बलिया : *जिला अस्पताल में अचानक पहुंचे डीएम, मिली दुर्व्यवस्था*
*जिला अस्पताल में अचानक पहुंचे डीएम, मिली दुर्व्यवस्था*
- *सीएमएस को फटकार, सुधार लाने की चेतावनी*
बलिया 10 सितम्बर 2018 ।।
जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने सोमवार की दोपहर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमएस डाॅ डी. प्रसाद को जमकर लताड़ा। वजह यह कि इस औचक निरीक्षण में अस्पताल की हर व्यवस्था फिसड्डी मिली। लम्बे समय से खराब आरओ, वार्ड व शौचालयों में गंदगी, स्ट्रेचर को चुराकर रखना, परिसर में प्राईवेट एम्बुलेंस खड़ी होना, कई जगह टूटी फर्श, अस्पताल कर्मियों की गतिविधि पर नजर नहीं रखना समेत कई कमियां सीएमएस की मिली। इन कर्मियों को अपने आंखों के सामने देखने व महज एक अस्पताल तक को ठीक नहीं रख पाने पर सीएमएस की कार्य क्षमता पर ही उन्होंने सवालिया निशान खड़ा किया।
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*ड्रेस में नहीं था वार्ड व्वाॅय, चार स्ट्रेचर बाहर रखने के निर्देश*
इमरजेंसी में पहुंचे डीएम ने डाॅक्टर से जरूरी जानकारी ली। वार्ड व्वाॅय को बुलाया तो वह अपनी ड्रेस में नहीं था। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि वार्ड व्वाॅय अपनी सफेद शर्ट-पैंट पहनकर ही ड्यूटी करें। स्ट्रेचर मांगा तो अस्पताल कर्मी एक कमरे का ताला खोलने लगे। बाहर रखने की वजाय दो दरवाजा पार कर जाने वाले कमरे में स्ट्रेचर रखे होने पर सवाल किया। कहा कि इमरजेंसी केस आने पर स्ट्रेचर खोजबीन करनी पड़ेगी। निर्देश दिया कि दो टायर वाला व दो विना टायर वाला स्ट्रेचर इमरजेंसी के हाॅल में रखा जाए। ऐसी छोटी-छोटी कमियां तक नहीं दिखने पर सीएमएस को फटकारा।
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*प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की जांच में मिली खामियां*
जिला अस्पताल में खुली प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर जिलाधिकारी दवाईयों की उपलब्धता की जांच की। वहां न तो जरूरी दवाईयां उपलब्ध थी और न ही किसी चिकित्सक की काई पर्ची मिली। बताया गया कि पैरासिटामाॅल जैसी सामान्य दवा वहां पिछले दस दिनों से नहीं है। वहां विना किसी फार्माशिष्ट की उपस्थिति में कम्प्यूटर आपरेटर दवा देने के लिए बैठा था। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने फार्माशिस्ट को बुलाने का निर्देश दिया। लेकिन काफी देर बाद भी फार्माशिस्ट नहीं आया। बीपीपीआई एजेंसी द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कम्प्यूटर आपरेटर को दवा वितरण के लिए बैठाने पर जिलाधिकारी ने जेल भेजने की चेतावनी दी। सीएमएस से सवाल किया कि आपके चैम्बर के बगल में खुले केंद्र की यह हालत है। मेडिकल स्टोर पर भीड़ और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर सुनसान स्थिति पर सवाल किया। कहा कि जब यहां सामान्य दवा तक नहीं है तो फिर इसका क्या फायदा। सुधार न दिखने की दशा में जरूरी कागजी कार्यवाही करने का निर्देश सीएमएस को दिया। कहा कि यहां की दवा नहीं लिखने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई को पत्र लिखें।
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*मशीनें चालू करने की धीमी कार्यवाही पर नाराजगी*
- तीन महीने पहले अस्पताल की अत्याधुनिक मशीनों की स्थिति देखने के बाद आज भी जस की तस हालात होने पर डीएम ने नाराजगी जताई। सीटी स्कैन व डिजिटल एक्स-रे मशीन बिजली कनेक्शन के अभाव में बंद बताई गई। वहीं डायलिसिस मशीन अभी आई ही नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई भी समस्या थी तो बताया क्यों नहीं गया। इसके लिए कोई खास पहल भी नहीं की गयी। नया अस्पताल भवन में कई जगह फर्श टूटी होने पर ठीक कराने को कहा।
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*दो प्राइवेट एम्बुलेंस पकड़े, चेतावनी देकर छोड़ा*
- अस्पताल पहुंचते ही जिलाधिकारी परिसर में प्राईवेट एंबुलेंस देख जिलाधिकारी ने पकड़ने को कहा। दो एम्बुलेंस तो वहां से भाग निकले, लेकिन दो एम्बुलेंस को पकड़ लिया गया। दोनों ड्राईवरों से कड़ी पूछताछ करने के बाद जिलाधिकारी ने चेतावनी देकर छोड़ दिया। कहा कि आगे से अस्पताल परिसर में वाहन खड़े मिले तो खैर नहीं। इस बावत भी सीएमएस की क्लास लगाई। वहीं एक महिला सिपाही ने मुकदमे से सम्बन्धित एक्स-रे कराने के बाद रसीद मांगी, जिसे कर्मियों द्वारा नहीं देने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित कर्मी को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई न कोई कागजात जरूर दिया जाए।
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*एक मरीज को ब्लड उपलब्ध कराने की दी जिम्मेदारी*
- इमरजेंसी वार्ड में निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी ने मरीजों से चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली। एक मरीज ने ब्लड उपलब्ध करा पाने में अक्षम होने की बात कही। जिलाधिकारी ने सीएमएस को ब्लड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी। वहीं मौजूद शहर कोतवाल शशि मौली पांडेय ने सीएमएस से कहा कि जरूरत पड़े तो संबंधित ग्रुप का ब्लड पुलिस के जवान दे देंगे। ब्लड का अभाव किसी गरीब जरूरतमंद को नहीं होगा।
- *सीएमएस को फटकार, सुधार लाने की चेतावनी*
बलिया 10 सितम्बर 2018 ।।
जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत ने सोमवार की दोपहर जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सीएमएस डाॅ डी. प्रसाद को जमकर लताड़ा। वजह यह कि इस औचक निरीक्षण में अस्पताल की हर व्यवस्था फिसड्डी मिली। लम्बे समय से खराब आरओ, वार्ड व शौचालयों में गंदगी, स्ट्रेचर को चुराकर रखना, परिसर में प्राईवेट एम्बुलेंस खड़ी होना, कई जगह टूटी फर्श, अस्पताल कर्मियों की गतिविधि पर नजर नहीं रखना समेत कई कमियां सीएमएस की मिली। इन कर्मियों को अपने आंखों के सामने देखने व महज एक अस्पताल तक को ठीक नहीं रख पाने पर सीएमएस की कार्य क्षमता पर ही उन्होंने सवालिया निशान खड़ा किया।
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*ड्रेस में नहीं था वार्ड व्वाॅय, चार स्ट्रेचर बाहर रखने के निर्देश*
इमरजेंसी में पहुंचे डीएम ने डाॅक्टर से जरूरी जानकारी ली। वार्ड व्वाॅय को बुलाया तो वह अपनी ड्रेस में नहीं था। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी कि वार्ड व्वाॅय अपनी सफेद शर्ट-पैंट पहनकर ही ड्यूटी करें। स्ट्रेचर मांगा तो अस्पताल कर्मी एक कमरे का ताला खोलने लगे। बाहर रखने की वजाय दो दरवाजा पार कर जाने वाले कमरे में स्ट्रेचर रखे होने पर सवाल किया। कहा कि इमरजेंसी केस आने पर स्ट्रेचर खोजबीन करनी पड़ेगी। निर्देश दिया कि दो टायर वाला व दो विना टायर वाला स्ट्रेचर इमरजेंसी के हाॅल में रखा जाए। ऐसी छोटी-छोटी कमियां तक नहीं दिखने पर सीएमएस को फटकारा।
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*प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की जांच में मिली खामियां*
जिला अस्पताल में खुली प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर जिलाधिकारी दवाईयों की उपलब्धता की जांच की। वहां न तो जरूरी दवाईयां उपलब्ध थी और न ही किसी चिकित्सक की काई पर्ची मिली। बताया गया कि पैरासिटामाॅल जैसी सामान्य दवा वहां पिछले दस दिनों से नहीं है। वहां विना किसी फार्माशिष्ट की उपस्थिति में कम्प्यूटर आपरेटर दवा देने के लिए बैठा था। इस पर नाराज जिलाधिकारी ने फार्माशिस्ट को बुलाने का निर्देश दिया। लेकिन काफी देर बाद भी फार्माशिस्ट नहीं आया। बीपीपीआई एजेंसी द्वारा यह संचालित किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कम्प्यूटर आपरेटर को दवा वितरण के लिए बैठाने पर जिलाधिकारी ने जेल भेजने की चेतावनी दी। सीएमएस से सवाल किया कि आपके चैम्बर के बगल में खुले केंद्र की यह हालत है। मेडिकल स्टोर पर भीड़ और प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र पर सुनसान स्थिति पर सवाल किया। कहा कि जब यहां सामान्य दवा तक नहीं है तो फिर इसका क्या फायदा। सुधार न दिखने की दशा में जरूरी कागजी कार्यवाही करने का निर्देश सीएमएस को दिया। कहा कि यहां की दवा नहीं लिखने वाले चिकित्सकों पर कार्रवाई को पत्र लिखें।
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*मशीनें चालू करने की धीमी कार्यवाही पर नाराजगी*
- तीन महीने पहले अस्पताल की अत्याधुनिक मशीनों की स्थिति देखने के बाद आज भी जस की तस हालात होने पर डीएम ने नाराजगी जताई। सीटी स्कैन व डिजिटल एक्स-रे मशीन बिजली कनेक्शन के अभाव में बंद बताई गई। वहीं डायलिसिस मशीन अभी आई ही नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि अगर कोई भी समस्या थी तो बताया क्यों नहीं गया। इसके लिए कोई खास पहल भी नहीं की गयी। नया अस्पताल भवन में कई जगह फर्श टूटी होने पर ठीक कराने को कहा।
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*दो प्राइवेट एम्बुलेंस पकड़े, चेतावनी देकर छोड़ा*
- अस्पताल पहुंचते ही जिलाधिकारी परिसर में प्राईवेट एंबुलेंस देख जिलाधिकारी ने पकड़ने को कहा। दो एम्बुलेंस तो वहां से भाग निकले, लेकिन दो एम्बुलेंस को पकड़ लिया गया। दोनों ड्राईवरों से कड़ी पूछताछ करने के बाद जिलाधिकारी ने चेतावनी देकर छोड़ दिया। कहा कि आगे से अस्पताल परिसर में वाहन खड़े मिले तो खैर नहीं। इस बावत भी सीएमएस की क्लास लगाई। वहीं एक महिला सिपाही ने मुकदमे से सम्बन्धित एक्स-रे कराने के बाद रसीद मांगी, जिसे कर्मियों द्वारा नहीं देने की शिकायत की। जिलाधिकारी ने सम्बन्धित कर्मी को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई न कोई कागजात जरूर दिया जाए।
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*एक मरीज को ब्लड उपलब्ध कराने की दी जिम्मेदारी*
- इमरजेंसी वार्ड में निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी ने मरीजों से चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली। एक मरीज ने ब्लड उपलब्ध करा पाने में अक्षम होने की बात कही। जिलाधिकारी ने सीएमएस को ब्लड उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी दी। वहीं मौजूद शहर कोतवाल शशि मौली पांडेय ने सीएमएस से कहा कि जरूरत पड़े तो संबंधित ग्रुप का ब्लड पुलिस के जवान दे देंगे। ब्लड का अभाव किसी गरीब जरूरतमंद को नहीं होगा।