Breaking News

सामाजिक संकीर्णताओं से ऊपर उठकर जीवन में करें आदर्श स्थापित : डा विजय नारायण






संतोष कुमार द्विवेदी 

नगरा, बलिया।। श्री नरहेजी महाविद्यालय नरही का राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर सोमवार को श्री नरहेजी इंटर कॉलेज परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य चंद्रशेखर सिंह एवं शिक्षाविद डा विजय नारायण सिंह ने मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

          सात दिवसीय विशेष शिविर में शिविरार्थियों द्वारा स्वच्छता ,मतदाता जागरूकता ,पर्यावरण संरक्षण ,जल संरक्षण , बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, यातायात नियमों की जानकारी आदि ज्वलंत विषयों पर रैली माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया गया। साथ ही सार्वजनिक संपर्क मार्गो, नालियों एवं धार्मिक स्थलों की साफ सफाई कर लोगों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया।

शिविर के समापन कार्यक्रम में स्वयंसेवक सेविकाओं के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की रंगारंग प्रस्तुति दी गई। अनुराधा एवं कोमल ने वंदना वीणा वादिनी ज्ञान की देवी प्रस्तुत कर माहौल भक्तिमय बना दिया। अनुराधा एवं नेहा ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। वही खुश्बू, अन्नू ने राम आएंगे राम आएंगे को प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। खुश्बू एवं सहेलियों ने नारी सशक्तिकरण पर गीत प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। नेहा खरवार ने गीत के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। स्वयं सेवक आदर्श पांडेय ने सात दिनो की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत किया।

 समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि ने  शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों का सामाजिक तथा बौद्धिक विकास होता है। उन्होंने शिविरार्थियों को अपने अनुभवों को समाज में बांटने का आहवान किया। शिक्षाविद डा विजय नारायण सिंह उर्फ गोपाल जी ने शिविरार्थियों को सामाजिक संकीर्णताओं से ऊपर उठकर जीवन में आदर्श व चरित्रवान नागरिक बनने की प्रेरणा दी। कहे कि स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा के माध्यम से छात्र छात्राओं के व्यक्तित्व विकास ही रासेयो का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम अधिकारी राम जी सिंह ने शिविर के दिनचर्या पर प्रकाश डाला। डा श्वेता सिंह, डा बलिराम राय, राजेश सिंह, प्रदीप मिश्रा, बब्बन सिंह आदि मौजूद रहें। अध्यक्षता प्राचार्या डा सुशीला सिंह एवं संचालन डा कृष्ण मोहन सिंह ने किया। डा शोभा मिश्रा ने आभार व्यक्त किया।