विद्यालय मर्जर और हेडमास्टर विहीन करने संबन्धी शासनादेश पर रोक लगाने को प्राथमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री को डीएम के माध्यम से भेजा ज्ञापन
बलिया।।उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत-1160 लखनऊ के प्रांतीय आह्वान पर संगठन के बलिया जिलाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह के नेतृत्व में माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संदर्भित ज्ञापन जिलाधिकारी बलिया के प्रतिनिधि को सौपा गया। उत्तर प्रदेश शासन ने एक शासनादेश के तहत 50 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालय को उसी ग्राम सभा के नजदीक वाले विद्यालय में मर्ज करने तथा 100 से कम छात्र संख्या वाले विद्यालय को प्रधानाध्यापक विहीन करने का निर्देश जारी किया है। उक्त के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ ने छात्र हित, शिक्षक हित और जनमानस को ध्यान में रखते हुए गरीब, वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को बाल अधिकार, शिक्षा का अधिकार मुफ्त और नजदीकी शिक्षा मुहैया कराने तथा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा के दृष्टिगत 1 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक तथा 3 किलोमीटर की दूरी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलने का निर्णय सरकार ने लिया था। जिसके तहत गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चे निःशुल्क शिक्षा निपुण और उच्च गुणवत्ता वाले मेधावी शिक्षकों से प्राप्त करते थे। शासनादेश के विरुद्ध निजी विद्यालयों की लगातार मान्यता, विद्यालयों में छात्रानुपात में शिक्षकों की कमी, विद्यालयों में आधारभूत संसाधनों की कमी तथा शिक्षकों से राष्ट्रीय व आपदा के अलावा गैर शैक्षणिक अतिरिक्त कार्य लेने संबन्धी अनेकों कारणों से विद्यालय के प्रति उदासीनता ने छात्र - शिक्षक अनुपात को कठघरे में खड़ा किया है। बावजूद सरकार का शिक्षकों के ऊपर ठीकरा फोड़ना कहीं से भी उचित नहीं है।
प्राथमिक शिक्षक संघ ने तानाशाही और तुगलकी शासनादेश पर तत्काल रोक लगाते हुए समस्या के निस्तारण को सरकार से आग्रह किया है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार इस बेतुके निर्देश को वापस नहीं लेती है तो भारी शिक्षकों के साथ प्रदेश स्तरीय विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
ज्ञापन के इस विशेष प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश जी सिंह, डाॅ शशि भूषण मिश्र, दीपक कुमार सिंह, ब्रजेश कुमार सिंह, राजीव राय व संजय सिंह उपस्थित रहे।