बलिया में बोले प्रेमभूषण जी महाराज : सरकार अगर दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाये तो राम मंदिर का निर्माण हो जायेगा शीघ्र
सरकार अगर दृढ़ इच्छा शक्ति दिखाये तो राम मंदिर का निर्माण हो जायेगा शीघ्र --प्रेमभूषण जी महाराज
कहा टीवी पर देखकर किसी को न माने गुरु
योगी जी इस समय राजनेता , जब गोरखपुर पीठाधीश्वर बनते है तब सन्त
धर्म का बाजारीकरण कुछ हद तक ठीक बर्ना गलत
भारत हिन्दू राष्ट्र है बनाने की आवश्यकता नही
बलिया 18 दिसम्बर 2018 ।।
बलिया के टीडी कालेज में श्रीराम कथा कह रहे देश के प्रसिद्ध कथावाचक श्रद्धेय प्रेमभूषण जी महाराज ने ईश्वर दयाल मिश्र के आवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में स्पष्ट रूप से कहा कि श्रीराम राम मंदिर का निर्माण केंद्र सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है । मामला माननीय न्यायालय में होने के कारण इसपर टिपड़ी करना तो ठीक नही है लेकिन केंद्र सरकार के पास कानून बनाने की शक्ति तो है न । कहा अगर काशी विश्वनाथ मंदिर तक गंगा जी के तट से कॉरिडोर बन सकता है तो श्रीराम जी के भव्य मंदिर निर्माण के लिये अध्यादेश लाकर इसको क्यो नही बनवाया जा सकता है ? मेरा तो मानना है कि जिस क्षण सरकार मंदिर निर्माण के लिये दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ संकल्प कर ले ,यह तुरंत बन जाये । पीएम मोदी और सीएम योगी को संत मानते है कि राजनेता ? के सवाल के जबाब में कहा कि मोदी जी और योगी जी दोनो राजनेता है ।
कहा जब हमारे सीएम योगी जी अपने गोरक्षनाथ पीठ पर महंथ के रूप में होते है तब वे संत है लेकिन जब सीएम की कुर्सी पर रहते है तो सिर्फ राजनेता है । वही देशहित में मोदी जी को दुबारा प्रधानमंत्री के रूप में देखना भी चाहते है क्योकि मोदी जी ही देश को कालेधन की जकड़न से पूरी तरह निकाल सकते है, कोई दूसरा नही।बच्चो पर से माता पिता का नियंत्रण कम क्यो हो रहा है ? के जबाब में कहा कि यह परवरिश का असर है । यह माता पिता को सोचना है कि हम बच्चो को किस रूप में बनाते है सनातन धर्म के अनुरूप या पश्चात के । अगर शुरू से 12 वर्ष तक बच्चो को संस्कार और धर्म सम्मत कार्य करने की शिक्षा दे दे तो बच्चा कभी भी नही बिगड़ेगा । भारत हिन्दू राष्ट्र कब बनेगा ? के जबाब में कहा कि कब बनेगा क्या यह तो आज भी हिन्दू राष्ट्र ही है । जहाँ 80 प्रतिशत जनसंख्या सनातन धर्म को मानने वाले हिन्दुओ की है वह राष्ट्र तो हिन्दू राष्ट्र है ही । कहा लोगो ने हिन्दू धर्म के अर्थ को संकुचित रूप में कहना शुरू कर दिया है । जबकि हिन्दू धर्म नही जीवन जीने की शैली है । धर्म तो हमारा सनातन धर्म है । हमारे पुराणों उपनिषदों वेदों आदि में सृष्टि की रचना के समय से यानी करोड़ो वर्षो से ही लिखा गया है कि हिमालय से लेकर सिंधु सागर तक फैला जो राष्ट्र है वह हिन्दू राष्ट्र भारत है ।
जैसे संसद का सत्र चलता है वैसे क्या राजनेताओ के लिये भी रामचरितमानस का सत्र चलना चाहिये जिससे नैतिकता नेताओ के अंदर और मजबूत हो ? के जबाब में कहा ऐसा होना चाहिये परन्तु ऐसा हो इसके लिये मैं प्रयास नही करूँगा । सीएम योगी द्वारा हनुमान जी को दलित कहने पर टिपड़ी करने की बात कहने पर कहा यद्यपि मैने सुना नही है फिर भी अपनी सोच के अनुसार मेरा मानना है कि भगवान और भगवान के परिकरो को जातियों में न बांटा जाय । राजनेता की चाह ही राज करने की होती है चाहे उसके लिये साम दाम भेद भय नीति के द्वारा ही क्यों न प्राप्त करनी पड़े । राजनीतिक लोग अपने राजनैतिक वोट बैंक को बढ़ाने के लिये इन चारों नीतियों का प्रयोग करते है जो चाणक्य और विदुर नीति में भी कही गयी है। भगवान हनुमान एकादश शिव के अवतार है । ऋषि मुनि संत सभी जाति धर्म से परे होते है । जो त्रिकालय है वो ऋषि होता है । जो केवल भगवान के चिंतन में लगा रहता है वह मुनि होता है । जो अनन्त के आश्रय में रहकर भगवान की भक्ति में लगा रह कर साधुत्व में रमा रहता है वह संत है । जिसका स्वभाव सध गया है , जिसको आप बुराभला भी कहे तो मुस्कुराता रहता है वह साधु है । क्योंकि उसको पता है कि आप जो बोल रहे है वह आप नही भगवान बोल रहे है । धर्म के बाजीकरण के सवाल का जबाब देते हुए कहा कि होना तो नही चाहिये , लेकिन थोड़ा बाजीकरण खराब नही है । यह देखने का अपना अपना नजरियां है । जैसे जो चीज आपको नजदीक से साफ दिखती है , दूर जाकर आप ही देखेंगे तो धुंधली दिखेगी ।समय समय पर देश मे चर्चित तथाकथित संतो के कुकृत्यों के उजागर होने के बाद आखिर जनमानस किसपर विश्वास करें ? के सवाल का जबाब देते हुए श्री महाराज ने कहा कि सबसे पहले तो जनता टीवी पर देखकर किसी को भी गुरु बनाने के चलन को बंद करे । प्रवचन करने से कोई गुरु थोड़े हो जाता है । प्रेमभूषण जी कथावाचक है , संत नही है । बिना पूरी पड़ताल किये किसी को भी गुरु नही बनाना चाहिये खासकर टीवी पर देखकर तो कत्तई नही ।श्रद्धेय प्रेमभूषण जी महाराज ने सभी पत्रकारों को अपनी कथाओं की आओ गाये राम कथा घर घर मे नामक पुस्तक और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान के साथ आशीर्वाद दिया । इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह और ईश्वर दयाल मिश्र भी उपस्थित रहे ।