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नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर को मिला लालबहादुर शास्त्री साहित्यरत्न एव गीता श्री साहित्य भारती महाराष्ट्र इकाई सम्मान






चन्दौली।।दीनदयाल उपाध्याय नगर जनपद चंदौली में  हिंदी साहित्य कि अंतराष्ट्रीय संस्था मंजिल ग्रुप साहित्यक मंच  द्वारा  ग्रामीण साहित्यक अनुष्ठान का आयोजन रेवसा ग्राम के विश्वनाथ भवन के प्रांगण में  संस्था के राष्ट्रीय संयोजक  सुधीर सिंह  के संयोजन एव श्रीमती विंदु सिंह जी के स्नेह आशीर्वाद सरंक्षण में आयोजित किया गया ।  

नौ दिन तक चले इस मैराधन साहित्यिक अनुष्ठान में  देश के विभिन्न भागों से विद्वान ख्याति लब्ध साहित्यकारों ने अपनी गरिमामयी सहभागिता प्रदान किया। 

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच द्वारा अपने संकल्पित अनुष्ठानों कि तरह नौ दिवसीय ग्रामीण साहित्यिक कार्यक्रम में बिभिन्न राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय विषयो पर विद्वत साहित्यकारों के विचारों को आमंत्रित किया गया जिसके अंतर्गत साहित्यकारों द्वारा बढ़ चढ़ कर सहभगिता भी सुनिश्चित की जो समाज समय एव मानवता के साथ साथ राष्ट्र एव अंतराष्ट्र के लिये प्रासंगिक एव महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम के अंतर्गत प्रभात फेरी स्कूली बच्चों द्वारा एकांकी सहभागी विद्वत जनों द्वारा दहेज प्रथा उन्मूलन से सम्बंधित एकाकी प्रस्तुत किया गया जो सम्पूर्ण समाज को दिशा दृष्टि दृष्टिकोण प्रदान करने में सक्षम सफल हुआ।


कार्क्रम में सहभागी छः साहित्यकारों  को लालबहादुर शास्त्री की जन्मभूमि पर लालबहादुर शास्त्री सम्मान से अलंकृति किया गया।69 जाने माने साहित्यकारों को    पदक , सम्मानपत्र , स्मृतिचिह्न , अंगवस्त्र और साफ़ा पहनाकर सम्मानित किया गया ।

राष्ट्रीय संयोजक सुधीरसिंह सुधाकर ने बताया कि राष्ट्रीय  अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर साहित्य की लौ प्रज्वलित रखनेवाली संस्था विश्व- स्तर पर साहित्यकारों की  रचनाओं  की समीक्षा सभी पटलों पर करके रचनाओं की श्रेष्ठता/ दुर्बलता के आधार पर  उन्हें ग्रीन , यलो अथवा रेड कार्ड प्रदान करती है ।

रचनाओं पर  5000 ग्रीनकार्ड मिलने पर साहित्यकार लालबहादुर शास्त्री साहित्यरत्न सम्मान की पात्रता धारण कर लेता है।लाल बहादुर शास्त्री सम्मान प्राप्त करने के साथ ही  संस्था में साहित्यकार कि पदाधिकारी के रूप में पदोन्नति भी हो जाती है।

देश के विभिन्न अँचलों के  जिन  06 रचनाकारों को यह सम्मान प्रदान किया गया उनके नाम हैं -- नंदलाल मणि,  मदनमोहन 'सजल' , रविकान्त सनाढ्य , सीमा गर्ग 'मंजरी' , निर्मला कर्ण  तथा नरेन्द्र वर्मा 'नरेन '।

इसके साथ ही साहित्यसेवा करने में अग्रणी तीन संस्थाओं के प्रमुखों को भी सासेवा  सम्मान से नवाज़ा गया जिनमें '  गीता- श्री साहित्य- भारती संस्था के प्रमुख  राजनारायण कैमी को द्वितीय रहने पर सासेंवा सम्मान मिला तथा 'लेख्यमंजूषा  ' संस्था  को तृतीय रहने पर संस्था -प्रमुख विभारानी श्रीवास्तव को सक्सेना सम्मान मिला । 

प्रथम स्थान पानेवाली  ' 'शब्द- निष्ठा ' संस्था के प्रमुख डॉ. अखिलेश पालरिया सम्मान ग्रहण करने हेतु आ नहीं पाए ।इस स्थानीय व्यक्तियो  में जनार्दनसिंह , पारसनाथसिंह तथा सत्येन्द्रसिंह का मगसम को पूर्ण सहयोग मिला ।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर को लाल बहादुर शास्त्री सम्मान के साथ ही गीता श्री साहित्य परिषद के संस्थापक राष्ट्रीय प्रमुख श्री राजनरायन गुप्त कैमी द्वारा गीता श्री साहित्य भारती परिषद कि महाराष्ट्र इकाई द्वारा प्रदत्त संम्मान प्रदान किया।