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नेपाल आंदोलन की चपेट में बलिया के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के कई प्रोफेसर, पत्नियां भी है साथ

 

 




काठमांडू में फंसे जिला बलिया एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स, हालात तनावपूर्ण

डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट 


बलिया, 10 सितंबर।।नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित पर्यावरण परिवर्तन एवं उसके प्रभाव पर विश्व कांग्रेस कॉन्फ्रेंस (6 से 8 सितंबर 2025) में शामिल होने गए मुरली मनोहर टाउन पी जी कालेज बलिया के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स इस समय आंदोलन और कर्फ्यू के बीच फंसे हुए हैं।


कॉन्फ्रेंस में प्रोफेसर अशोक कुमार सिंह व उनकी धर्मपत्नी लक्ष्मी कुंवर, प्रोफेसर बृजेश सिंह व उनकी धर्मपत्नी रेखा सिंह तथा डॉ. अजीत कुमार सिंह ने शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम समाप्त होने के बाद 9 सितंबर को जब ये सभी भारत लौटने एयरपोर्ट पहुंचे तो हालात अचानक बिगड़ गए।


जानकारी के अनुसार 7 सितंबर को छात्रों और नागरिकों ने सोशल मीडिया की समस्याओं को लेकर संसद का घेराव किया था। इसमें कई लोगों की मौत हो गई। इसके बाद आंदोलन उग्र हो गया और राजधानी में कर्फ्यू लगाना पड़ा। सेना की तैनाती के बीच एयरपोर्ट तक पहुंचना शिक्षकों के लिए बेहद कठिन रहा। जगह-जगह रुकावटों से गुजरकर वे किसी तरह एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां सभी उड़ानें रद्द होने की घोषणा कर दी गई। मजबूरन उन्हें वापस होटल लौटना पड़ा।


प्रोफेसरों ने बताया कि उन्होंने भारतीय दूतावास से कई बार संपर्क किया है, लेकिन अब तक किसी ठोस मदद का आश्वासन नहीं मिला है। बाहर निकलने पर रोक है और वातावरण पूरी तरह तनावपूर्ण है। हालांकि सूचना मिली है कि हवाई सेवा जल्द शुरू हो सकती है।


इस दौरान एयरपोर्ट से ही उनकी वार्ता प्रो. अखिलेश रॉय, डॉ. अवनीश चंद्र पांडेय और प्रो. धर्मेंद्र सिंह से भी हुई। वहीं, महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष राकेश कुमार श्रीवास्तव व प्राचार्य प्रो. दयाला नन्द राय ने उनसे लगातार संपर्क बनाए रखा और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।


प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो पूरा देश आंदोलन में शामिल हो गया हो। एयरपोर्ट आंदोलन का सबसे बड़ा केंद्र बन गया जहां से राजनयिकों व विदेशियों को निकलने से रोकने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी और सभी उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। अभी कुछ कहा नहीं जा सकता ।