जूता चप्पल पहन कर किया ददरी मेला का भूमि पूजन : समाजसेवी अतुल सिंह ने की जिम्मेदारों पर कार्यवाही की मांग
बलिया।। जनपद में लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेला के भूमि पूजन/ झंडा गाड़ने की यह तस्वीरें है। भूमि पूजन एक धार्मिक अनुष्ठान है जिसमे चप्पल जूता पहनना सर्वथा वर्जित है। लेकिन भूमि पूजन के बाद झंडा गाड़ने की तस्वीरें आप खुद देख लीजिये। देखिये क्या पूजा मे शामिल लोगों ने अपने जूता चप्पल उतारे है? इस भूमि पूजन के कार्य में अधिशाषी अधिकारी और जो अन्य लोग है जूते पहने हुए भूमि पूजन कर रहे हैं। इन लोगों को शायद कार्तिक पूर्णिमा और ददरी मेला के पौराणिक और सनातन महत्व का ज्ञान नहीं है? लेकिन क्या इनको अपनी संस्कृति और पूजन की परंपरा भी नहीं पता है? ददरी मेला लगाने की नगर पालिका के अधिकार को अपने हाथ मे जिला प्रशासन ने लिया हैं कि जिम्मेदार बलिया के इतिहास और पौराणिकता का मजाक बना देंगे?ऐसे लोगों पर तत्काल सख्त कार्यवाही होनी चाहिये।
महर्षि भृगु मुनि की तपोस्थली में कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र माह में लगने वाला ददरी मेला बलिया जनपद की अस्मिता और पहचान से जुड़ा हुआ है। न सिर्फ जनपदवासी बल्कि देश के दूर दराज के हिस्सों से लोग कार्तिक मास में बलिया गंगा स्नान करते हैं, और ददरी मेला घूमने आते हैं, लेकिन बलिया के जन प्रतिनिधियों के साथ ही जनपद का जिला प्रशासन इस मेले की पहचान खत्म करने पर तुल गया है। विगत कुछ दिनों पहले इस मेले का भूमि पूजन के कार्य को महज रस्म अदायगी कर औपचारिकता पूरी कर दिया गया, न तो जिला प्रशासन का कोई अधिकारी पहुंचे और ना ही कोई जिम्मेदार जनप्रतिनिधि?
उक्त जानकारी एक विज्ञप्ति में देते हुए जन अधिकार मंच के अध्यक्ष अतुल सिंह ने बताया कि ददरी मेला लगाने की परंपरा और समस्त औपचारिक प्रबंधों के लिए नगर पालिका परिषद अधिकृत है। नगर पालिका के चुने गए अध्यक्ष के नेतृत्व में हर साल मेला का आयोजन किया जाता है।लेकिन इस बार जिला अधिकारी बलिया ने नगर पालिका अध्यक्ष को महज परामर्शदात्री कमेटी में रख न सिर्फ नगर पालिका बल्कि जनपदवासियों का अपमान किया है जिसे जनपद का जागरूक समाज बर्दाश्त नहीं कर सकता।जिला अधिकारी बलिया बताए कि आखिर किन परिस्थितियों में ऐसा निर्णय उन्हें लेना पड़ा है। उपरोक्त बातें अतुल सिंह अध्यक्ष जन अधिकार मंच /प्रमुख समाजसेवी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है। श्री सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को पूरे मामले से अवगत कराने का निर्णय लेते हुए,जिलाधिकारी बलिया से मांग किया है कि मेला नगर पालिका अध्यक्ष के नेतृत्व में ही लगे, जिला प्रशासन की भूमिका मोनिटरिंग ऑथोरिटी के रूप में रहे।





