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बिजली की समस्या को लेकर धरना दे रहे भाजपाइयों पर लाठीचार्ज, लाठीचार्ज मे घायल बीजेपी नेता की मौत

 



मधुसूदन सिंह 

 गाजीपुर।। जनपद के नोनहरा थाना क्षेत्र में मंगलवार (रात करीब 1 बजे) बिजली कटने की समस्या को लेकर धरना हो रहा था। धरने के दौरान पुलिस ने लाठी-चार्ज किया गया। इस घटना में रुकुंदीपुर गांव निवासी सियाराम उपाध्याय उर्फ जोखू उपाध्याय (35 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हुए थे। गुरुवार की सुबह लगभग 3 बजे उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायल हुए अन्य लोगो में राजेश राय बागी नामक व्यक्ति शामिल हैं। 


घटना के बाद आरोप है कि पुलिस प्रशासन द्वारा थाने की बिजली बन्द कर धरनारत लोगों की बर्बर पिटाई की गई, जबकि पुलिस  का कहना है कि बिजली कटने के कारण लोग स्वयं प्रदर्शन कर रहे थे। 

पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने कहा कि थाना नोनहरा क्षेत्र में बिजली का खंभा लगाने को लेकर प्रधान और पूर्व प्रधान पक्ष के बीच विवाद हुआ। एक पक्ष के 20-25 लोग थाने पहुंचकर धरने पर बैठ गए। पुलिस ने लोगों को समझाया कि यह मामला दूसरे विभाग से जुड़ा है। पुलिस ने संबंधित विभाग से संपर्क भी किया। लेकिन लोग नहीं माने। रात में अचानक बिजली चली गई।


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इससे अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने सभी को वहां से जाने को कहा। इसके बाद लोग चले गए। आज सूचना मिली कि एक व्यक्ति की मौत हो गई है। आरोप लगाया गया कि थाने में धरने के दौरान लगी चोट से उसकी मृत्यु हुई है।


एसपी ने कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में मामले की गहन जांच की जा रही है। मृतक का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मृतक के परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है। वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

ऊर्जामंत्री के कार्यकाल मे बिजली विभाग हो गया है मतवाला हाथी

वर्तमान ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने जब से ऊर्जा मंत्री का कार्यभार ग्रहण किया है, बिजली बिभाग मतवाला हाथी हो गया है। इस विभाग के अधिकारी किसी भी दल के जन प्रतिनिधियों के साथ ढंग से बातचीत करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे है। यही कारण है की बिजली विभाग के प्रति चाहे बलिया का जूता कांड हो या गाजीपुर का उपरोक्त कांड यह दर्शाने के लिये काफ़ी है कि जनता बिजली विभाग से कितनी त्रस्त है। प्रशासनिक पृष्ठभूमि के मंत्री जी जनता की परेशानियों को समझने मे अबतक असफल साबित हो रहे है जो आगामी चुनाव मे बीजेपी के लिये खतरे की घंटी हो सकती है।