रसड़ा बलिया : अभावग्रस्त बच्चो में शिक्षा की अलख जगाती युवाओ की टोली "हैंड्स टू केयर " ,अपने पैतृक क्षेत्र में गरीबो के बच्चों को शिक्षित करने का उठाया बीड़ा
अभावग्रस्त बच्चो में शिक्षा की अलख जगाती युवाओ की टोली "हैंड्स टू केयर "
अपने पैतृक क्षेत्र में गरीबो के बच्चों को शिक्षित करने का उठाया बीड़ा
रसड़ा बलिया के 24 युवक युवतियों ने शुरू की नई पहल
मधुसूदन सिंह
बलिया 9 नवम्बर 2018 ।। हौसलों के आगे कोई दीवार नही होती , मेहनत करने वालो की कभी हार नही होती , जी हां ऐसी ही सोच से लबरेज बलिया जनपद के रसड़ा तहसील के विभिन्न गांवों और रसड़ा मुख्यालय पर रहने वाले दो दर्जन युवकों और युवतियों ने "हैंड्स तू केयर " नामक संगठन बनाकर अनोखा अभियान शुरू किया है ।इस ग्रुप की लीडर निधि त्रिपाठी जो उच्च न्यायालय इलाहाबाद में समीक्षा अधिकारी है , ने अपने पुराने सहपाठी इंजी श्रेयष जो इंडियन ऑयल में इंजीनियर है , के साथ मिलकर अन्य सहपाठियों के साथ रसड़ा क्षेत्र में धनाभाव के चलते प्राथमिक पढ़ाई से वंचित बच्चो को पढ़ाने का जिम्मा लिया है । कुल 24 युवाओ की इस टोली में कुछ जॉब करने वाले , कुछ व्यापार करने वाले , शेष छात्र छात्राएं है । सबके दिलोदिमाग में एक ही सपना , शतप्रतिशत साक्षर हो रसड़ा अपना । इसी मुहिम के तहत आज इस ग्रुप ने स्थानीय अग्रवाल धर्मशाला में लगभग 80 बच्चो को स्कूल बैग जिसमे बुक्स टिफिन बोतल कॉपी पेन पेंसिल आदि पढ़ाई में काम आने वाली समस्त वस्तुऐ थी , को प्रदान किया । इससे पहले इन बच्चों को पढ़ाई के महत्व को दर्शाने वाली फिल्म भी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाई गई जो काफी प्रेरणादायक रही ।
इसके उपरांत बच्चो को चित्र दिखाकर पूंछे गये सवाल का जबाब लिये गये । जिस बच्चे ने सही जबाब दिया उसको प्रोत्साहन में टॉफी दी जा रही थी । मीडिया से बात करते हुए निधि त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय मे हम लोग जो कमा रहे है , ने यह निर्णय किया है कि केवल सरकार द्वारा सर्वशिक्षा अभियान चला देने से ही सभी बच्चों को शिक्षित नही किया जा सकता है, इसमें जन भागीदारी भी बहुत जरूरी है । जन भागीदारी के माध्यम से रसड़ा क्षेत्र में एक भी बच्चा प्राथमिक शिक्षा पाने से वंचित न रह जाये इसके लिये हम लोगो ने आपस मे धन एकत्रित करके बच्चो के लिये पढ़ाई से सम्बंधित सभी बस्तुओ से युक्त स्कूल बैग खरीद कर बच्चो में देने का निर्णय किया । इसी क्रम में प्रतिदिन मजदूरी कर अपना तथा अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले मजदूरों के बच्चे जो आर्थिक तंगी के चलते पढ़ने नही जाते थे , उनको चिन्हित करके और उनके परिजनों को बच्चों को पढ़ने के लिये स्कूल भेजने के लिये सहमत किया । आज ऐसे ही अस्सी बच्चो को बुलाकर उनके अभिभावकों के समक्ष स्कूल बैग किट दिया गया है । इंजीनियर श्रेयष ने कहा कि जब हम लोग पढ़ाई करते थे तो स्कूल में लिखा मिलता था शिक्षार्थ आइये सेवार्थ जाइये , इसी सोच को चरितार्थ करने के लिये हम लोग सेवा करने के लिये अपनी संस्था के माध्यम से उतरे है । हमारा इस वित्तीय वर्ष में चार सौ से पांच सौ तक स्कूल न जाने वाले रसड़ा के बच्चों को स्कूल भेजने का संकल्प है । साथ ही यह भी बता दू कि इनके अतिरिक्त अन्य नये बच्चो को इस योजना में शामिल किये जाने के वावजूद पुराने बच्चो की पढ़ाई की भी मॉनिटरिंग करते रहेंगे और इनकी पढ़ाई में आयी कमियों को भी दूर करने का प्रयास करेंगे । इस कार्यक्रम को आयोजित करने वाले बिजनेसमैन अमित अग्रवाल ने कहा कि हमारी पहल "हैंड्स टू केयर " अभावों में बचपन गुजार रहे बच्चों को शिक्षित कर सफल बनाने की है । इस टीम के सदस्यों में प्रिंस,अभिषेक, शिवम,राहुल , श्रेयश ,अखिलेश , वैभव, अदनान, शुभम ,विवेक , अब्दुल ,शिव दत्त , डॉ खुश्बू मद्धेशिया ,करिश्मा, नईमा, हर्षिका,विजय , राज , अभिषेक अग्रवाल, सलीम , ओम और हर्ष प्रमुख है ।