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आज भी लोगों के बीच दोनो नायकों की विश्वसनीयता जस की तस ---प्रो. रवींद्रनाथ

 






डा सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट

बलिया,बुधवार, 02 अक्टूबर।। टीडी कॉलेज में महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री की जयंती पर  विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कॉलेज प्रबंध समिति के पूर्व सचिव सुधीर श्रीवास्तव व वर्तमान सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से तिरंगा फहराकर  कार्यक्रम का आरम्भ किया। इसके पश्चात ' स्वच्छ भारत' व 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान  के अंतर्गत पौधरोपण किया गया। दोनों अतिथियों के अलावा 90 यूपी बटालियन एनसीसी के कमान अधिकारी ले.कर्नल आर.एस. पुनिया, महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. रवींद्रनाथ मिश्र, लेफ्टिनेंट अखिलेश प्रसाद तथा एनसीसी कैडेटों ने परिसर में नए पौधे लगाए। साथ ही कैडेट्स ने पौधों की सुरक्षा और धरती को हरा- भरा रखने का भी संकल्प लिया।


इस अवसर पर कॉलेज के सभागार में ' ग्राम-स्वराज व अन्त्योदय के संदर्भ में गांधी के विचार' विषयक गोष्ठी तथा एकल काव्य-पाठ का भी आयोजन किया गया। आरम्भ में वक्ताओं ने महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। गोष्ठी की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य प्रो. रवीन्द्र नाथ मिश्र ने की। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी व लालबहादुर शास्त्री का पूरा जीवन हाशिये के समाज को समर्पित था। आज के नेताओं की तरह उनकी कथनी और करनी में अंतर नहीं दिखता। यही कारण है कि आज भी लोगों के बीच इन नायकों की विश्वसनीयता जस की तस कायम है। मुख्य वक्ता प्रो. दयालानन्द रॉय ने कहा कि दोनों विभूतियों में प्रचण्ड आत्मबल था जिसके बल पर उन्होंने असाधारण कार्य किए। 

प्रो. अखिलेश राय ने कहा कि व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर चलने वाले गप्प से हटकर गांधी को ठीक से पढ़ने और समझने की ज़रूरत है। गांधी को समझने के लिए गांधी जैसा बनना पड़ेगा।

विषय -प्रवर्तन करते हुए प्रो. जैनेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि भारतीय परंपरा में वही पूजनीय होता है, जो अपने आचरण में करुणा, प्रेम व त्याग जैसे मूल्यों को उतारता है। गांधी एवं शास्त्री इसकी जीवंत मिसाल हैं। प्रो. बृजेश सिंह, प्रो. रामनरेश यादव ने भी विषय पर अपने विचार रखे। डॉ बृजेश सिंह ' त्यागी' ने मनुष्यता के पक्ष में पुकार लगाती कविताओं का पाठकर खूब वाहवाही बटोरी। 


इस मौके पर प्रो विनीत नारायण दुबे, प्रो अशोक सिंह, डॉ सूबेदार,डॉ अजय पाण्डेय, डॉ शिवनारायण यादव, डॉ काजल, डॉ रत्ना, डॉ संजीव, डॉ संजीत,डॉ अतुल, डॉ अखिलेश यादव, डॉ मुनेन्द्र पाल, अनुराग सिन्हा आदि शिक्षक- कर्मचारी मौजूद थे।