मध्यप्रदेश चुनाव : ये 30 बागी बिगाड़ सकते है भाजपा व कांग्रेस के समीकरण

9 दिसम्बर 2018 ।।
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए किए गए मतदान के परिणाम आने की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है, वैसे ही कांग्रेस और बीजेपी की धड़कने तेज हो रही हैं. बीते दिनों आए एग्जिट पोल्स के परिणाम अगर हकीकत में तब्दील हो गए तो दोनों दल, खुद पर और टिकट वितरण पर आरोप लगाएंगे.
ऐसा इसलिए है क्योंकि 30 से ज्यादा सीटों पर बागी लड़ रहे हैं. जिन्हें इस बात की उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें टिकट देगी. टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और अब वे दोनों पार्टियों का गणित बिगाड़ सकते हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में, 33 सीटों का भाग्य 1% से कम वोटों से तय हुआ था. हालांकि दोनों पक्षों ने नाराज लोगों को मनाने की की कोशिश की. बागी उम्मीदवार इन तीनों दर्जन सीटों में चुनाव के नतीजे बदल सकते हैं.
कांग्रेस में दिग्विजय सिंह को संकटमोचक माना जाता है. कुछ हद तक वह बागियों को मनाने में सफल रहे और आखिरी समय में नामांकन वापस कराने में सफल रहे. शिवराज सिंह चौहान की ओर से कई लोगों को किए गए फोन कॉल्स से भी बीजेपी को कुछ फायदा हो सकता है. दोनों ही दलों ने अपने कैंपेन मैनेजरों के जरिए बागी और स्थानीय नेताओं तक पहुंचे और उनका नामांकन वापस कराया.
पांच बार बीजेपी सांसद और दो बार विधायक, कुर्मी नेता रामकृष्ण कुसमरिया दो निर्वाचन क्षेत्रों - दामोह और पथरिया में पार्टी से टिकट से न मिलने के बाद निर्दलीय लड़े. माना जा रहा है कि वह बीजेपी उम्मीदवार के वोट में कटौती कर सकते हैं. दामोह से बीजेपी के जयंत मलइया चुनाव लड़ रहे हैं.
इसी तरह, कांग्रेस को झाबुआ में नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, जहां इसके पार्टी के सदस्य रहे जेवियर मेडा ने कांग्रेस सांसद कांतिलाल भूरिया के बेटे जितेंद्र भूरिया को टिकट दिए जाने के चलते निर्दलीय चुनाव लड़ा.
बीजेपी द्वारा टिकट न मिलने के बाद भिंड से विधायक नरेंद्र सिंह एसपी में शामिल हो गए और वहां से बीजेपी के खिलाफ लड़े. ग्वालियर ग्रामीण में कांग्रेस के टिकट से जीते साहब सिंह गुज्जर को भी पार्टी ने टिकट नहीं दिया, ऐसे में वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े.
अन्य सीटें जहां बीजेपी और कांग्रेस मजबूत बागी चुनाव लड़ रहे हैं इसमें विजयपुर, लेहर, करैरा, नीमच, जवाड़, मल्हारगढ़,गरोठ, सुवासरा, मानसा, पुष्पराजगढ़, अनूपपुर, कोटमा, सिहावल, नागौड, जबलपुर, सागर, सतना , रतलाम, सैलाना, जावरा और सीहोर शामिल है.
मध्यप्रदेश चुनाव : ये 30 बागी बिगाड़ सकते है भाजपा व कांग्रेस के समीकरण
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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December 09, 2018
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