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बलिया : अव्यवस्था अव्यवस्था अव्यवस्था के बीच मीडियाकर्मियों को करनी पड़ी कवि सम्मेलन की कवरेज ,सभासदों तक को खानी पड़ी धक्कामुक्की







अव्यवस्था अव्यवस्था अव्यवस्था के बीच मीडियाकर्मियों को करनी पड़ी कवि सम्मेलन की कवरेज
सभासदों तक को खानी पड़ी धक्कामुक्की
कवियों का उत्तम काव्यपाठ , पुलिस की चुस्ती और श्रोताओं के जोश के अलावा बदतर व्यवस्था देने के लिये याद किये जायेंगे समाजसेवी
मधुसूदन सिंह



बलिया 10 दिसम्बर 2018 ।। ऐतिहासिक सांस्कृतिक धरोहरों में से एक बलिया के ददरी मेला में भारतेन्दु कला मंच पर रविवार 9 दिसम्बर की रात में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन जहां सुप्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास के नेतृत्व में आई कवियों के उत्तम पाठ के लिये वर्षो याद की जाएगी , चुस्त दुरुस्त पुलिसिंग के अंदर दम घोटू माहौल में भी काव्य पाठ सुनने के लिये लगभग पच्चास हजार की संख्या के रात ढाई बजे तक कवियों को सुनने के लिये याद की जाएगी , दमघोटू इस लिये कि शहर कोतवाल की जेल की मानिंद सुरक्षा की दीवार में श्रोता न तो खुलकर तारीफ कर पाये न ही हूटिंग । वही निरीह मीडियाकर्मियों के लिये आरक्षित जगह पर दबंगो का कब्जा होने से मीडियाकर्मियों को सीढ़ियों पर या इधर उधर खड़े होकर कवरेज करनी पड़ी । मीडियाकर्मियों के लिये आरक्षित स्थान को बलिया शहर के तेजतर्रार कोतवाल साहब भी खाली कराने में असमर्थ रहे , नपा अध्यक्ष अजय कुमार तो भँवरे की तरह ऐसे डोलते रहे जैसे इनको इस कार्यक्रम के बाद किसी की जरूरत ही नही पड़ेगी । वही अपने ही घर के कार्यक्रम में सम्मानित सभासदों को भी धक्कामुक्की खानी पड़ी , कुछ सभासद किसी तरह मंच पर कवियों के पीछे दरी पर बैठने में सफल हो पाये । वैसे आजकल नगर पालिका में सभासदों की पूंछ थोड़ी कम हो गयी है । पहले के वर्षो में किसी को सम्मानित होते वक्त सभासदगण भी मौजूद रहते थे , उनको बुलाया जाता था लेकिन समाजसेवी के कार्यकाल में संभवतः कोई जरूरत नही है ।