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उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी पूर्वांचल सिनेमा का हो रहा है नवीनीकरण, भू स्वामी खा रहा है इधर उधर के धक्के,बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष को जान का खतरा




बलिया।।शहर
कोतवाली के तुरहा टोली बनकटा बाँध निवासी मोहन तुरहा पुत्र सुभाष तुरहा ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि टेंगरी मियां ने 5 अप्रैल 1929 को पूर्वाचल टाकिज वाली जमीन सहित चार बीघा जमीन मेरे परदादा चरिंतर तुरहा को इश्तमरारी पट्टा कर दिया जिस पर मेरे परबाबा व बाबा बाग आदि लगाते थे।लेकिन पशुपति व उनके लड़को ने फर्जी दस्तावेजो के आधार पर हमारी जमीन हथिया ली थी। जानकारी होने पर मैंने एस०डी०एम० सदर बलिया के यहाँ मुकदमा दाखिल किया जिसमे मेरे पक्ष में फैसला हुआ। बाद में बोर्ड ऑफ रेवेन्यू से इस आदेश के साथ फाइल एस०डी०एम० सदर बलिया के यहाँ वापस आयी कि गुणदोष के आधार पर फैसला किया जावे। एस०डी०एम० सदर बलिया के न्यायालय में चल रही फाइल में सारे साक्ष्य, सबूत हमारे पक्ष में थे, बावजूद इसके तत्कालीन एस०डी०एम० सदर बलिया अत्रेय मिश्रा ने विपक्षीगण रणजीत, ओंकार, नारायण, गोपाल उर्फ पप्पू एवं गोरखपुर निवासी संदीप टेकडीवाल,इनके सहयोगी अख्तर हुसैन अंसारी उर्फ राजू सहित कुछ अन्य प्रभावशाली सफेदपोशो के अनुचित प्रभाव में हमारे सही तथ्यों की, जिसमे मैंने अपने बाबा का हस्ताक्षर होने से इन्कार किया था. उसे स्वीकार किया गया मानते हुए हमारे सारे सबूतों की अनदेखी करते हुए हमारे विरुद्ध आर्डर कर दिया। हम विपक्षी इस आर्डर के विरुद्ध याचिका बोर्ड ऑफ रेवेन्यू इलाहाबाद उ०प्र० में दाखिल किया, जिस पर मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा स्थगनादेश पारित किया गया। विपक्षीगण को स्थगनादेश की जानकारी दी गई, लेकिन वह लोग पूर्वांचल टाकिज का पुर्ननिर्माण व नवीनीकरण का कार्य जोर-शोर से करते हुए न्यायालय के आदेश की धज्जिया उड़ाते हुए वर्षों से बंद पड़े पूर्वांचल सिनेमा हॉल को पुनः प्रारम्भ करने की तिथि भी घोषित कर दिये। हमारे द्वारा मना किये जाने पर जान से मारने की धमकी देते हुए मारने के लिए दौड़ा लिए। मैं हर सक्षम अधिकारी के यहाँ न्यायालय के आदेश का पालन करवाने हेतु प्रार्थना-पत्र दिया, लेकिन इन लोगो पर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पायी।



 डी०एम० साहब ने भी बार-बार प्रार्थना-पत्र देने के बाद भी  इस प्रकरण में हस्तक्षेप करने से मना कर दिये। मैंने प्रमुख सचिव राजस्व मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं गृह सचिव सहित योगी आदित्यनाथ जी के प्रतिनिधि द्वारिकानाथ तिवारी को भी गोरखनाथ मन्दिर जाकर प्रार्थना-पत्र दिया।वहाँ से एस०डी०एम० साहब के यहाँ फोन भी आया बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं हो पायी। मा० उच्च न्यायालय में अवमानना की कार्यवाही चल रही है। 

सूच्य हो कि विपक्षीगण मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में पूर्वांचल सिनेमा हॉल के पुर्ननिर्माण व नवीनीकरण करने हेतु आदेश प्राप्त करने के लिए याचिका दाखिल किये थे जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। विपक्षीगण को सिनेमा हॉल प्रारम्भ करने का कोई वैध परमिशन नहीं प्राप्त है, बावजूद इसके दबंगई गुण्डई व सफेदपोशो के संरक्षण में उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए पूर्वांचल सिनेमा हॉल का पुर्ननिर्माण नवीनीकरण किया जा रहा है। मैं बहुत पढ़ा लिखा नहीं हूँ। घनश्याम दास जौहरी से हमारा पारिवारिक लगाव है उन्होंने हमारे मुकदमे में सही गवाही भी दी है जिससे नाराज होकर विपक्षीगण ने उन्हें भी जान से मारने कि धमकी दी व एक फर्जी मुकदमे में फंसा दिया।  लेकिन इस मुकदमे में मा० उच्च न्यायालय ने कोई दण्डात्मक कार्यवाही न करने का आदेश निचली अदालत को दिया है। बलिया के शासन व प्रशासन से हमें कोई सहयोग नहीं मिल पाया है। डी०एम० साहब ने भी स्थगनादेश का पालन करने से मना कर दिया। मैंने सोशल मिडिया का भी सहारा लिया, लेकिन पूर्वांचल पर कार्य जारी रहा। सभी तरफ से निराश होकर थक हार कर लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ प्रेस के माध्यम से न्याय पाने की आशा से सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत में आया हूँ। आशा एवं अपेक्षा है कि आप सभी मेरे साथ हो रहे अन्याय का प्रतिकार करेंगे और हमें अविलम्ब न्याय दिलाने की कृपा करेंगे।



बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष को जान का खतरा 

बीजेपी के पूर्व नगर अध्यक्ष और स्वर्णकार संघ के अध्यक्ष घनश्याम दास जौहरी ने इसी प्रेस वार्ता के माध्यम से मोहन तुरहा के विरोधियों से अपने जान का खतरा बताया है। श्री जौहरी ने कहा कि पूर्वांचल सिनेमा के बगल मे ही मेरा घर है और इसकी चाहरदिवारी से सटी सड़क के माध्यम से घर जाता हूं। जब से मैंने मोहन तुरहा के पक्ष मे गवाही दिया हूं, विपक्षी भू माफिया ने मेरी रेकी शुरू करा दी है। मुझे अब हर पल जान का खतरा महसूस हो रहा है। कहा कि मेरी योगी जी से अपील की है भू माफियाओ से मोहन तुरहा के साथ ही मेरी भी जन की रक्षा करने की कृपा करें।