महिलाओं को सम्मानित करती बांसडीह पुलिस का वीडियो वायरल, सीओ व कोतवाल ने खुद उड़ाई मानवाधिकार व महिला सम्मान की धज्जियां
बलिया।। बांसडीह मे बलिया पुलिस का अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां सीओ व कोतवाल ने महिलाओं बच्चियों को जमकर पीटा है। बता दे कि बिजली की चपेट मे आकर मरे युवक के शव को बांसडीह बाजार के चौराहे पर रखकर लोग मुकदमा लिखवाने के लिये प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच प्रदर्शकारियों व पुलिस के बीच बातचीत के दौरान मामला बिगड़ गया। जिससे नाराज पुलिस ने जो जहां मिला उसको जमकर धोया, न बुजुर्ग देखा, न महिला न बच्चियों को बख्शा।पुलिस ने अपने लाठी चार्ज मे मानवता को शर्मसार कर दिया।
पीड़ितों पर ही मुकदमा लिखने मे वरदहस्त कोतवाल बांसडीह संजय सिंह व सीओ बांसडीह प्रभात कुमार ने शव के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर जमकर लाठियाँ बरसायी है। उक्त दोनो पुलिस अधिकारियों ने अपने मातहतो के साथ प्रदर्शनकारियों को पीटने मे पूरी दिलेरी दिखायी है। इनकी लाठियो ने महिलाओं, बुजुर्ग महिलाओं व नाबालिक बच्चियों को भी जमकर पीटा है। यह उस विधानसभा के मुख्यालय पर हुआ है जिसकी विधायक एक महिला है। ऐसे मे महिलाओं बच्चियों को बेरहमी के साथ पुलिस कर्मियों को छोड़ियों सीओ और कोतवाल ने जिस बेरहमी से पीटा है, उसको देखने के बाद इनकी महिलाओं के प्रति मानसिकता प्रदर्शित हो गयी है।
एक तरफ बलिया कलेक्ट्रेट पर एबीवीपी कार्यकर्ताओ को डीएम साहब के चेम्बर से दूर रखने का जबरदस्ती प्रयास करने मे पुलिस अधीक्षक लाइन हाजिर कर देते है, वही दूसरी तरफ स्वयं सीओ व कोतवाल द्वारा पीटने की वीडियो वायरल होने के बाद अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी,प्रदर्शनकारियों को ही दोषी ठहरा रहे है। ऐसे मे सवाल यह उठ रहा है कि क्या महिलाओं के अधिकारों का हनन नहीं हुआ है? क्या सीओ व कोतवाल बांसडीह के कृत्य से योगी सरकार व बांसडीह की बीजेपी विधायक केतकी सिंह की छवि धूमिल नहीं हुई है? इसका जबाब भी पुलिस अधीक्षक महोदय को देना पड़ेगा। बांसडीह पुलिस की यह कार्यवाही बलिया पुलिस को बेनक़ाब कर दिया है। आने वाले दिनों मे बलिया अब राजनैतिक प्रदर्शनों का अखाड़ा बन सकता है। अगर ऐसा होता है तो इसके लिये जिले के आला अधिकारी जबाब देह होंगे।
पहले अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी का बयान सुनिये
अब आप बांसडीह पुलिस का प्रदर्शनकारियों के प्रति संयमित व्यहार देखिये