ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) ने किया अर्द्ध नग्न प्रदर्शन, बोले एडीएम बलिया मे नहीं है कोई गोंड जनजाति, जारी नहीं हो सकता है प्रमाण पत्र
मनियर की बीजेपी की नव निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष भी इसी जाति से, इनको जारी है जनजाति का प्रमाण पत्र
मधुसूदन सिंह
बलिया।। एक तरफ जहां ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) द्वारा चलाये जा रहे धरने के 110 वे दिन गोंड जनजाति का प्रमाण पत्र जारी कराने के लिये कलेक्ट्रेट पर अर्द्ध नग्न प्रदर्शन कर जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास किया गया। वही इसके बाद जिला प्रशासन की तरफ से अपर जिलाधिकारी (वि/रा ) का बयान जारी हुआ है जिसमे अपर जिलाधिकारी ने कहा है कि जनपद बलिया में सामान्यतया गोंड जनजाति नहीं पाई जाती है बल्कि ये जनजाति सोनभद्र और मिर्जापुर में पाई जाती है। जनपद बलिया में भड़भूजा जाति के लोग पाए जाते है, जो गोंड जनजाति का प्रमाण पत्र जारी कराना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है।इस बयान के बाद साफ है जिला प्रशासन किसी भी सूरत मे इन लोगों को जनजाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाला है।एक तरफ जिला प्रशासन इन लोगों को जनजाति का प्रणाम पत्र जारी नहीं किये जाने की बात कह रहा है, तो वही दूसरी तरफ इन्ही लोगों की जाति की महिला को,( जो बीजेपी प्रत्याशी थी) जनजाति का प्रणाम पत्र देकर नगर पंचायत अध्यक्ष का शपथ ग्रहण कराकर चेयरमैन बना देता है।
बता दे कि 16 मई 2016 को धरने के 110वें दिन प्रमुख सचिव उ.प्र. शासन समाज कल्याण अनुभाग लखनऊ 3 नवम्बर 2021द्वारा दिए गये दिशा निर्देश का अक्षरश: अनुपालन किये जाने की मांग को लेकर ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के तत्वावधान में गोंड समुदाय के छात्र नौजवानों ने खुली छाती पर 'मैं हूं गोंड' लिखकर बलिया जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार तरीके से अर्धनग्न प्रदर्शन किया।जुलूस टीडी कॉलेज चौराहा से प्रारंभ होकर पुरानी तहसील, अम्बेडकर संस्थान होते हुये कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी गो बैक के जोरदार नारे लगाये।इस दौरान ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज शाह ने जिलाधिकारी पर गोंड जाति पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुसूचित जनजाति महिला आरक्षित नगर पंचायत मनियर अध्यक्ष उपचुनाव में चार गोंड जाति का नामांकन वैध किया गया।निर्वाचित गोंड भाजपा प्रत्याशी को जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष पद का शपथ भी दिलवाया गया तो वहीं दूसरी तरफ आम गोंड जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा रहा है क्यों?
आगे कहा कि जिलाधिकारी का रवैया उत्पीड़नकारी है। भारत के राजपत्र संविधान अनुसूचित जनजाति आदेश संशोधन अधिनियम-2002 द्वारा बलिया जिले में निवास करने वाले गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति के रूप में मान्यता दी गई है। शासनादेश द्वारा भी गोंड जाति को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किए जाने का निर्देश दिया गया है जिसका अनुपालन जिला व तहसील प्रशासन द्वारा नहीं किया जा रहा है।शासनादेश में दिए गए दिशा-निर्देश का कड़ाई से अनुपालन किए जाने की मांग से संबंधित जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, प्रमुख सचिव, मुख्य सचिव व मुख्य मंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट ने आकर स्वीकार किया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से दीपू गोंड, सुरेश शाह, अरविंद गोंडवाना, आदित्य गोंड, सोनू गोंड, अजय गोंड, विक्की गोंड, अमन गोंड, शिव शंकर, सूचित गोंड, संजय गोंड, बच्चा लाल गोंड, ओम प्रकाश गोंड, पिंकू गोंड, जीउत गोंड, शिव कुमार गोंड, रामनारायण गोंड, कमलेश गोंड, विमलेश गोंड, राहुल गोंड, अंकित गोंड, अनिल शाह, विजेंद्र गोंड, रंजीत गोंड निहाल, गोरखनाथ गोंड, राजू कुमार, बरमेश्वर प्रसाद, विशाल गोंड, अर्जुन प्रसाद रहे।