विश्व मलेरिया दिवस पर हुए विविध कार्यक्रम
●साफ-सफाई का रखें ध्यान, मलेरिया से करें बचाव
● मलेरिया से हो बचना, तो लार्वा का करें खात्मा
बलिया, 25 अप्रैल 2024।।जनपद में गुरुवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वेक्टर बॉर्न के नोडल अधिकारी डॉ.अभिषेक मिश्रा के नेतृत्व में एवं जिला मलेरिया अधिकारी श्री सुनील कुमार यादव और मलेरिया,आईडीएसपी टीम के सहयोग से जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के परिसर में मलेरिया जागरूकता एवम रोकथाम हेतु शपथ कार्यक्रम आयोजित किया गया। उसके उपरांत मलेरिया जागरूकता रैली निकाली गयी।प्रोफेसर कॉलोनी में मलेरिया जागरूकता ऑडियो संदेश के साथ माइकिंग कराई गई ,मलेरिया के लक्षणों,मच्छरों से बचाव ,मच्छरदानी के उपयोग आदि के बारे में जनसमुदाय में जिला मलेरिया अधिकारी द्वारा जागरूकता संदेश प्रसारित किया गया।
साथ ही अधिकतर स्वास्थ्य केंद्रो व शैक्षणिक संस्थानों आदि पर विविध कार्यक्रम हुए। शिविर गोष्ठी परिचर्चा और पेंटिंग प्रतियोगिता के जरिए जनपद वासियों को मलेरिया के बारे में जागरूक किया गया ।इस क्रम में श्री मुरली मनोहर टाऊन स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं श्री गुलाब देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, राजकीय इंटर कॉलेज मे मलेरिया जागरूकता बैठक, मलेरिया पोस्टर/पम्पलेट वितरण, मलेरिया जागरूकता वीडियो प्रस्तुतीकरण स्लोगन, मलेरिया चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी,माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गयी।
साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय सभागार में एक विचार गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। गोष्ठी मेंमुख्य चिकित्साधिकारी डॉ विजय पति द्विवेदी ने बताया कि मच्छरों का प्रकोप पहले सिर्फ बारिश के दौरान और बारिश के बाद दिखता था जबकि अब 2-3 महीने छोड़ दीजिए तो पूरे साल ही दिखते हैं। इसलिए आवश्यकता पड़ने पर मलेरिया रोकने के लिए समय-समय पर एंटी लार्वा स्प्रे एवं फॉगिंग का कार्य कराया जाता है। साथ ही हमारी स्वास्थ्य टीमें सर्वाधिक मच्छर वाले इलाकों को चिन्हित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना है।
उन्होंने बताया कि इस बार विश्व मलेरिया दिवस की थीम है-‘‘अधिक न्यायोचित विश्व के लिए मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में तेजी लाना ।’’वेक्टर बोर्न के नोडल अधिकारी डॉ अभिषेक मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2027 तक प्रदेश में भी मलेरिया का उन्मूलन करना है और इस कार्य के लिए समुदाय की भागीदारी बढ़ाने पर जोर है । लोगों को ‘‘हर रविवार, मच्छर पर वार’’ के नारे को साकार करना होगा और इस दिन घर के आसपास एकत्रित पानी को साफ करना पड़ेगा। कूलर और अन्य पात्रों के पानी की भी साफ सफाई जरूरी है। इस बीमारी का मच्छर साफ पानी में एकत्रित होता है और सुबह शाम काटता है । बारिश का मौसम शुरू होने से पहले पानी के टैंक, गमले, पशु पक्षियों के पीने के पानी के पात्र, नारियल के खोल और बोतल जैसी सामग्री में पानी को इकट्ठा होने से रोकने के लिए उपाय करने हैं या फिर निष्प्रयोज्य सामग्री को नष्ट कर देना है ।
उन्होने बताया कि जनपद में 2021 मे 12038 लोगो की जांच की गई जिसमें एक भी धनात्मक मरीज नही मिले। 2022 में 72691 लोगों जांच की गईं जिसमें ग्यारह धनात्मक मरीज मिले। 2023 मे 148935 लोगो जांच की गई जिसमें अठारह धनात्मक मरीज मिले । इस वर्ष 1 जनवरी से अब तक 62570 लोगों की जांच की गई है। इसमें एक मरीज मलेरिया ग्रस्त पाया गया हैं।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में संचालित संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के प्रजनन स्रोतों को नष्ट कराया जा रहा है। एंटी लार्वा का छिड़काव तथा फागिंग भी कराया जा रहा है। इस कार्य में नगर विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मलेरिया की जांच व उपचार की सुविधा जिला मुख्यालय के अलावा सभी सीएचसी/पीएचसी पर उपलब्ध है। शासन के निर्देशानुसार आशा कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्र में जाकर रोगी की पहचान कर रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटी) किट से त्वरित जांच कर रही हैं। इसके लिए समस्त आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित भी किया गया है। जांच में मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर जल्द से जल्द रोगी का नि:शुल्क पूर्ण उपचार किया जाएगा।
हफ्ते भर में अंडा बन जाता है मच्छर
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया का प्रसार मादा एनोफिलीस मच्छर के काटने से होता है। एक अंडे से मच्छर बनने की प्रक्रिया में पूरा एक सप्ताह का समय लगता है। इस कारण सप्ताह में एक बार एंटीलार्वा का छिड़काव किया जाता है। यदि किसी जलपात्र में पानी है तो उसे सप्ताह में एक बार जरूर खाली कर दें। जैसे कूलर, गमला, टीन का डिब्बा, नारियल का खोल, डिब्बा, फ़्रिज के पीछे का डीफ्रास्ट ट्रे की सफाई हमेशा करते रहना आवश्यक है। मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति का समय से इलाज शुरू होने पर जान जाने का खतरा कम हो जाता है।
क्या करें
मलेरिया से बचाव के लिए रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। आसपास दूषित पानी इकट्ठा नहीं होने देना चाहिए। साफ-सफाई रखनी चाहिए। बुखार होने पर तत्काल आशा से संपर्क करें या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर परामर्श लें। सही समय पर निदान उपचार होने से रोगी पूर्णतः स्वस्थ हो जाता है।