड़ीकरण हेतु रू0 07 करोड़ 80 लाख 94 हजार की धनराशि की गयी अवमुक्त
लखनऊ, दिनांक 17 सितम्बर 2019 ।।
उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के अन्तर्गत तहसील मुख्यालय/विकास खण्ड मुख्यालय को दो लेन चैड़े मार्ग से जोड़ने के सम्बन्ध में जनपद कानपुर देहात में डेरापुर-मुंगाशीपुर मार्ग (अन्य जिला मार्ग) का (3.75 मी0 से 7 मी0) चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 07 करोड़ 80 लाख 94 हजार की धनराशि उ0प्र0 शासन द्वारा अवमुक्त की गयी है। प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि इस सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन, लो0नि0 अनुभाग-11 द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस 10 किमी0 लम्बे मार्ग की स्वीकृत लागत रू0 16 करोड़ 26 लाख 97 हजार है।
जारी शासनादेश में प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लो0नि0वि0 श्री वी0के0 सिंह को निर्देशित किया गया है कि वह आवंटित धनराशि का उपयोग शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करायें तथा कार्य सम्पादन के अनुरूप उपयोगिता प्रमाण पत्र/कार्यों के सम्परीक्षित लेखा 30 अप्रैल 2020 तक शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
लखनऊ, दिनांक 17 सितम्बर 2019 ।।
उ0प्र0 के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2019-20 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के अन्तर्गत तहसील मुख्यालय/विकास खण्ड मुख्यालय को दो लेन चैड़े मार्ग से जोड़ने के सम्बन्ध में जनपद कानपुर देहात में डेरापुर-मुंगाशीपुर मार्ग (अन्य जिला मार्ग) का (3.75 मी0 से 7 मी0) चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 07 करोड़ 80 लाख 94 हजार की धनराशि उ0प्र0 शासन द्वारा अवमुक्त की गयी है। प्रमुख सचिव लो0नि0वि0 नितिन रमेश गोकर्ण ने बताया कि इस सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन, लो0नि0 अनुभाग-11 द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस 10 किमी0 लम्बे मार्ग की स्वीकृत लागत रू0 16 करोड़ 26 लाख 97 हजार है।
जारी शासनादेश में प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष लो0नि0वि0 श्री वी0के0 सिंह को निर्देशित किया गया है कि वह आवंटित धनराशि का उपयोग शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित करायें तथा कार्य सम्पादन के अनुरूप उपयोगिता प्रमाण पत्र/कार्यों के सम्परीक्षित लेखा 30 अप्रैल 2020 तक शासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।