कबीर ने हमेशा सिखाया,सच्चा धर्म है प्रेम, करुणा और सेवा मे
बलिया।। महान निर्गुण संत कबीर दास ने अपने समय के धार्मिक रूढ़ियों और अंधविश्वासों का विरोध किया। उन्होंने जाति, धर्म और ऊंच-नीच के भेदभाव का खंडन किया और सभी के लिए समानता की बात कही। कबीर की शिक्षाएं हमें सिखाती हैं कि सच्चा धर्म प्रेम, करुणा और सेवा में है। उक्त बातें कबीर मर्मज्ञ पंडित ब्रजकिशोर त्रिवेदी अनुभव दास ने कबीर जयंती के अवसर पर कही । उन्होंने कहा कि कबीर दास ने समाज में समानता, प्रेम, करूणा और मानवता के मूल्यों को बढ़ावा दिया। आज के समय में कबीर को सिर्फ पढ़ने की नहीं बल्कि गुनने की जरूरत है।
संकल्प संस्था के मिश्र नेवरी स्थित कार्यालय पर 11 जून को शाम में कबीर दास की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर रमाशंकर तिवारी ने कहा कि आज कबीर पहले से भी ज्यादा प्रासंगिक हो गये हैं। उन्होंने समाज को हमेशा चेतावनी दी है । समाज को एक दिशा दिया है। विवेक सिंह ने कहा कि कबीर ने हमें मानव बने रहने का संदेश दिया। कबीर दास एक कर्मयोगी संत थे । वे जीवन भर अपना कर्म करते रहे और अपनी रचनाओं से समाज को दिशा देते रहे। इस अवसर पर भगवान तिवारी ने कबीर दास के भजन और निर्गुण की संगीतमय प्रस्तुति दी। इस अवसर पर शिवजी वर्मा, सुशील, संजय, दूधनाथ यादव, शोभा ठाकुर, शिवम कृष्ण, राहुल चौरसिया, आदित्य आदि उपस्थित रहे।