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जिला पंचायत बलिया के निकले करोड़ो रूपये के टेंडरों के विवादित होने के वावजूद आखिर निरस्त करने से क्यो हिचक रहा है जिला प्रशासन ?




जिला पंचायत बलिया के निकले करोड़ो रूपये के टेंडरों के विवादित होने के वावजूद आखिर निरस्त करने से क्यो हिचक रहा है जिला प्रशासन ?
जब पहले से बनी सड़को , पुलियो पर ही भुगतान लेने की साजिश का हो गया है खुलासा , तो फिर देर क्यो ?
क्या अध्यक्ष की कुर्सी जाने या बचने से जुड़ा है कोई गहरा राज ?
मधुसूदन सिंह की रिपोर्ट
बलिया 28 दिसम्बर 2018 ।। जिला पंचायत बलिया द्वारा एक बार टेंडर निकालने के लिये अध्यक्ष के साथ धरना देना और इसके एक सप्ताह बाद ही निकले करोड़ो के टेंडरों में पहले से किये गये कार्यो के नाम पर ही फिर से कार्य करवाने का टेंडर निकाल कर भुगतान लेने की साजिश का भंडाफोड़ होने के बाद सदस्यों द्वारा अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ जिलाधिकारी से मिलकर अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस देना जनपद में राजनैतिक सरगर्मियों को बढ़ाने का काम किया है । वही जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान ने भी नहले पे दहला चलते हुए 40 सदस्यों के समर्थन वाला पत्रक डीएम को देकर विरोधी गुट को अपनी शक्ति का एहसास कराने का काम किया है । अब यही दिमाग की गणित गड़बड़ हो जा रही है कि जब कुल 59 सदस्य(अध्यक्ष को लेकर) ही जिला पंचायत में है तो विरोधी गुट के 35 सदस्य होनेे के दांवे और समर्थक गुट के दांवे 40 सदस्य होंने के,कैसे हो गये । इस गणित से क्या विरोधी क्या समर्थक दोनो हैरान परेशान है कि वो 16 सदस्य कौन है जो दोनो लोगो को अपना समर्थन दे रहे है । अब गेंद जिलाधिकारी बलिया के पाले में है कि वे इसका फैसला जिला पंचायत के सदन में कराते है या अपने ऑफिस में करते है ?
  कुर्सी दौड़ में भ्रष्टाचार से युक्त टेंडर पर अब किसी की निगाह नही ?
निर्धारित आवंटित बजट के लगभग तीन गुना की निविदा निकालने और अधिकतर इन निविदाओं में भ्रष्टाचार की साजिश के खुलासे के वावजूद इनको न तो जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान द्वारा , न ही जिला प्रशासन द्वारा निरस्त करना जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है । चर्चा तो यह भी हो रही है कि अगर भ्रष्टाचार के खुलासे के तुरंत बाद जिला पंचायत अध्यक्ष सुधीर पासवान इन निविदाओं को निरस्त कर दिये होते तो इनके खिलाफ इन्ही के पार्टी के सदस्य बगावत नही करते ? अब तो लोग प्रदेश की योगी सरकार की भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन के नारे को इस निविदा प्रकरण में कार्यवाई न होने से सिर्फ जुमलेबाजी कहना शुरू कर दिये है । साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि कुर्सी की जंग निविदा के भ्रष्टाचार पर भारी पड़ गयी है । अब लोगो की दिलचस्पी निविदाओं में कम अध्यक्ष की कुर्सी बचेगी कि जाएगी इसमें ज्यादे हो गयी है ।अब देखना यह है कि इतनी छीछालेदर होने के वावजूद इस टेंडर को जिला पंचायत अध्यक्ष निरस्त करते है कि जिला प्रशासन ,कि शासन ?

खबर लिखने पर राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरोचीफ को मारने की साजिश का हुआ खुलासा
जिला पंचायत द्वारा निकाले गये टेंडर में कहां कहां भ्रष्टाचार करने की नियत से टेंडर निकाले गये है उसकी लगातार पड़ताल निकालने वाले राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरोचीफ हरिनारायण उर्फ रंजीत मिश्र को भ्रष्टाचारियों द्वारा रास्ते से हटाने की योजना का भी संयोग बस खुलासा हो गया । अपने साथी के खिलाफ ऐसी साजिश रचने वालो को कानूनी पाठ पढ़ाने के लिये आज आक्रोशित पत्रकारों का समूह पुलिस अधीक्षक बलिया से मिलकर अपने साथी की सुरक्षा के साथ साथ ऐसी साजिश को रचने वालो को तत्काल गिरफ्तारी की मांग की । जिस पर पुलिस अधीक्षक ने सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही साजिशकर्ताओं की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया ।