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कुलदीप नैयर : वह शख्स जो बचपन मे भोला होते हुए भी ताउम्र लड़े देश के सबसे मुश्किल सवालों से
कुलदीप नैयर : वह शख्स जो बचपन मे भोला होते हुए भी ताउम्र लड़े देश के सबसे मुश्किल सवालों से

- 23 अगस्त 2018 ।।
(अविनाश द्विवेदी)
बचपन मे तो भोली भाली हरकतों के चलते कुलदीप नैयर के माता-पिता ने उन्हें 'भोला' नाम दिया था लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा देश के सबसे टेढ़े मसलों से लड़ने वाला है । कुलदीप नैयर ने अपनी जिंदगी अच्छे से गुजारी और समाज, देश और राजनीति के कई रंग देखे. देश-दुनिया में हुए कुछ सबसे बड़े बदलावों के वे साक्षी रहे. एक सुंदर बात यह भी है कि वे जब तक इस दुनिया में रहे, अपना रोल किसी न किसी तरह से निभाते रहे. कभी उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि अब बहुत हो गया, बस करते हैं ।
नैयर का जन्म एक उर्दू अखबार की नौकरी के लिए पहले-पहल कुलदीप नैयर दिल्ली आये थे. दिल्ली में वे द स्टेट्समैन अखबार के दिल्ली एडिशन के एडिटर थे. इमरजेंसी के दौरान कुलदीप नैयर को जेल जाना पड़ा था. कुलदीप नैयर के बेटे राजीव नैयर सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट हैं ।
ब्रिटिश भारत के वक्त सियालकोट, पंजाब में कुलदीप नैयर 14 अगस्त, 1923 को जन्मे थे. उन्होंने अपना बीए फोरमैन क्रिश्चियन कॉलेज, लाहौर से और एलएलबी, लॉ कॉलेज, लाहौर से पूरी की थी. कुलदीप नैयर ने जर्नलिज्म की पढ़ाई मेडिल स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, नॉर्थवेस्ट यूनिवर्सिटी से की थी. जिसके लिए उन्हें स्कॉलरशिप मिली हुई थी ।
वे 1990 में इंग्लैण्ड में भारत के उच्चायुक्त भी रह चुके थे. साथ ही उन्हें अगस्त, 1997 में राज्यसभा के लिए नामित भी किया गया था । उन्होंने अपनी जिंदगी में 14 भाषाओं में देश के 80 अखबारों के लिए कॉलम लिखे. जिसमें भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान के भी कई सारे अखबार शामिल हैं ।
कुलदीप नैयर ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के लिए भी कई सारे प्रयास किए हैं. उन्होंने भारत में बंद उन पाकिस्तानी कैदियों को आजाद कराने की दिशा में भी काम किया था जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं ।
कुलदीप नैयर अभी तक लगातार देश की पॉलिटिकल स्थिति पर लिखते रहे थे. इसके अलावा उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन का भी सपोर्ट किया था. साथ ही वे पाकिस्तान के अपने देश के अंदर नागरिक अधिकारों के हनन, उनके बांग्लादेश में आजादी आंदोलन के दौरान की गई नृशंसता के भी आलोचक थे. कुलदीप नैयर ने अपनी जिंदगी में 15 किताबें भी लिखीं, जिनमें बियांड द लाइंस, इंडिया द क्रिटिकल इयर्स, स्कूप, द जजमेंट : इनसाइड स्टोरी ऑफ द इमरजेंसी इन इंडिया आदि प्रमुख हैं ।
कुलदीप नैयर : वह शख्स जो बचपन मे भोला होते हुए भी ताउम्र लड़े देश के सबसे मुश्किल सवालों से
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
August 23, 2018
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