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नईदिल्ली : महिलाओं और बुजुर्गो के लिए ट्रेनों में और बढ़ेगा आरक्षण कोटा, मिलेंगी लोअर बर्थ




महिलाओं और बुजुर्गो के लिए ट्रेनों में और बढ़ेगा आरक्षण कोटा, मिलेंगी लोअर बर्थ

कुलदीपक पाठक
 नई दिल्ली 22 दिसम्बर 2018 ।। रेलवे ने आरक्षित ट्रेनों में बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं के लिए लोअर बर्थ की उपलब्धता बढ़ाने के लिए महिलाओं और बुजुर्गो का आरक्षण कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी इस वर्ग को उपलब्ध कोटे में लोअर बर्थो पर अपेक्षाकृत कम उम्र की महिलाओं का कब्जा हो जाता है, जबकि गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गो को ऊपरी बर्थो पर मशक्कत करनी पड़ती है। नए प्रावधान से इस विसंगति के काफी हद दूर होने की उम्मीद है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से शीघ्र ही जोनल कमर्शियल मैनेजरों को सर्कुलर भेजे जाने की संभावना है।

बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं को अब मिलेंगी ज्यादा लोअर बर्थ

नई व्यवस्था के तहत मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों के अलावा राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी पूर्ण वातानुकूलित प्रीमियम ट्रेनों में भी बुजुर्गो, 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं तथा गर्भवती महिला यात्रियों को ज्यादा संख्या में लोअर बर्थ प्राप्त हो सकेंगी। अभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में 45 वर्ष या अधिक उम्र की महिलाओं के अलावा वरिष्ठ नागरिक तथा गर्भवती महिलाओंे के लिए स्लीपर क्लास के अंतर्गत 6 बर्थ तथा थर्ड और सेकंड एसी के तहत 3-3 बर्थ का कोटा तय है। जबकि राजधानी, दूरंतो, शताब्दी व अन्य पूर्ण वातानुकूलित ट्रेनों में थर्ड एसी में 4 तथा सेकंड एसी/चेयरकार में 3 बर्थ/सीट मिलती हैं।

प्रत्येक श्रेणी में कोच की संख्या के आधार पर बढ़ेंगी आरक्षित बर्थ/सीटें

परंतु नए प्रस्ताव के तहत जिन मेल, एक्सप्रेस ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों का केवल एक-एक कोच है, उनमें स्लीपर क्लास में उक्त तीनो वर्ग के यात्रियों को 6 बर्थ, थर्ड एसी में 4 बर्थ तथा सेकंड एसी में 3 लोअर बर्थ का कोटा प्राप्त हो सकता है।

इसी प्रकार जिन ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों के लिए एक से ज्यादा कोच उपलब्ध हैं, उनमें उक्त तीनो श्रेणियों के यात्रियों को स्लीपर क्लास में 8 बर्थ, थर्ड एसी में 6 तथा सेकंड एसी में 4 बर्थ आवंटित करने की व्यवस्था होने के आसार हैं। जबकि राजधानी, दूरंतो, शताब्दी जैसी पूर्ण वातानुकूलित ट्रेनों में थर्ड एसी में 6 और सेकंड एसी/चेयरकार में 4 बर्थ/सीट का कोटा उपलब्ध कराए जाने की संभावना है।

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार नई व्यवस्था में महिलाओं और बुजुर्ग नागरिकों का कोटा ट्रेन में विभिन्न श्रेणियों के लिए उपलब्ध कोच की संख्या के आधार पर निर्धारित किया जा रहा है। जिन ट्रेनों में किसी श्रेणी की केवल एक कोच है, उनमें कोटे में बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम है, जबकि जिन ट्रेनों में अधिक कोच उपलब्ध उनमें कोटे में ज्यादा बढ़ोतरी की गई है।

यह निर्णय बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं की उन शिकायतों के बाद किया गया है जिनमें कहा गया था कि उनके कोटे की ज्यादातर लोअर बर्थे कम उम्र की महिलाओं को आवंटित कर दी जाती हैं। इससे बुजुर्गो और गर्भवती महिलाओं को ऊपरी बर्थो का संताप झेलना पड़ता है।